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चीन से पलायन शुरू: 100 अमेरिकी कंपनियां तैयार, ये होगा औद्योगिक हब

करीब 100 अमेरिकी कंपनियां हैं जो चीन से पलायन कर प्रदेश में अपना ठिकाना बना सकती हैं। इसके संकेत प्रदेश के आला अधिकारियों ने भी दिए हैं।

Aradhya Tripathi
Published on: 18 May 2020 1:42 PM GMT
चीन से पलायन शुरू: 100 अमेरिकी कंपनियां तैयार, ये होगा औद्योगिक हब
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नोएडा: कोविड-19 का प्रकोप होते ही प्रदेश में निवेश के नए रास्ते खुलने की संभावना प्रबल हो चुकी है। इसकी वजह यूरोपीय देशों और चीन के बीच लगातार बढ़ रही तनातनी है। कंपनियों का नया ठिकाना उत्तर प्रदेश हो सकता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश इसका गढ़ हो सकता है। यहां कुशल कारीगरों के साथ एमएसएमई औद्योगिक इकाईयां हैं। जिनका साथ बड़ी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट को मिलेगा। ऐसी करीब 100 अमेरिकी कंपनियां हैं जो चीन से पलायन कर प्रदेश में अपना ठिकाना बना सकती हैं। इसके संकेत प्रदेश के आला अधिकारियों ने भी दिए हैं।

नोएडा में इसलिए हैं प्रबल संभावनाएं

कोविड-19 के चलते लॉकडाउन निरंतर बढ़ता जा रहा है। इसका असर औद्योगिक सेक्टर पर सर्वाधिक है। लॉकडाउन में विशेष निती बनाकर उद्योगों को खोला जा रहा है। औद्योगिक सेक्टर वापस पटरी पर लौट रहा है। ऐसे में निवेश करने वाली कंपनियों को कुशल कारीगर यहां मिल सकेंगे। साथ ही अर्थव्यवस्था को और बेहतर किया जा सकेगा। औद्योगिक इकाईयां यहा निवेश करें इसके लिए एक अनुकूल माहौल भी तैयार किया जा रहा है। नोएडा में निवेश की प्रवल संभावनाए हैं।

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यहां नए विकसित किए जा रहे सेक्टर औद्योगिक हब के रूप में विकसित किए जा रहे हैं। अकेले एमएसएमई सेक्टर की बात करें तो नोएडा के फेज-1 में 6000 इकाईयां हैं। इसके अलावा फेज-2 व 3 में भी 5500 इकाईयां हैं। इसके अलावा विश्व में सर्वाधिक मोबाइल बनाने वाली सैमसंग की यूनिट, ओपो, वीवो के अलावा तमाम बड़ी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट नोएडा है। यही नहीं जेवर एयरपोर्ट शुरू होते ही यहां निवेश के लिए पश्चिमी यूपी के द्वार हमेशा के लिए बड़ी यूनिटों के लिए खुल जाएंगे।

बढ़ेगा निवेश मिलेगा रोजगार

संकेत मिले हैं कि चीन से पलायन करने वाली करीब 100 कंपनियां एशिया में अपना नया ठिकाना भारत को बना सकती हैं। उनकी नजर उत्तर प्रदेश पर है। यहां कंपनियां आने से प्रदेश व केंद्र दोनों को ही राजस्व मिलेगा साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा। उत्तर प्रदेश के एमएसएमई के प्रभारी मंत्री ने हाल ही में एक वेबिनार के माध्यम से संयुक्त राज्य अमेरिका-भारत सामरिक भागीदारी मंच आयोजित किया।

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वेबिनार में कंपनियों के प्रतिनिधियों ने कृषि, इलेक्ट्रॉनिक्स, चिकित्सा, वैज्ञानिक उपकरण, लॉजिस्टिक्स, रक्षा, विमानन, खाद्य प्रसंस्करण एमआरओ, आदि के क्षेत्र में रुचि दिखाई। कंपनियों में लॉकहीड मार्टिन, एडोब, हनीवेल, बोस्टन साइंटिफिक और सिस्को सिस्टम्स के साथ-साथ वैश्विक भी शामिल हैं।

दीपांकर जैन

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

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