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यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी के पास हैं अभी घर की 10 चुनौतियां, कैसे पाएंगे पार ?
गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को भले ही बहुमत का सबल मिला है। लेकिन उनके सामने चुनौतिया भी कम नहीं है। संसद रहते मूलत: विपक्ष की भाषा बोलने के अभ्यस्त रहे योगी को प्रदेश में सुशासन और विकास के एजेंडा को भी बढ़ाने की चुनौती के साथ- साथ गोरखपुर की 10 चुनौतियां भी है। इन मुद्दों को लेकर योगी ने सड़क से लेकर सदन तक की लड़ाई लड़ी है, सीएम बनते ही योगी के सामने कई मुद्दे होंगे जिनपर उन्हें विचार विमश करना होगा।
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1. लगभग ढाई दशक से बंद गोरखपुर खाद कारखाना का 22 जुलाई 2016 को आदित्यनाथ योगी ने पीएम नरेंद्र मोदी के हाथो से शिलान्यास कराकर विकास की उम्मीद जगाई, जिसे अब पूरा करने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर होगी।
2. एम्स के निर्माण की बाधाएं अभी तक पूर्व की सरकार के सर मढ़े जाते थे, की प्रदेश सरकार करना नहीं चाहती है। ये बाते खुद योगी भी कहते थे, लेकिन इनके समक्ष खुद ये मामला है।
3. यहां सड़क यातायात का ढांचा भी मजबूत करने की बड़ी चुनौती है।
4. गोरखपुर गिडा में फ़ूड पार्क और टेक्सटाइल पार्क का प्रस्ताव तैयार कराया था ।
फ़ूड पार्क के लिए शासन की ओर से औपचारिकताएं भी शुरू की गई थी, लेकिन यह सब कागजो में रह गई।
माना जा रहा है कि फ़ूड पार्क एव टेक्सटाइल पार्क की स्थापना से गोरखपुर में बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होगा।
5. लगातार 5 बार सांसद आदित्यनाथ योगी पूर्वांचल के लिए नासूर याने इंसेफेलाइटिस को लेकर शरू से ही गंभीर रहे है।
संसद में कदम रखने के बाद से ही वह पुरजोर तरीके से इसकी रोकथाम और इलाज का मुद्दा उठाते रहे है।
उन्होंने बेहद नजदीक से इंसेफेलाइटिस से दम तोड़ते मासूमो की पीड़ा को महसूस किया है। योगी की सबसे बड़ी चुनौती है कि इस बीमारी का कैसे रोक थाम हो।
आगे के स्लाइड में पढ़ें पर्यटन विकास में योगी की खासा रूचि है...
6. पर्यटन विकास के लिए योगी ने बतौर सांसद काफी प्रयास किया (खास तौर पर बौद्ध परिपथ) की तस्वीर अब बदली- बदली नजर आएगी।
बतौर सांसद योगी ने पूर्वांचल में पर्यटन विकास के लिए काफी प्रयास किया। ससद में उन्होंने इस मुद्दे को कई बार उठाया हालांकि रामगढ ताल का आधा अधूरा ही विकास हो सका है। पर्यटन विकास में योगी की खासा रूचि है।
7. 26 वर्षो में अधर में लटके एशिया का सबसे बड़ा प्रेक्षागृह निर्माण करने की चुनौती भी योगी के सामने है। 1987 में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीर बहादुर सिंह ने इस प्रेक्षागृह की नीव रखी थी।
8. गोरखपुर की बंद पड़ी चीनी मिल भी योगी के लिए चुनौती है, क्योंकि गोरखपुर की 9 विधानसभाओं में से 3 विधान सभा में बंद पड़ी चीनी मिल को चालू करवाना भी उनके लिए चुनौती है। इन मिलों का नाम धुरियापार , चौरी- चौरा का सरदार नगर मिल और पिपराइच की मिल है जो काफी दिनों से बंद है।
9. गंगा को स्वच्छ बनाने की बात हो रही है वहीं गोरखपुर में आमी नदी है। सांसद रहते हुए योगी ने ये मुद्दा उठाया था। अब सीएम बनने के बाद इस नदी को प्रदूषण से मुक्त करना काफी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होगी।
आमी नदी का पानी काफी प्रदूषित हो गया है। नदी से सटे गांव के लोगों को पीने का शुद्ध पानी नहीं मिलता है। आमी नदी में कारखानों का कचरा गिराया जाता है। जिससे ये नदी प्रदूषित हो गई है। इसके लिए योगी से सड़क पर उतर कर आंदोलन भी किया।
10. गोरखपुर में सालो से निर्माणाधीन चिड़ियाघर को चालू कराना भी एक जिम्मेदारी है। पूर्व की सरकारों पर योगी ने अनदेखी का आरोप लगाया था, लेकिन अब ये जिम्मेदारी उनके पास है। अब देखना यह होगा की सबसे बड़े सूबे के मुख्यमंत्री अपने घर की 10 चुनौतियों से कैसे पार पाते है।