TRENDING TAGS :
सपा में महासंग्राम का दिख रहा साइड इफेक्ट, सोशल मीडिया पर प्रचार भी थमा
लखनऊ: सपा कुनबे में 12 सितंबर से शुरू हुए 'महासंग्राम' का साइड इफेक्ट सामने आने लगा है। इस दिन पार्टी के बड़े चेहरों के बीच ऐसी रार छिड़ी की इनकी अगुवाई में सड़क पर लाठियां खाने वाले कार्यकर्ता भी अपने लिए मुफीद पाला तलाश करने में जुटे हैं।
यूथ ब्रिगेड तूफान के बाद फैले गुबार के छंटने का इंतजार कर रहा है। इन सबके बीच सीएम अखिलेश यादव और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की प्रस्तावित रैलियां भी निरस्त हुईं और अब सोशल मीडिया पर पार्टी का प्रचार भी थम सा गया है।
पहुंचाते थे सरकार की उपलब्धियां
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी की यूथ विंग ने सोशल मीडिया पर प्रचार को तेजी पकड़ाई। फेसबुक और व्हाटसएप ग्रुप बनाए। सरकार की उपलब्धियां लोगों तक पहुंचाने के प्रयास किए, लेकिन सपा परिवार में विवाद के बाद यह काम भी प्रभावित हुआ।
सपा का ऑफिशियल फेसबुक पेज अपडेट नहीं
पार्टी के एक नेता का कहना है कि संगठन में हुए बदलाव का असर कामकाज पर पड़ा है। यह पार्टी के फेसबुक पेज पर भी दिखता है। पिछले 20 सितंबर से यह अपडेट नहीं हुआ है। कार्यकर्ता फेसबुक पेज से ही कंटेंट सोशल मीडिया पर शेयर करते थे। वो सवाल करते हुए कहते हैं कि 'अब जब पार्टी का ऑफिशियल फेसबुक पेज ही अपडेट नहीं हो रहा है तो वह सोशल मीडिया में क्या शेयर करें?
आगामी प्रोजेक्ट पर भी लगा विराम
सपा के एक पदाधिकारी के मुताबिक, आगामी चुनाव को देखते हुए सोशल मीडिया पर प्रचार के लिए एक प्रोजेक्ट तैयार किया था। इसमें विधानसभा वार 500 लोगों का फेसबुक पेज और हजार लोगों का व्हाटसएप ग्रुप तैयार किया जाना था। अभी इस पर अमल हो पाता उससे पहले ही संगठन में बदलाव हो गया। तबसे उनका यह प्रोजेक्ट ठप पड़ा है, जबकि चुनाव नजदीक है।
पंखुड़ी पाठक ने भी चलाया था अभियान
सपा प्रवक्ता रहीं पंखुड़ी पाठक ने भी सोशल मीडिया पर पार्टी के प्रचार के लिए अभियान चलाया था। वह प्रदेश भर में गोष्ठी कर युवाओं को इससे जोड़ रही थीं। ताकि अखिलेश सरकार के कामकाज को लोगों तक पहुंचाया जा सके। लेकिन अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाए जाने के बाद उन्होंने भी प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया।
सोशल मीडिया पर भी छिड़ा रहा 'वार'
सरकार के दो मंत्रियों की बर्खास्तगी और एक ब्यूरोक्रेट को हटाए जाने के बाद अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया और शिवपाल यादव को यह जिम्मेदारी दी गई। फिर उन्होंने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। यह रार सिर्फ सपा परिवार में ही नहीं मची थी। बल्कि कई दिनों तक सोशल मीडिया पर इसे लेकर अखिलेश और शिवपालवादियों के बीच भी संग्राम छिड़ा रहा। सपा के फेसबुक पेज पर इसे साफ देखा जा सकता है।