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अंसारी बंधु BSP में शामिल, मुख्तार मऊ सदर तो घोसी सीट से अब्बास होंगे प्रत्याशी
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी ने मऊ सदर से मुख्तार अंसारी को टिकट दिया है। वहीं घोसी विधानसभा सीट से अब्बास अंसारी को और गाजीपुर की मोहम्मदाबाद से सिगबुत्तल्लाह अंसारी को टिकट दिया गया है। ये ऐलान बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक प्रेस कांफ्रेंस में किया। प्रेस कांफ्रेंस में मायावती ने मुख्तार अंसारी परिवार के बसपा में शामिल होने की घोषणा की।
बसपा सुप्रीमो के प्रेस कांफ्रेंस में अफजाल अंसारी ने सिगबुत्तल्लाह और मुख्तार अंसारी समेत कौमी एकता दल के बसपा में विलय की घोषणा की।
सपा ने की धोखेबाजी
अफजाल अंसारी ने कहा, 'राज्यसभा चुनाव के समय सपा मुखिया ने वोट की गुजारिश की थी, हमने बिना शर्त वोट दिया। मुलायम और शिवपाल यादव ने विलय की पेशकश की और फिर पारिवरिक कलह के कारण ठुकरा दिया। फिर परिवार में बात हुई और फिर विलय का फैसला हुआ। उसे भी ठुकरा दिया गया। यह धोखेबाजी की पराकष्ठा है।'
'अखिलेश अल्पसंख्यकों का विरोधी है'
अफजाल बोले, 'मुलायम सिंह ने खुद मुझसे बातों-बातों में कहा कि उनका बेटा अल्पसंख्यकों का विरोधी है। अखिलेश ने हमें अपमानित किया है उन्हें जनता सबक सिखाएगी। बहन जी अगर योग्य समझेंगी तो बसपा के चौकीदार के लिहाज से वादाखिलाफी करने वालो को नंगा करूंगा।'
जनता आकलन के बाद वोट करे
प्रेस कांफ्रेंस में बसपा सुप्रीमो ने कहा, 'केंद्र और राज्य सरकारों को यह आकलन करना चाहिए कि संविधान के अनुरूप कितना काम किया गया है। उसी अनुरूप जनता को भी वोट करना चाहिए।' मायावती बोलीं, जब बसपा सरकार सत्ता में आई है तो अराजक तत्वों से कोई समझौता नहीं किया। यदि हमारी पार्टी के लोगों ने कभी कानून हाथ में लिया, तो सख्ती भी बरती गई और उन्हें जेल भिजवाया। सरकार आने पर फिर ऐसा किया जाएगा।
हमारी सरकार ने लोगों की हिफाजत की
अगर किसी भी समाज या धर्म के प्रभावशाली व्यक्ति को उसके किसी विरोधी द्वारा फर्जी आरोप लगाकर जेल भिजवा दिया गया है तो मेरी सरकार ने उनकी जांच कराकर इंसाफ और हिफाजत दिलाने की कोशिश की।
सपा के दबाव में मुख्तार ने छोड़ी बसपा
मायावती आगे बोलीं, मुख़्तार के बढ़ते प्रभाव से उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर बदनाम किया गया। पहले इन्हें बसपा में शामिल किया गया था, पर सपा के दबाव में आकर इन्होंने पार्टी छोड़ी थी। अब फिर उन्हें बसपा ज्वाइन कराया जा रहा है। माया बोलीं, कृष्णानंद राय की हत्या को इनसे जोड़कर देखा जाता है। पर सीबीआई जांच में भी सबूत नहीं मिल पाया है।