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हठबंधन के आगे गठबंधन हुआ तार -तार, सपा और कांग्रेस दोनों मैदान में
बाराबंकी: जैदपुर विधानसभा सीट पर नाम वापसी का समय गुजर जाने के बाद अब गठबंधन के दोनों प्रत्याशी अपना भाग्य आजमाते दिखाई दे रहे है। समाजवादी पार्टी ने अपनी सूची में पहले यहां सभी सीटों पर अपने विधायक रहें प्रत्याशियों को मैदान पर उतारा था । मगर गठबंधन के बाद यह सीट सपा ने कांग्रेस खाते को दी। सपा के प्रत्याशी राम गोपाल रावत जब अपना नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे, तभी उन्हें पार्टी की ओर से नामांकन न करने के निर्देश प्राप्त हुए थे। मगर राम गोपाल रावत ने हठ दिखते हुए नामांकन दाखिल कर दिया था।
पार्टी में मची सरगर्मी के बाद भी नाम वापस नहीं लिया
अगले दिन कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ. पी. एल पुनिया ने अपने बेटे तनुज पुनिया को गठबंधन के तहत मिली इस सीट पर नामांकन करवा दिया था। राम गोपाल रावत को अपना नामांकन वापस लेने के लिए प्रदेश कार्यालय से एक पत्र भी जारी किया गया। मगर राम गोपाल रावत ने एक बार फिर हठ दिखाते हुए अपना नामांकन वापस नहीं लिया। नाम वापसी के समय राम गोपाल रावत पर पार्टी की ओर से काफी दबाव भी डाला गया मगर राम गोपाल ने नाम वापस नहीं लिया।
जीत कर एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाने का काम करेंगे
राम गोपाल रावत से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने नाम वापसी के लिए आए किसी भी आदेश के बारे में अपने आप को अनभिज्ञ बताते हुए कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें अपना सिम्बल देकर चुनाव मैदान में भेजा है, और वह जीत कर एक बार फिर से उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का काम करेंगे।
राम गोपाल का नाम वापस न लेना उनका व्यक्तिगत मामला
दूसरी ओर कांग्रेस नेता पी. एल. पुनिया ने बताया कि गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में उम्मीदवार कांग्रेस के तनुज पुनिया है और उन्हें कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सभी नेताओं का सहयोग मिल रहा है। राम गोपाल का नाम वापस न लेना उनका व्यक्तिगत मामला है इससे गठबंधन पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है।