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यूपी विधानसभा चुनावः यहां जिस पर मुसलमान होंगे मेहरबान वही बनेगा सुलतान

2012 के चुनाव में मुस्लिम विधायकों की जीत में मुसलमानों का योगदान रहा था, जहां पर मुस्लिम वोट बंट गए वहां पर प्रत्याशियों को भी हार का सामना करना पड़ा।

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Published on: 13 Feb 2017 4:17 AM GMT
यूपी विधानसभा चुनावः यहां जिस पर मुसलमान होंगे मेहरबान वही बनेगा सुलतान
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बरेलीः बरेली नगर हो या कैंट या फिर 09 की 09 विधानसभाओ में अगर मुस्लिम मतदाता चाहे तो किसी भी प्रत्याशी का खेल बिगाड़ सकते है। जी हां बरेली मंडल की ज्यादातर सीटों पर मुस्लिम मतदाता चुनाव की दिशा पलटने में सक्षम हैं। इसके चलते राजनैतिक दल भी टेंशन में हैं कि ये मुस्लिम मतदाता किधर जाएंगे। नौ सीट में से तीन सीटों पर मीरगंज, बहेड़ी और भोजीपुरा पर मुस्लिम विधायकों का कब्जा है। राजनैतिक पार्टियों की बात करें तो बरेली मंडल की किसी भी विधानसभा पर भाजपा ने एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया हैं। वही सपा और कांग्रेस गठबंधन ने भोजीपुरा, बहेड़ी तथा बरेली कैंट गठबंधन पर मुस्लिम प्रत्याशियों पर अपना दांव खेला है। साथ ही बहुजन समाज पार्टी ने बरेली नगर, बहेड़ी, मीरगंज,भोजीपुरा समेत कुल 04 प्रत्याशियों पर अपना दांव खेला हैं।

मुस्लिम वोटों का बंटवारा

2012 के चुनाव में मुस्लिम विधायकों की जीत में मुसलमानों का योगदान रहा था, लेकिन जहां पर मुस्लिम वोट बंट गए वहां पर मुस्लिम प्रत्याशियों को भी हार का सामना करना पड़ा। शहर और कैंट में मुस्लिम मतदाताओं की निर्णायक संख्या होने के बाद भी दोनों सीट पर बीजेपी ने कब्जा जमाया जिसका सबसे बड़ा कारण मुस्लिम वोटों का बंटवारा था।

बसपा की है मुस्लिमों पर नजर

इस बार मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने के लिए बसपा ने सबसे ज्यादा चार मुस्लिम प्रत्याशी शहर से इंजीनियर अनीस अहमद, बहेड़ी से नसीम अहमद, मीरगंज से सुल्तान बेग और भोजीपुरा से सुलेमान बेग को चुनाव मैदान में उतारा है। जबकि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन से दो मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। बहेड़ी से सपा ने मौजूदा विधायक अताउर्रहमान और कैंट से कांग्रेस ने नवाब मुजाहिद को चुनाव मैदान में उतारा है।

कहां कितने मुस्लिम

शहर- 1.30 लाख

कैंट- 1.10 लाख

बहेड़ी- 1. 20 लाख

बिथरी चैनपुर- 80 हजार

मीरगंज- 80 हजार

नवाबगंज- 85 हजार

फरीदपुर- 60 हजार

भोजीपुरा- 1.20 लाख

आंवला- 60 हजार

भाजपा के विधायक डॉ अरुण कुमार

बिगत 32 सालों से यह सीट भाजपा के पाले में हैं और कांग्रेस 1980 के बाद से इस सीट पर विजय ध्वज नहीं लहरा पाई है। कांग्रेस और सपा गठबंधन से इस बार उम्मींद की लहर है। इस बार वोटो का ध्रुवीकरण हो सकता है।

बरेली नगर विधानसभा क्षेत्र के जातिगत आंकड़े

मुस्लिम - 1 लाख 30 हजार

ब्राह्मण - 15 हजार

वैश्य - 40 हजार

कायस्थ - 80 हजार

कुर्मी - 15 हजार

पंजाबी - 25 हजार

लोधी - 10 हजार

कश्यप - 10 हजार

मौर्या - 15 हजार

जाटव - 10 हजार

ठाकुर - 10 हजार

अन्य - 50 हजार

विधानसभा की प्रमुख समस्या

सिटी विधानसभा की प्रमुख समस्या है बाकरगंज का ट्रंचिंग ग्राउंड। जहां पर शहर भर का कूड़ा डाला जाता है। इलाके में कूड़े के पहाड़ बन गया है, जिसके कारण यहां रहने वाली आबादी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कूड़े और गंदगी के कारण तरह तरह की बीमारियां तो फैलती ही हैं। साथ ही इलाके में रहने वालों के यहां लोग रिश्ता करने से भी कतराते हैं। कूड़े से निजात के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की शुरुआत हुई, लेकिन एनजीटी के आदेश के बाद वो भी बन्द हो गया। यहां के लोगों की समस्या की तरफ किसी का भी ध्यान नहीं है। इसके कारण यहां के लोगों की आवाज उठाने वाली सामाजिक संस्था ने एनजीटी की शरण ली है। इसके अलावा लड़कों के लिए डिग्री कॉलेज की मांग भी लम्बे समय से चली आ रही है। ट्रैफिक जाम और अवैध कालोनियों में सड़क सीवर भी मुख्य समस्या है।

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