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अपने ही गढ़ में घिर गई है सपा, कांच की नगरी में घर से ही मिल रही है चुनौती

करोडों का कांच का उत्पादन और निर्यात करने वाला शहर विकास से अछूता है। आश्चर्य की बात तो यह है कि कई बार घोषणा के बाबजूद इस उद्योगनगरी में आज तक ट्रांसपोर्ट नगर नहीं बना है। रोडवेज की डिपो भी नहीं है।

zafar
Published on: 24 Jan 2017 11:01 AM GMT
अपने ही गढ़ में घिर गई है सपा, कांच की नगरी में घर से ही मिल रही है चुनौती
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अपने ही गढ़ में घिर गई है सपा, कांच की नगरी में घर से ही मिल रही हैं कड़ी चुनौतियां

फिरोजाबाद: कांच नगरी फिरोजाबाद की आबादी लगभग 21 लाख है। यहां का मुख्य कारोबार कांच पर टिका है और हर तीसरा व्यक्ति कांच उद्योग से जुडा है। कांच की अलग अलग वस्तुओं का उत्पादन करने वाली लगभग चार सौ फैक्ट्रियां हैं। करीब चार लाख मजदूर यहां कांच के कारखानों में काम करते हैं। फिरोजाबाद में कांच उद्योग से लगभग 10 करोड़ रुपये प्रतिदिन का उत्पादन होता है। जिसमें सालाना निर्यात ही करीब 1500 करोड़ रुपये होता है।

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अपने ही गढ़ में घिर गई है सपा, कांच की नगरी में घर से ही मिल रही हैं कड़ी चुनौतियां

उपेक्षा का शिकार

फिरोजाबाद में मुख्य रूप से बिजली, पानी, सड़क और सुरक्षा की समस्या है। यहां से 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा के दिग्गज नेता रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव सांसद चुने गये थे और कमोबेश यह जिला विशिष्ट जिला बन गया था। लेकिन सपा ने वादे पूरे करने में ढील बरती। पानी की समस्या जस की तस है। जिले के 9 प्रखंडों में से 5 को सरकार ने डार्क जोन घोषित कर रखा है। यानी सरकार ने माना है कि यहां का पानी पीने लायक नहीं है।

लेकिन करोडों का कांच का उत्पादन और निर्यात करने वाला शहर विकास से अछूता है। आश्चर्य की बात तो यह है कि कई बार घोषणा के बाबजूद इस उद्योगनगरी में आज तक ट्रांसपोर्ट नगर नहीं बना है। रोडवेज का डिपो भी नहीं है।

वैसे तो सपा सरकार ने दो साल पहले फिरोजाबाद को नगर निगम का दर्जा दे दिया है लेकिन विकास के लिए अतिरिक्त धन नहीं मिला। निगम का बोर्ड भंग पडा है और विकास ठप है।

जिले की एक बड़ी समस्या कानून व्यवस्था की है। जिले में कानून व्यवस्था बहुत खराब है।

वैसे नोटबंदी भी इस चुनाव में एक मुद्दा है। फिरोज़ाबाद 4 लाख मजदूरों का शहर है जो नोटबंदी से प्रभावित हुआ है।

-फिरोजाबाद जिले में कुल मतदाता 16,98,988 हैं। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 9,31,572 और महिला मतदाताओं की संख्या 7,66,556 है।

-जिले में 1868 बूथ हैं जिनमें अधिकांश संवेदनशील माने जाते हैं।

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अपने ही गढ़ में घिर गई है सपा, कांच की नगरी में घर से ही मिल रही हैं कड़ी चुनौतियां

सपा बनाम सपा

-2012 के विधानसभा चुनाव में फिरोजाबाद से बीजेपी, टूंडला से बसपा, शिकोहाबाद, सिरसागंज और जसराना से सपा के विधायक चुने गए थे।

-लेकिन इस बार चुनाव में हालात बदले हैं।

-शिकोहाबाद से सपा के विधायक ओमप्रकश वर्मा का टिकट कट गया है।

-जसराना के 4 बार सपा से विधायक रहे रामवीर सिंह यादव का टिकट भी काट दिया गया है।

दांव पर साख

-रामवीर सिंह यादव मुलायम सिंह यादव के निकट संबंधी हैं लेकिन शिवपाल समर्थक होने के कारण उनका टिकट काटा गया।

-टूंडला में तीन दिन पहले बीजेपी से सपा में शामिल हुए पूर्व विधायक शिव सिंह चक को सपा का टिकट दे दिया गया।

-वैसे तो फिरोजाबाद सपा का गढ़ माना जाता है, लेकिन पार्टी में दो फाड़ होने के बाद कार्यकर्ताओं में नाराजगी है।

-अपने ही गढ़ में एक तरफ रामगोपाल यादव के समर्थक और दूसरी तरफ शिवपाल के समर्थक भिड़ते नजर आएंगे।

प्रत्याशियों पर दाग

-बीजेपी के विधायक मनीष असीजा और पूर्व विधायक और मौजूदा सपा प्रत्याशी अज़ीम भाई पर राजनीतिक मुकदमे चल रहे हैं।

-बसपा के टिकट पर शिकोहाबाद से प्रत्याशी शैलेन्द्र यादव पर सरकारी ठेके में अनियमितताओं का केस है।

-जलकल विभाग में ठेकेदार शेलेन्द्र पर 2015 में बिना काम कराए भुगतान को लेकर तत्कालीन जिलाधिकारी विजय किरण आनंद ने मुकदमा दर्ज कराया था।

-बसपा प्रत्याशी इस मामले में जमानत पर चल रहे हैं।

आगे की स्लाइड में टूंडला विधानसभा का समीकरण...

