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Chitrakoot News: बालिका के साथ दुराचार के आरोपी को 10 साल की कैद, एससी-एसटी एक्ट कोर्ट ने सुनाया निर्णय

Chitrakoot News: अनुसूचित जाति की बालिका को बहला-फुसलाकर ले जाने और दुराचार करने के मामले में दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने मुख्य आरोपी को 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 5 Jan 2023 3:19 PM GMT
10 years imprisonment to the accused of misbehavior with the girl child in Chitrakoot, SC-ST Act Court gave its decision
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चित्रकूट में बालिका के साथ बलात्कार के आरोपी को 10 साल की कैद: Photo- Social Media

Chitrakoot News: अनुसूचित जाति की बालिका को बहला-फुसलाकर ले जाने और दुराचार करने के मामले में दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने मुख्य आरोपी को 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अपराधिक कृत्य में सहयोग करने पर मुख्य आरोपी के पिता और दो भाईयों को भी दण्डित किया है।

सहायक अभियोजन अधिकारी जगतपाल यादव ने बताय कि कर्वी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव के अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति ने बीती 28 सितम्बर 2010 को तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पीड़ित के अनुसार उसकी 12 वर्षीय पुत्री 23 सितम्बर 2010 को खेत में शाम को अपनी छोटी बहन के साथ चारा काटने गई थी। जहां से राजा पटेल अपने परिवारीजनों के सहयोग से बहला-फुसलाकर उसका अपहरण कर ले गया।

पुत्री के बारे में आरोपियों से पूछने पर गाली-गलौच करते हुए धमकी दी गई। गांव के लोगों द्वारा जानकारी दी गई थी कि राजा पटेल उसकी पुत्री को सूरत में छोड़ आया था। लगातार प्रयास करने पर भी पुत्री का पता नहीं चल रहा था। पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करने के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। साथ ही पीड़िता के बयान दर्ज कराकर चिकित्सीय परीक्षण भी कराया था।

मुख्य आरोपी राजा पटेल को 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई

बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद एससी-एसटी एक्ट कोर्ट के स्पेशल जज दीपनारायण तिवारी ने इस मामले में गुरूवार को निर्णय सुनाया। जिसमें दोष सिद्ध होने पर मुख्य आरोपी राजा पटेल को 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही अर्थदण्ड से भी दण्डित किया। न्यायालय ने इस मामले में राजा पटेल के भाई लक्ष्मण, हेमराज व पिता रामलाल को भी 3-3 वर्ष कारावास और 8-8 हजार रूपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। आरोपियों द्वारा अर्थदण्ड की राशि जमा किए जाने पर 20 हजार रूपए की राशि पीड़िता को प्रतिकर के रूप में देने के आदेश दिए गए हैं।

Shashi kant gautam

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