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लोकतंत्र के पर्व पर भारी पड़ेगा शिवरात्रि का महापर्व, शिवभक्ति के कारण हजारों नहीं कर सकेंगे वोटिंग

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Published on: 22 Feb 2017 12:24 PM IST
लोकतंत्र के पर्व पर भारी पड़ेगा शिवरात्रि का महापर्व, शिवभक्ति के कारण हजारों नहीं कर सकेंगे वोटिंग
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प्रतापगढ़: एक तरफ जहां चुनाव आयोग वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए तरह-तरह के प्रयास कर रहा है, वहीं इसके रास्ते में अड़चनें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। चौथे चरण में होने वाली वोटिंग में शिवरात्रि का पर्व परेशानी खड़ा कर रहा है। बेरोजगारी के कारण लोगों के पलायन करने से तहसील के हजारों वोटर्स वोट नहीं कर पाएंगे। जिससे चुनाव की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है। मजे की बात यह है कि चुनावी ड्यूटी पर लगे सरकारी कर्मचारियों के लिए आयोग ने वोटिंग की व्यस्था की है। लेकिन इन लोगों के लिए आयोग ने कोई व्यवस्था नहीं की। जिससे ये लोग अपने वोट का प्रयोग नहीं कर सकेंगें।

वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाने के लिए आयोग कई तरह के प्रयास कर रहा है । वोटर्स को जागरूक करने के लिए रैली सहित सभी हथकंडे अपना रहा है। आयोग के इतने प्रयासों के बावजूद भी हजारों लोग आयोग की अदूरदर्शिता के कारण शिवरात्रि और बेरोजगारी के कारण अपने वोट का प्रयोग नहीं कर पाएंगे।

दरअसल, 23 फरवरी को होने वाली वोटिंग के ठीक एक दिन बाद शिवरात्रि का पर्व है। तहसील के सैकड़ों भोले बाबा के भक्त प्रत्येक वर्ष बाबा धाम जाकर भगवान भोले नाथ को जलाभिषेक करते हैं। इस बार 24 फरवरी को शिवरात्रि का पर्व पड़ रहा है। जिससे तहसील के सैकड़ों वोटर्स वोटिंग के दिन बाबा धाम में रहेंगे और वे अपने वोट का प्रयोग नहीं कर पाएंगे।

इसके अलावा तहसील के सैकड़ों बेरोजगार रोजगार के सिलसिले में गैर प्रांतों में रहते हैं और इस समय ईंट-भट्ठों पर मजदूरों की मांग होने के कारण बहुत सारे मजदूर वोटिंग के पहले ही अपने घर को छोड़कर रोजी रोटी के सिलसिले में ग़ैर प्रांत चले जा रहें हैं। जिससे ये लोग में भी अपना वोट नहीं दे सकेंगे।

चुनाव आयोग ने ड्यूटी पर लगे सरकारी कर्मचारियों के लिए वोटिंग की व्यवस्था तो की, लेकिन इन मजदूरों और भगवान भोले के भक्तों के लिए मतदान की कोई व्यस्था नहीं की। जिससे तहसील के हजारों वोटर्स अपने वोट का प्रयोग चाहकर भी आयोग की अदूरदर्शिता के कारण नहीं कर पाएंगे। जिससे आयोग की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है।

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