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टिकट कटने पर फूट-फूट कर रोया सपा प्रत्याशी, निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान
बता दें कि अखिलेश ने सिटिंग विधायक रामस्वरूप गौर के नाती नीरज सिंह गौर को टिकट दे दिया है। दीपू सपा का टिकट ना मिलने से बहुत दुखी है।
कानपुरः सत्ता के संग्राम में सपा ने भले ही कांग्रेस से गठबंधन कर बीजेपी को रोकने का चक्रव्यूह रच डाला है। लेकिन सपा के नेताओ में टिकट बंटबारे को लेकर जो आग लगी है। उसे सपा के संरक्षक मुलायम सिंह और अखिलेश यादव कैसे बुझाएंगे। कानपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां सपा के लिए कई सालों से समर्पित प्रत्याशी का टिकट काट कर दूसरे को दे दिया गया। जिसके बाद उस प्रत्याशी ने सपा के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
सपा ने सिटिंग विधायक को दिया टिकट
बता दें कि अखिलेश ने सिटिंग विधायक रामस्वरूप गौर के नाती नीरज सिंह गौर को टिकट दे दिया है। दीपू सपा का टिकट ना मिलने से बहुत दुखी है। उनकी आंखों के आंसू है कि रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। अपने को हनुमान और मुलायम सिंह को राम की तरह पूजने के बाद उन्हें चोट पहुंची। जिसको लेकर जनता के बीच अब वह सपा के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। जिसका इस वरिष्ठ नेता ने ऐलान भी कर दिया है l
दीपू के सपा से थे पारिवारिक संबंध
कानपुर में भौति इलाके के दीपू चौहान ढाबा से प्रसिद्ध 1992 से सपा में जुड़े हैं। दीपू चौहान की मानें तो पिछले 25 सालों से पार्टी के लिए हर संभव सेवा की। दीपू चौहान के ढाबे में सालों से मुलायम सिंह, शिवपाल यादव और रामगोपाल की तस्वीरें लगी हैं। ये तस्वीरें दीपू के सपा प्रेम को बया करती है। वैसे मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव और रामगोपाल यादव हों, सभी दीपू के ढाबे पर आते जाते रहे हैं। बता दें कि सपा से दीपू के सालों से पारिवारिक संबंध थे।
आखिरी वक्त पर कटा टिकट
दीपू का कहना है कि जब समाजवादी पार्टी का अकबरपुर रानिया और कानपुर में कोई बजूद नहीं था तब से उन्होंने सपा का झंडा हाथ में लिया और पार्टी को उठाने के लिए हर संघर्ष किया। सालों की सेवा करने के बाद अकबरपुर रनिया से सपा के लिए प्रबल दावेदारी उनकी थी। जिसको लेकर क्षेत्र में कई सालो से मेहनत कर रहा था। सारी तैयारियां जोर शोर से चल रही थी लेकिन आखिरी वक्त पर उनका टिकट काट दिया गया। इससे वह बहुत दुखी हैं।