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UP चुनाव: क्या अखिलेश बचा पाएंगे 'सपा का गढ़'? 2012 में जीती थी 69 में 55 सीटें

aman
By aman
Published on: 19 Feb 2017 8:50 AM IST
UP चुनाव: क्या अखिलेश बचा पाएंगे सपा का गढ़? 2012 में जीती थी 69 में 55 सीटें
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सपा नेता ने अखिलेश से पूछा- प्रदेश अध्यक्ष पद का हूं दावेदार, बताएं कैसे करूं आवेदन?

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए जिन 12 जिलों में मतदान हो रहा है वह समाजवादी पार्टी (सपा) का गढ़ माना जाता है। इस चरण में इटावा, मैनपुरी, एटा कन्नौज और औरैया में भी चुनाव हो रहे हैं। साथ ही राजधानी लखनऊ में भी लोग मतदान कर रहे हैं।

जिन 12 जिलों में चुनाव होने हैं वो हैं बाराबंकी, सीतापुर, लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, कानपुर देहात, औरैया, मैनपुरी, इटावा, कन्नौज, हरदोई और फर्रुखाबाद। साल 2012 के विधानसभा चुनाव में इस इलाके में समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था। वह उसे दोहराने का प्रयास जरूर करेगी। लेकिन अहम बात ये है कि इस बार सपा की अगुवाई मुलायम सिंह यादव नहीं बल्कि खुद अखिलेश यादव कर रहे हैं।

69 में 55 सीट सपा के खाते में गया था

पिछले चुनाव में सपा ने 69 में से 55 सीटें जीती थी। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को मात्र 6 सीटें ही हासिल हुई थी जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सिर्फ 5 सीटें मिल पाई थी। दो सीटें कांग्रेस को मिली थी। एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार जीता था।

अखिलेश के लिए चुनौती

इस चुनाव में अखिलेश यादव के लिए ये बड़ी चुनौती होगी कि वो अपने पिछले आंकड़े तक पहुंच पाते हैं या नहीं। क्योंकि माना जा रहा है कि इन इलाकों में मुलायम सिंह यादव की अच्छी पकड़ है, लेकिन पिछले दिनों पार्टी में जो कुछ हुआ उससे चुनाव परिणाम पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।

अपर्णा की किस्मत का होना है फैसला

इसी फेज में मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव की किस्मत का फैसला भी होना है। अपर्णा लखनऊ कैंट सीट से सपा की उम्मीदवार हैं। अपर्णा को बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी से टक्कर मिल रहा है। वहीं बसपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए बृजेश पाठक लखनऊ मध्य से किस्मत आजमा रहे हैं। जबकि जसवंत नगर सीट से सीएम अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव मैदान में हैं।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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