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कमाल फारूखी ने कहा- सपा ने किया मुसलमानों को कंफ्यूज, मायावती को जिताकर देना होगा जवाब

मुसलमानों को हाशिए पर किया गया ताकि उनकी वोट की कोई वैल्यू न रह जाए। कुछ लोग यह फैला रहे है हैं कि बसपा-भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना लेगी।

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Published on: 10 Feb 2017 4:42 PM IST
कमाल फारूखी ने कहा- सपा ने किया मुसलमानों को कंफ्यूज, मायावती को जिताकर देना होगा जवाब
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लखनऊः बसपा सुप्रीमो मायावती से मिलने के बाद कमाल फारूखी ने कहा कि वह दलित-मुस्लिम एकता के लिए काम करते रहे हैं। अगर दलित-मुस्लिम एक साथ हो जाएं तो उन्हें वह अधिकार मिल सकते हैं जो संविधान में उन्हें दिए गए हैं। कांग्रेस के भी हाथ साफ नहीं रहे हैं और उन्होंने अपने हिसाब से संविधान की व्याख्या की। आर्टिकल 134 में यह साबित होता है।

मुसलमानों को हाशिए पर किया गया ताकि उनकी वोट की कोई वैल्यू न रह जाए। कुछ लोग यह फैला रहे है हैं कि बसपा-भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना लेगी। जब इस बारे में बहनजी से पूछा तो उन्होंने कहा कि किसी हालात में भाजपा से हाथ नहीं मिलाएंगे। सपा मुसलमानों को कंफ्यूज कर रही है। उनके परिवार के सारे लोग एमपी बन जाए और एक मुसलमान पार्लियामेंट न जा पाएं, यही उनकी रणनीति है।

मुलायम का कहा सही नहीं- कमाल फारूखी

कमाल ने कहा कि हमसे 18 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया गया, लेकिन देश में मजहब के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। मुलायम ने जो कहा वह सही नहीं था। सपा सरकार ने मुसलमानों से किए एक भी वादे पूरे नहीं किए। उन्होंने मुजफ्फरनगर दंगे का जिक्र करते हुए कहा कि जाट और मुसलमानो को लड़ा कर यह किसने किया। प्रदेश में 500 फसाद है, लेकिन इन फ़सादियों पर कोई एक्शन नहीं हुआ।

मेरा पार्टी ज्वाइन करने का कोई इरादा नहीं- फारूखी

मेरा पार्टी ज्वाइन करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन आवाज उठाना पड़ेगा। नोटबंदी का असर आप आने वाले वक़्त में देखेंगे। इसका हर आदमी पर असर पड़ा है। कमजोर, गरीब और दलितों पर इसका असर पड़ा है।संविधान में छेड़छाड़ का तालुक है यदि लॉ मिनिस्टर कह रहा है कि हम 11 के बाद ट्रिपल तलाक को बंद करेंगे। जब मैटर सब जुडिसियल हो तो उन्हें इतनी ओछी बात नहीं करनी चाहिए। क्या वह सुप्रीम कोर्ट से ऊपर हैं। आप ने लोगो में नफरत फैलाने का काम किया और मुसलमानों से कहा कि अगर आप हमारे साथ नहीं आते हैं तो हम ट्रिपल तलाक को बंद कर देंगे।

इस मुल्क का कोई शहरी महफूज नहीं है, यहां हमारे अधिकारों को खतरा है। अगर मुसलमान यह बात कहेंगे तो इसे कम्यूनिलाइज कर दिया जाएगा, जबकि ऐसे बड़ी तादाद में गैर मुस्लिम है। पहले और दूसरे चरण में अगर सही तौर पर वोट देंगे तो इस राज्य की हालत बदली जा सकती है।

मुस्लिमों को करना चाहिए टीट फॉर टैट- कमाल

अखिलेश का यह खानदानी पारिवारिक मामला था। इसे जानबूझकर मीडिया में प्रेजेंट किया गया। भाजपा को एक भी मुस्लिम कैंडिडेट नहीं मिला। मुसलमान सपा की तरफ जा रहा है इसे नकारना जरूरी था। कोशिश होगी की जगह जगह हम लोगो को यह मैसेज पहुंचाएं। मुसलमान की संख्या के आधार पर मायावती ने टिकट दिए है। मुस्लिमों को भी टीट फॉर टैट करना चाहिए। अपने साथ दलितों को भी जीताकर लाना चाहिए।

मायावती से की डिमांड

-संविधान में हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं

-मुस्लिमो को एजुकेशन में मदद

-पुलिस फोर्स में आबादी के हिसाब से मुसलमानों की भर्ती

-दंगाइयों और आरोपी पुलिस अफसरों पर कारवाई

-खालिद की केस फाइल फिर से ओपन की जाए

-कल्कि पीठाधिस्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी बसपा को सपोर्ट किया

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