TRENDING TAGS :
BSP को मिला उलेमा काउंसिल का सपोर्ट, रशादी बोले- दादरी-मुज़फ्फरनगर दंगा कराने वाले साथ हो गए हैं
लखनऊ: उलेमा काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने बुधवार (8 फरवरी) को प्रेस कांफ्रेंस किया। उनकी प्रेस वार्ता में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी मौजूद थे।
प्रेस कांफ्रेंस में आमिर रशादी ने कहा, 'हम 2 सीट जीत सकते थे। लेकिन अपने समाज के साथ-साथ शोषित समाज को एक करने के लिए बसपा के साथ आए ताकि वोटों का बिखराव ना हो।'
सपा-बीजेपी ने मिलकर गुंडाराज को बढ़ावा दिया
आमिर रशादी ने कहा, समाजवादी पार्टी (सपा) ने बीजेपी के साथ मिलकर साम्प्रदायिकता और गुंडाराज को बढ़ावा दिया। सपा सरकार के इन 5 सालों में इतने दंगे हुए, जिसकी कोई हद नहीं। दादरी और मुज़फ्फरनगर दंगा कराने वाले एक साथ हो गए हैं।
मुलायम ही बता चुके हैं अखिलेश की असलियत
वहीं कांग्रेस-सपा गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, 'मुलायम सिंह यादव ही अखिलेश यादव की असलियत बता चुके हैं। मुलायम ने अखिलेश यादव को सब सौंप दिया है लेकिन उन्होंने क्या किया ये सबको पता है।' मौलाना ने मुलायम सिंह को बाबरी मस्जिद का क़ातिल बताया।
आगे की स्लाइड में पढ़ें पूरी खबर ...
बसपा की नीयत साफ़ है
रशादी ने कहा, '102 मुसलमानों को टिकट देकर बसपा ने साफ नीयत का परिचय दिया है। कहा, 'बसपा राज में क़ानून व्यवस्था बेहतर थी। उन्होंने कहा, मुस्लिम और दलितों की जरूरत तथा हालात एक जैसे हैं। मौलाना ने कहा, हम बसपा को सपोर्ट कर रहे हैं।'
मायावती पर भरोसा है
मौलाना ने दावा किया कि यूपी में हमलोगों की सरकार बन रही है। हम काम से कम 25 सीटें ज्यादा जीतेंगे।उन्होंने कहा, मेरा मसला समाज से जुड़ा है। वादा उनसे लिया जाता है जिस पर भरोसा न हो और मायावती पर हमें भरोसा है।
अगले स्लाइड में जारी ...
धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं
रशादी ने कहा, सपा की पॉलिसी नाम चेंज करना है। उन्होंने कहा, किसी महापुरुष के नाम पर बनी यूनिवर्सिटी का नाम बदलने की जगह नई यूनिवर्सिटी बनानी चाहिए। साथ ही ये भी कहा, कि धार्मिक मामलों में किसी का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं होगा।
किसी कीमत पर बीजेपी से नहीं मिलाएंगे हाथ
इसी प्रेस कांफ्रेंस में नसीमुद्दीन सिद्दीकी बोले, 'मायावती पहले भी कह चुकी हैं कि ट्रिपल तलाक का मुद्दा धार्मिक है। इस पर सरकार का हस्तक्षेप मंज़ूर नहीं है। 3 बार बीजेपी से मिलकर मुलायम सिंह यादव चुनाव लड़ चुके हैं। हमने कभी मिलकर चुनाव नहीं लड़ा है। कहा, बसपा किसी भी कीमत पर बीजेपी से मिलकर सरकार नहीं बनाएगी।'