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रामगोपाल की मुलायम को चिट्ठी, लिखा- निष्ठुर इतिहास किसी को भी नहीं बख्शता
लखनऊः सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के परिवार में कलह के बीच अब एक चिट्ठी की चर्चा है। ये चिट्ठी मुलायम के चचेरे भाई और सपा के महासचिव रामगोपाल यादव ने लिखी है। रामगोपाल ने अपनी इस चिट्ठी में लिखा है कि इतिहास निष्ठुर होता है और वो किसी को नहीं बख्शता। उन्होंने अखिलेश को लोकप्रिय नेता बताया है। सूत्रों के मुताबिक चिट्ठी मिलने के बाद मुलायम ने रामगोपाल से उनके दिल्ली वाले आवास पर जाकर मुलाकात की। दोनों कई घंटे बात करते रहे।
रामगोपाल ने चिट्ठी में ये लिखा
आदरणीय नेताजी सादर चरण स्पर्श,
समाजवादी पार्टी को आपने बड़ी मेहनत से बनाया था। पार्टी चार बार सत्ता में भी पहुंची। पिछली बार किसी अन्य दल के समर्थन की आवश्यकता भी नहीं पड़ी। उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार ने जो कार्य किए हैं वो पूरे देश के लिए पथ प्रदर्शक का कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जी इस समय निर्विवाद रूप से प्रदेश के सबसे बड़े लोकप्रिय नेता हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों में जो कुछ हुआ उससे पार्टी का मतदाता निराश और हताश है। और अब तो उसमें नेतृत्व के प्रति आक्रोश भी उत्पन्न हो रहा है।
लोगों को कष्ट ये है कि पहले नंबर पर चल रही पार्टी कुछ इन गिने-चुने लोगों की गलत सलाह के चलते काफी पीछे चली गई है। ये जो आजकल आपको सलाह दे रहे हैं, जनता की निगाह में उनकी हैसियत शून्य हो गई है। पार्टी जिसे चाहे उसे टिकट दे, लेकिन जीतेगा वही जिसकी हैसियत होगी और पार्टी तभी चुनाव जीतेगी जब पार्टी का चेहरा अखिलेश यादव होंगे।
अगर आप चाहते हैं कि पार्टी फिर 100 से नीचे चली जाए तो आप चाहें जो फैसला लें, लेकिन एक बात याद रखें कि जो जनता आपकी पूजा करती है, समाजवादी पार्टी बनाने के लिए, वही जनता पार्टी के पतन के लिए आपको और केवल आपको दोषी ठहराएगी। इतिहास बहुत निष्ठुर होता है, ये किसी को बख्शता नहीं।
सादर आपका,
रामगोपाल यादव
15 अक्टूबर, 2016
अमर पर साधा है निशाना
चिट्ठी के मजमून से साफ होता है कि रामगोपाल ने सपा में दोबारा एंट्री लेकर महासचिव और राज्यसभा सदस्य बनने वाले अमर सिंह पर निशाना साधा है। अमर का नाम लिए बगैर रामगोपाल ने लिखा है कि जो आजकल आपको सलाह दे रहे हैं, जनता की निगाह में उनकी हैसियत शून्य हो गई है।
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पहले भी ले चुके हैं अखिलेश का पक्ष
बता दें कि जब मुलायम ने बीते महीने अखिलेश यादव को सपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया था, तो रामगोपाल ने उस वक्त भी अखिलेश का पक्ष लिया था। उन्होंने बाकायदा टीवी चैनलों पर कहा था कि अखिलेश को कहा जाता तो वो खुद हट जाते। इसके साथ ही रामगोपाल ने उस वक्त भी अमर सिंह पर जमकर वार किए थे। अब उनकी चिट्ठी के बाद देखना ये है कि मुलायम क्या कदम उठाते हैं।