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किसानों ने की महापंचायत, कहा-घोषणा पत्र में हमें दें तरजीह, वर्ना वोट नहीं

इलाहबाद के किसान महा पंचायत में फैसला लिया गया कि जो भी राजनैतिक पार्टी किसानों के कर्जे माफ ,पांच वर्ष के लिए ब्याज मुक्त कर्ज, कर्जों से पीड़ित व फसलों के उचित मूल्य नहीं मिलने से किसानों के लगातार किए जा रहे आत्महत्या के सवालों को अपने घोषणा पत्रों में जगह दे कर ईमानदारी से किसान हित में काम की बात करेगा उसे ही किसान वोट देंगे।

priyankajoshi
Published on: 18 Jan 2017 6:06 PM IST
किसानों ने की महापंचायत, कहा-घोषणा पत्र में हमें दें तरजीह, वर्ना वोट नहीं
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इलाहाबाद : देशभर से जुटे किसानों ने तीन दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन शिविर में किसानों के मुद्दों से जुड़े ग्यारह अहम प्रस्ताव पारित किए।

इलाहाबाद के किसान महा पंचायत में फैसला लिया गया कि जो भी राजनैतिक पार्टी किसानों के कर्जे माफ ,पांच वर्ष के लिए ब्याज मुक्त कर्ज, कर्जों से पीड़ित व फसलों के उचित मूल्य नहीं मिलने से किसानों के लगातार किए जा रहे आत्महत्या के सवालों को अपने घोषणा पत्रों में जगह देकर ईमानदारी से किसान हित में काम की बात करेगा उसे ही किसान वोट देंगे।

क्या कहा किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने?

किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के कहा कि किसान यूनियन को सभी पार्टियों के घोषणा पत्रों का इंतजार है। इसके बाद फैसला लिया जाएगा कि किसानों का समर्थन किसे मिलेगा। वहीं मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले की आलोचना करते हुए बताया कि यह खास तौर पर छोटे किसानों के लिए परेशानी का सबब बना रहा। इससे फल,सब्जी उत्पादक किसानों को भारी नुकसान हुआ। काफी किसान समय पर बुआई पैसे की कमी से नहीं कर पाए तो वहीं सब्जी फलों के खरीदारों की कमी से उचित मूल्य नहीं मिला।

किसान भुगत रहे खमियाजा

इलाहबाद के माघ मेला में किसानों की इस पंचायत में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। इस मौके पर स्वामीनाथन किसान आयोग की सिफारिशों को अविलंब लागू करने की मांग रखी गई। सहकारी बैंको पर लगाई गई तमाम तरह की रोक अविलंब हो जाए। भारत सरकार की ओर से हाल में गेंहू व आलू से आयत शुल्क हटाए जाने का फैसला किसान विरोधी है। जिसका खमियाजा किसान भुगत रहे है।

दी जाएं अच्छी व्यवस्था

बुंदेलखंड के किसानों के लिए अलग से कृषि नीति बनाते हुए अविलंब भोजन पानी और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की जाय। अब देखना ये है कि संगम नगरी इलाहाबाद के इस किसान माह पंचायत में पारित प्रस्तावों को राजनैतिक दल किस तरह से लेते है। या फिर इस चुनाव में भी किसानों के इस हुंकार को दर किनार कर दिया जाता है।



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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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