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UP चुनाव: कहीं जीत का जश्न तो कहीं हार से मायूस हुए प्रत्याशी, सपा बसपा और बीजेपी में हुई कांटे की टक्कर
रिमझिम बरसात के बीच शनिवार (11 मार्च) को संभल, चंदौसी, गुन्नौर और असमोली विधानसभा सीटों के चुनाव की मतगणना संपन्न हुई। मतगणना की शुरुआत सुबह आठ भे हुई थी। जो शाम पांच बजे तक चली शुरूआती रूझान में बीजेपी का ग्राफ बढ़ा तो प्रत्याशी और समर्थकों में खुशी छा गई।
संभल: रिमझिम बरसात के बीच शनिवार (11 मार्च) को संभल, चंदौसी, गुन्नौर और असमोली विधानसभा सीटों के चुनाव की मतगणना संपन्न हुई। मतगणना की शुरुआत सुबह आठ भे हुई थी। जो शाम पांच बजे तक चली शुरूआती रूझान में बीजेपी का ग्राफ बढ़ा तो प्रत्याशी और समर्थकों में खुशी छा गई। कई चरणों तक संभल, असमोली और चंदौसी सीट पर बीजेपी और सपा के बीच कड़ी टक्कर रही।
संभल में सपा के इकबाल महमूद पूरे परिणाम के दौरान बढ़त बनाए रखे और आखिर में वह 18822 वोटों से जीत हासिल की। वह लगातार पांचवी बार विधायक बने है। सपा के कद्दावर मंत्री आजम खान के करीबी पूर्व सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क के पोते जियाउर्रहमान ने एआईएमआई के टिकट पर लड़कर इकबाल महमूद को कड़ी टक्कर दी। वह 60426 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे, जबकि बीजेपी के प्रत्याशी डॉ. अरविंद गुप्ता भी कड़ी टक्कर देते नजर आए। वह 59976 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे।
शुरूआती रूझान आगे रहे ये प्रत्याशी
असमोली विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी पिंकी यादव शुरूआती रूझान से ही आगे रहीं। वह दोबारा विधायक चुनी गईं। उन्होंने यहां 97610 वोट लेकर बीजेपी के प्रत्याशी नरेंद्र सिंह को 21126 वोटों से करारी शिकस्त दी। बसपा के प्रत्याशी अकीलुउर्रहमान 67457 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे। तत्कालीन बसपा सरकार में मंत्री रहे अकीलुउर्रहमान खां को लगातार दूसरी बार चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। अपनी बेटी पिंकी यादव को जी जान से चुनाव लड़ाने वाले पिता बृजेंद्रपाल यादव का ओहदा कम नही है। वह पूर्व में मंत्री रह चुके हैं और उनकी पत्नी कुसुमलता यादव जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। आजादी के बाद से अब तक संभल ब्लाक प्रमुखी को हथियाते रहे नरेंद्र सिंह ने इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव तो लड़ा लेकिन वह कामयाब नही हो पाए।
मात देते हुए आगे निकले ये प्रत्याशी
चंदौसी विधानसभा सीट के शुरूआती रूझान बड़े चौंकाने वाले रहे। बसपा प्रत्याशी विरमावती पूर्व मंत्री गुलाबो देवी शुरूआती रूझान में कड़ी टक्कर देती दिखीं। चार चरणों के बाद स्थिति बदली और बीजेपी की गुलाबो देवी बसपा और सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी को मात देते हुए आगे निकल गईं। गुलाबो देवी कई बार की विधायक रह चुकी हैं और पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। दोपहर बाद गुलाबो देवी 104806 वोट लेकर सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी विमलेश कुमारी को पछाड़ते हुए 44000 की लीड ले ली। सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी विमलेश कुमारी 59337 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहीं, जबकि बसपा की प्रत्याशी विरमावती 51049 वोट लेकर तीसरे स्थान पर चली गई।
मुलायम के गढ़ गुन्नौर में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े पूर्व मंत्री अजीत कुमार राजू ने सपा के रामखिलाड़ी यादव को 11386 वोटों से हरा दिया। यह बात दीगर है यादव बहुल गुन्नौर में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रामखिलाड़ी को जिताने के लिए चुनावी सभा की और चेचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को यहां उतारकर चुनाव प्रचार में लगाया। कहने के लिए यहां हर बार सपा अपना परचम लहराती रही है।
ये जीते इन्हें हराया
इकबाल महमूद (सपा) - जियाउर्रहमान बर्क (एआईएमआई)
पिंकी यादव (सपा) - नरेंद्र सिंह (बीजेपी)
गुलाबो देवी (बीजेपी) - विमलेश कुमारी (सपा-कांग्रेस गठबंधन)
अजीत कुमार उर्फ राजू (भाजपा)- राम खिलाड़ी यादव (बीजेपी)