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मिल मालिक मौज में, गन्ना किसान परेशान: अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि किसानों के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाली भाजपा के झूठ, फरेब की पोल रोज-ब-रोज खुलती जा रही है। गन्ना किसान परेशान हैं और मिल मालिक मौज कर रहे हैं। किसान भुगतान के लिए ही नहीं, बल्कि मिल तक गन्ना पहुंचाने के लिए पर्चियों की खातिर भी तरस गए हैं, जबकि माफिया उन्हीं पर्चियों के सहारे लूट मचा रहे हैं। सरकारी दावों के विपरीत अभी भी गन्ना किसानों का 10,074.98 करोड़ रुपये बकाया चल रहा है।

Dhananjay Singh
Published on: 24 March 2019 7:35 PM IST
मिल मालिक मौज में, गन्ना किसान परेशान: अखिलेश यादव
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फ़ाइल फोटो

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि किसानों के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाली भाजपा के झूठ, फरेब की पोल रोज-ब-रोज खुलती जा रही है। गन्ना किसान परेशान हैं और मिल मालिक मौज कर रहे हैं। किसान भुगतान के लिए ही नहीं, बल्कि मिल तक गन्ना पहुंचाने के लिए पर्चियों की खातिर भी तरस गए हैं, जबकि माफिया उन्हीं पर्चियों के सहारे लूट मचा रहे हैं। सरकारी दावों के विपरीत अभी भी गन्ना किसानों का 10,074.98 करोड़ रुपये बकाया चल रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा का दावा तो यह था कि उनकी सरकार बनने के 14 दिनों में गन्ना किसानों का बकाया भुगतान हो जाएगा। गन्ना एक्ट में तो यह भी है कि 14 दिन में भुगतान न होने पर चीनी मिल को 14 से 16 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करना होगा लेकिन जो हाल है उसमें तो इसे किसानों के साथ एक मजाक ही समझा जाना चाहिए। विडम्बना है कि किसानों की तो सरकार ने सुध नहीं ली लेकिन मिल मालिकों को कई-कई रियायती पैकेज बांटे गए हैं। यही नहीं, जनसामान्य पर शुगर सेस लगाने और गन्ना किसान फंड बनाने की घोषणाएं मिल मालिकों को संरक्षण देने के लिए ही की गई है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान की बदहाली में भाजपा सरकार की नीतियां ही दोषी हैं। खेती की बढ़ती लागत, खाद, पानी, बिजली, कीटनाशक आदि की कीमतों में बढ़ोत्तरी, न्यूनतम समर्थन मूल्य का न मिलना और बकाया भुगतान में देरी से किसान कर्ज में डूबता जाता है और जब कहीं से कोई राहत नहीं मिलती दिखाई देती है तो वह आत्महत्या करने को विवश हो जाता है। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से ही भाजपा सरकार के पांच वषों में 55 हजार किसान आत्महत्याएं कर चुके हैं।

अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल गठबंधन भाजपा की इन्हीं जनविरोधी, किसान विरोधी नीतियों की खिलाफत के लिए चुनाव मैदान में है। भाजपा का सूपड़ा साफ होते ही नया प्रधानमंत्री के साथ नए भारत के निर्माण का रास्ता प्रशस्त हो जाएगा।



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