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अलग राज्य न बनने से नाराज हैं बुंदेलखंड के लोग, संगठनों ने कहा प्रत्याशी के बजाय चुनेंगे 'नोटा'
लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी उमा भारती और वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने सरकार बनने के तीन साल के अंदर बुंदेलखंड राज्य बनाने का वादा किया था। उमा यहां से जीत गईं। उमा भी मंत्री बनीं और राजनाथ सिंह तो गृहमंत्री बने। लेकिन मंत्री बनने के बाद वे अपना वादा भूल गए।
झांसी: विधानसभा चुनाव में बुन्देलखण्ड राज्य का मुद्दा भाजपा के लिए मुसीबत बन सकता है। दरअस्ल, लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेत्री उमा भारती ने जनता से बुंदेलखंड को राज्य बनवाने का वादा किया था, जो वह केंद्रीय मंत्री बनने के बाद भूल गईं। इससे, बुंदेलखंड राज्य की मांग करने वाले भाजपा से नाराज हैं।
भौगोलिक स्थिति
बुन्देलखण्ड में उत्तर प्रदेश के 7 जिले और मध्य प्रदेश के 6 जिले शामिल माने जाते हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के झांसी, जालौन, ललितपुर, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर और बांदा जिले शामिल हैं। जबकि मध्य प्रदेश में दतिया, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह और पन्ना जिले आते हैं। बुन्देलखण्ड राज्य की मांग केवल उत्तर प्रदेश में शामिल जिलों में होती रही है। लेकिन मध्य प्रदेश के लोग इस पक्ष में नहीं हैं, इसलिये मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार होते हुए भी, बुन्देलखण्ड राज्य नहीं बन पा रहा है।
2012 विधानसभा चुनाव में बुन्देलखण्ड कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी राजा बुन्देला चुनावी मैदान में उतरे थे। उन्होंने इसे मुद्दा बनाकर कई फिल्मी स्टार्स को झांसी की नगरी में उतारा था। इसके बाद भी वे चुनाव में जीत हासिल नही कर पाये थे। और वह लोकसभा चुनाव में भाजपा में शामिल हो गये थे। हालांकि इसके बाद अब भी वह बुन्देलखण्ड राज्य की बात तो कर रहे हैं, लेकिन हकीकत में अब वह सिर्फ भाषणों में ही इसके लिये संघर्ष करते नजर आते हैं।
उमा की वादा खिलाफी
2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा से उमा भारती चुनावी मैदान में आई थीं। उमा भारती से लेकर वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह तक ने सरकार बनने के तीन साल के अंदर राज्य बनाने का वादा किया था। इस मुद्दे का उन्हें लाभ मिला और उमा यहां से जीत गईं। उमा भी मंत्री बनीं और राजनाथ सिंह तो गृहमंत्री बने। लेकिन केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद ये जनता से किया गया वादा भूल गए। इससे नाराज लोगों ने उमा के खिलाफ धरनों-प्रदर्शनों से लेकर पुतले फूंकने तक विरोध किया।
भुगतना पड़ सकता खामियाजा
बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानु सहाय का कहना है कि वे राज्य की मांग को लेकर एक लम्बे अरसे से लड़ाई लड़ते चले आ रहे थे। जिसके लिए उन्होंने कई आंदोलन किये। परन्तु निराशा ही हाथ लगी। बसपा ने राज्य बनाने के लिये प्रस्ताव पास भी कर दिया था। लेकिन केन्द्र की भाजपा सरकार में यह प्रस्ताव अटका हुआ है। जिसका खामियाजा पार्टी को विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।
बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल तिवारी का कहना है केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने जनता को छला है। किसी भी राजनैतिक पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में बुन्देलखण्ड राज्य की बात नहीं रखी है। सभी केवल सत्ता में आने के लिये कोरे वादे करते हैं। अब इस लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए वह लोगों से नोटा का बटन दबाने की अपील करेंगे।
(फोटो साभार:यूट्यूब)