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Sonbhadra: धमकी देकर नाबालिग से करता रहा दुष्कर्म, मिली 10 वर्ष कैद, सहयोगी बनी पत्नी सहित दो को भी सात साल कारावास
Sonbhadra News: साढ़े नौ वर्ष पूर्व 16 वर्षीय नाबालिग के साथ धमकी देकर दुष्कर्म के मामले में बृहस्पतिवार को दो महिलाओं सहित तीन को सजा सुनाई गई।
Sonbhadra: साढ़े नौ वर्ष पूर्व 16 वर्षीय नाबालिग के साथ धमकी देकर दुष्कर्म के मामले में बृहस्पतिवार को दो महिलाओं सहित तीन को सजा सुनाई गई। अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट निहारिका चौहान (Special Judge POCSO Act Niharika Chauhan) की अदालत ने बृहस्पतिवार को यह फैसला सुनाया।
दुष्कर्म के मामले में आरोपियों को हुई सजा
दुष्कर्म के मामले में दोषी राजकुमार को 10 वर्ष की कैद के अलावा 30 हजार रुपये अर्थदंड की भी सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतना होगा। वहीं इस अपराध में सहयोग के लिए दोषी पाई गई शीला और गीता को सात-सात वर्ष की कैद के साथ 10-10 हजार के अर्थदंड की सजा दी गई। अर्थदंड अदा न करने पर पांच-पांच माह की अतिरिक्त कैद भुगतने का आदेश पारित किया गया। अर्थदंड जमा होने के बाद पूरी धनराशि पीड़िता को प्रदान की जाएगी।
यह है पूरा मामला
अभियोजन कथानक के मुताबिक राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने गत 27 जून 2013 को राबटर्सगंज कोतवाली में तहरीर दी। इसके जरिए अवगत कराया कि उसकी पत्नी की मौत हो गई है। घर पर उसकी 16 बर्षीय नाबालिग बेटी रहती है। उसके अकेले होने का फायदा उठाकर लसड़ा गांव निवासी राजकुमार अक्सर उसके साथ दुष्कर्म करता रहा और उसे किसी से बताने पर जान से मारने की धमकी देता था। इसकी वजह से वह छह माह की गर्भवती हो गई। आरोप लगाया कि इस कार्य में शीला और गीता ने उसे सहयोग दिया। पुलिस ने दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की। पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए न्यायालय में राजकुमार पुत्र रामचंद्र, शीला पत्नी राजकुमार निवासी लसड़ा, थाना राबर्ट्सगंज और रायपुर थाना क्षेत्र के नगांव निवासी गीता पत्नी सीताराम के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की गई।
दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों के बाद सुनाया फैसला
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी राजकुमार को 10 वर्ष की कैद, उसकी पत्नी शीला और सहयोगी गीता को दोषसिद्ध पाकर सात-सात वर्ष की कैद की सजा सुनाई। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित रहेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह एडवोकेट ने किया।