टूंडला विधानसभा

-टूंडला विधानसभा क्षेत्र में 3,49,604 कुल मतदाता हैं। इनमें 1,90,769 पुरुष मतदाता और 1,58,835 महिला मतदाता हैं।

-टूंडला में दलित वर्ग और नौकरीपेशा लोगों की बड़ी आबादी है।

-पिछले चुनाव में इस सीट से बसपा के राकेश बाबू चुनाव जीते थे। बसपा ने इस बार फिर उन पर भरोसा जाताया है।

-बीजेपी ने यहां से तीन बार के सांसद एसपी सिंह बघेल को चुनाव मैदान में उतारा है।

-सपा ने बीजेपी छोड़ कर आए शिव सिंह चक को टिकट दे दिया है।

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फ़िरोज़ाबाद शहर

फिरोजाबाद शहर सीट पर 3,80,025 कुल मतदाता हैं। इनमें 2,09,694 पुरुष और 1,70,331 महिला मतदाता हैं।

-कांच के मध्यम वर्ग के कारोबारी सबसे अधिक फ़िरोज़ाबाद शहर में ही हैं।

-फ़िरोज़ाबाद शहर में बिजली-पानी की बहुत ही विकराल समस्या है जिससे आम लोग परेशान रहते हैं।

-फ़िरोज़ाबाद शहर से बीजेपी के मनीष असीजा पिछले चुनाव में विधायक चुने गये थे।

-लेकिन केंद्र में बीजेपी की नोटबंदी का दंश सबसे ज्यादा कांच के कारखानों को झेलना पड़ा है।

-सपा ने इस बार यहां से अजीम भाई को टिकट दिया है जो पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे थे।

-बसपा ने एक बार फिर खालिद नासिर पर भरोसा जताया है, जो पिछले चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे थे।

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शिकोहाबाद विधानसभा

शिकोहाबाद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 3,24,459 है। इनमें 1,79,305 पुरुष और 1,45,429 महिलाएं हैं।

-इस विधानसभा क्षेत्र में किसानों की संख्या ज्यादा है। इसके अलावा यादव और मल्लाह जाति के लोग अधिक हैं।

-परंपरागत रूप से यह सीट सपा की मानी जाती है और यहां से पिछली बार सपा के ओमप्रकाश वर्मा विधायक चुने गये थे।

-लेकिन इस बार सपा ने ओमप्रकाश वर्मा का टिकट काट दिया है। उनके स्थान पर युवा संजय यादव को टिकट दिया गया है।

-बसपा ने यहां से शैलेन्द्र यादव को टिकट दिया है जो पहले बसपा की राजनीति में नहीं थे।

-बीजेपी ने इस बार सर्जन डॉक्टर मुकेश वर्मा को टिकट दिया है.

-जातिगत समीकरण यहां सपा के पक्ष में हैं लेकिन सपा में चल रहे विवाद का असर पड़ेगा।

-सपा से मैनपुरी के सांसद तेज प्रताप सिंह यादव के नाना रामप्रकाश यादव उर्फ नेहरु निर्दलीय ताल ठोंक रहे हैं।

आगे की स्लाइड में सिरसागंज विधानसभा का समीकरण...

सिरसागंज विधानसभा

-सिरसागंज विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 3,05,404 है। इनमें 1,67,614 पुरुष मतदाता और 1,37,767 महिला मतदाता हैं।

-यह इलाका आलू की खेती के लिये प्रसिद्ध है लेकिन नोटबंदी के कारण करीब डेढ़ लाख कुंटल आलू खेतो में ही सड़ गया और किसानों को नुकसान झेलना पड़ा।

-पिछली बार यहां से सपा के हरिओम यादव इस सीट से विधायक चुने गये थे।

-इस बार भी पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है।

-बीजेपी ने यहा से पूर्व मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह को टिकट दिया है।

-सिरसागंज सीट पर बसपा ने ठाकुर राघवेन्द्र सिंह को प्रत्याशी बनाया है।

आगे की स्लाइड में जसराना विधानसभा का समीकरण...

जसराना विधान सभा

-जसराना विधानसभा सीट के तहत मतदाताओं की कुल संख्या 3,39,519 है इनमें 1,85,325 पुरुष और 1,54,194 महिलाएं हैं।

-सबसे ज्यादा किसानों वाला विधानसभा क्षेत्र है और परंपरागत रूप से सपा की सीट है।

-क्षेत्र में यादव, लोधे राजपूत और बघेल समाज की संख्या ज्यादा है।

-जसराना से शिवपाल समर्थक मौजूदा विधायक रामवीर सिंह यादव का टिकट काट कर शिव प्रताप यादव को टिकट दिया है।

-बसपा ने यहां से शिवराज सिंह यादव को मैदान में उतारा है।

-बीजेपी ने रामगोपाल लोधी उर्फ़ पप्पू लोधी को टिकट दिया है।

-टिकट कटने पर चार बार के सपा विधायक रामवीर सिंह बगावत करके निर्दलीय मैदान में उतर गये हैं।

-इस बार जसराना में भी यादवों का वोट बंटेगा जिसका सपा को नुकसान होगा।

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