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मायावती ने कहा- BSP नहीं बोलती बड़े बोल, जुमलेबाजी करना हमें पसंद नहीं

aman
By aman
Published on: 8 Jan 2017 1:47 PM IST
मायावती ने कहा- BSP नहीं बोलती बड़े बोल, जुमलेबाजी करना हमें पसंद नहीं
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लखनऊ: चुनाव के समय बसपा किस्म-किस्म के लोकलुभावन वायदों और बड़े-बड़े सपने दिखाने वाली कोई चुनावी अपील जारी नहीं करती है। पार्टी ना तो कोई बड़े बोल बोलती है और ना ही कोई जुमलेबाजी करना पसंद है। इसकी हर नीति और कार्यक्रम सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय पर आाधारित होता है। यही इसका राजधर्म और कर्म है। ये बातें बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने 19 मॉल एवेन्यू स्थित पार्टी मुख्यालय में वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक में कही।

बसपा सुप्रीमो ने कहा, 'बसपा अनुशासित पार्टी होने के साथ-साथ एक मूवमेंट भी है। इसीलिए अन्य राजनीतिक पार्टियों जैसे- बीजेपी, कांग्रेस और सपा से अलग व्यवहार करते हुए जनकल्याण के लिए जो कहती है, वह करती है। इस प्रकार की इसकी विश्वसनीयता पार्टी की असली पूंजी है।'

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कार्यकर्ता लगाएं पूरा जोर

बैठक में मायावती ने चुनावी तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि 'तमाम परिस्थितियां बता रही हैं कि प्रदेश में कानून द्वारा कानून का राज स्थापित करने के लिए सर्वसमाज के लोग बीएसपी की सरकार दोबारा बनाने को तत्पर हैं। कार्यकर्ता थोड़ी और लगन व मेहनत से काम करके प्रदेश में सत्ता के बहु-प्रतीक्षित लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।'

अन्य पार्टियां बस बरगलाने का काम करती है

उन्होंने कहा कि 'अन्य पार्टियां चुनाव के समय अपील करती है, वह लोगों की निगाह में कोई विशेष महत्व नहीं रखता। सरकार बनने के बाद बीजेपी, कांग्रेस और सपा इस अपील पर ध्यान नहीं देती है। सरकारी संसाधनों का घोर दुरुपयोग करते हुए विज्ञापनों आदि के माध्यम से केवल गलत दावों के कूड़ों का ढेर लगा देती है।'

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सपा की रहती है जातिवादी नीति

मायावती ने कहा कि सपा सरकार बदहाल सरकार साबित हुई है। इसने बीजेपी से अपनी मिलीभगत के कारण उत्तर प्रदेश का और भी ज्यादा नाश किया है। जातिवादी नीति और इसी पर आधारित सपा की गलत कार्यशैली के कारण आज प्रदेश में कुछ लोगों को छोड़कर सर्वसमाज की समस्त जनता दुःखी है।

कार्यकर्ता करें सहयोग

उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को आचार संहिता को ईमानदारी के साथ लागू करने में सहयोग करना है। इन मामलों में भी विरोधी पार्टियों से अलग हटकर पूरे तौर से एक अनुशासित पार्टी के रूप में व्यवहार करना है। पर अगर कोई अधिकारी कोई पक्षपात या अपनी मनमानी या फिर कमजोर और उपेक्षित वर्गों के लोगों को परेशान या आतंकित करने की कोशिश करता है तो उसकी लिखित शिकायत तुरंत वहां तैनात केन्द्रीय पर्यवेक्षक व निर्वाचन आयेग को करने जरूरी है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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