TRENDING TAGS :
राहुल ने यूपी के लिए दिए नई रणनीति के संकेत, सपा-बीएसपी पर नहीं साधा निशाना
राजकुमार उपाध्याय
लखनऊः यूपी चुनाव से पहले आए कई सर्वे के नतीजों ने शायद कांग्रेस को सूबे में नई रणनीति बनाने पर मजबूर कर दिया है। इसके संकेत शुक्रवार को लखनऊ में राहुल गांधी के रोड-शो और सभा में दिखे। राहुल ने यूपी की राजधानी में ये तो साफ कर दिया कि उनकी पार्टी बीजेपी से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार है, लेकिन ये भी दिखाया कि पुराने दोस्तों सपा और बीएसपी को वह खोना नहीं चाहते। बता दें कि चुनाव पूर्व जो भी सर्वे आए हैं, उनमें यही कहा गया है कि यूपी में कोई दल अपने बूते सरकार नहीं बना सकेगा।
मोदी सरकार पर खूब बरसे राहुल
अपने रोड-शो और सभा के दौरान वह जगह-जगह मोदी सरकार पर खूब बरसे। बेरोजगारी, काला धन, किसानों की कर्ज माफी और बिजली जैसे मुद्दों पर राहुल ने मोदी सरकार को खूब घेरा।
सपा-बीएसपी पर साधी चुप्पी
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने लखनऊ में यूपीए के पुराने सहयोगियों सपा और बीएसपी पर कुछ भी नहीं कहा। माना जा रहा है कि यूपी में त्रिशंकु विधानसभा बनने की स्थिति में कांग्रेस के लिए दोनों दलों का साथ लेने की संभावना को देखते हुए राहुल चुप रहे। अगर त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनती है, तो सपा या बीएसपी के साथ कांग्रेस सरकार बनाने की संभावनाएं देख रही है। राजनीति के जानकारों के मुताबिक इसी वजह से वह दोनों को छेड़ना नहीं चाहती।
क्या है कांग्रेस की रणनीति?
जानकारों के मुताबिक कांग्रेस की रणनीति यही है कि वह राष्ट्रीय फलक पर सत्ताधारी एनडीए से टक्कर लेती दिखे और यूपी चुनाव में बीजेपी से फाइट करे। इसकी छाप राहुल की किसान यात्रा में साफ देखी जा रही है। वहीं, हर धर्म और दलित एजेंडे को साथ रखने में भी कांग्रेस जुटी है। राहुल ने हजरतगंज स्थित कैथेड्रल चर्च, फिर नदवा में मुस्लिम धर्मगुरुओं और यहियागंज के गुरुद्वारे जाकर सर्वधर्म समभाव का एजेंडा सामने रखा। निराला नगर के रैदास मंदिर जाकर उन्होंने दलित एजेंडे पर जोर दिया।
किसान वोट बैंक पर नजर
देवरिया से दिल्ली तक किसान यात्रा राहुल की एक और रणनीति का हिस्सा है। वह किसानों को लामबंद कर नया वोट बैंक बनाने की कोशिश में हैं। कांग्रेस सरकार यूपी में बनने पर 10 दिन में किसानों की कर्ज माफी का वह ऐलान भी कर चुके हैं। इसके अलावा युवाओं और अल्पसंख्यकों की दुखती रग पर हाथ भी कांग्रेस उपाध्यक्ष ने रखा है। साथ ही ये भरोसा भी वह देते चल रहे हैं कि इस देश में कोई भी डर कर न रहे।