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ये क्‍या... सीएम आवास पर ही हो रहा आचार संहिता का उल्‍लंघन, प्रशासन मौन

कार्यकर्ताओं ने सीएम आवास पर ही मॉडल कोड ऑफ कंडक्‍ट का खुलेआम उल्‍लंघन किया और वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी इस पूरे प्रकरण पर मूकदर्शक बने खड़े रहे।

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Published on: 13 Jan 2017 6:44 AM GMT
ये क्‍या... सीएम आवास पर ही हो रहा आचार संहिता का उल्‍लंघन, प्रशासन मौन
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ये क्‍या... सीएम आवास पर ही हो रहा आचार संहिता का उल्‍लंघन, प्रशासन मौन

लखनऊः यूपी में विधानसभा चुनावों की रणभेरी बज चुकी है। इसके साथ ही पूरे प्रदेश में आचार संहिता लगी हुई है। पूरे प्रदेश में आचार संहिता का उल्‍लंघन करने वाले नेताओं पर कार्यवाही भी चल रही है। लेकिन इन सबसे बेपरवाह समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता समाजवादी दंगल के चलते मॉडल कोड ऑफ कंडक्‍ट का खुलेआम उल्‍लंघन कर रहे हैं। शुक्रवार को तो कार्यकर्ताओं ने सीएम आवास पर ही मॉडल कोड ऑफ कंडक्‍ट का खुलेआम उल्‍लंघन किया और वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी इस पूरे प्रकरण पर मूकदर्शक बने खड़े रहे।

बता दें कि जिस समय सीएम आवास पर सपा कार्यकर्ताओं द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा था। उसी समय चुनाव आयोग यूपी के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए आचार संहिता पर ही चर्चा कर रहे थे।

जोश में कार्यकर्ता भूले आचार संहिता, लहराए पोस्‍टर बैनर

-सपा में मुखिया मुलायम सिंह यादव और सीएम अखिलेश यादव के बीच पिछले कई दिनों से टिकटों के बंटवारे समेत अन्‍य मुददों पर टकराव जारी है।

-इसके चलते शुक्रवार को सिंबल पर चुनाव आयोग फैसला करने वाला है।

-ऐसे में मुलायम सिंह यादव दिल्ली गए हैं, वहीं अखिलेश यादव अपने पांच कालिदास मार्ग पर नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं।

-वहीं जोश से लबरेज सपा कार्यकर्ता 5 केडी के बाहर जय अखिलेश के नारे लगाते हुए खुलेआम पार्टी के पोस्टर बैनर हवा में लहरा रहे हैं।

-कार्यकर्ता सीएम अखिलेश के समर्थन में नारे लगाते हुए इतना ज्‍यादा जोश में आ गए हैं कि वह आचार संहिता को भी भूल गए हैं।

-इससे पहले भी कार्यकर्ताओं के द्वारा अनुशासन‍‍हीनता की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

क्‍या है मॉडल कोड ऑफ कंडक्‍ट?

-मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने कहा कि यूपी में विधानसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लागू है।

-ऐसे में किसी भी पार्टी को अपना झंडा, पोस्‍टर, नारे इत्‍यादि सार्वजनिक रूप से कहीं लहराने या लगाने का अधिकार नहीं है।

-किसी भी जगह सभा करने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी की पूर्व अनुमति लेनी होती है।

-इसके अलावा अन्‍य कई नियम होते हैं, जिसका ध्‍यान राजनेताओं और राजनैतिक दलों को रखना होता है।

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