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Jhansi News: मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही 102 नेशनल एम्बुलेंस सर्विसेस एवं 108 एंबुलेंस
Jhansi News: जनपद में 102 नेशनल एम्बुलेंस सर्विसेस एवं 108 एंबुलेंस द्वारा ऐसे कई मामलो में लोगों को समय पर मदद मिल रही है
Jhansi: जनपद में 102 नेशनल एम्बुलेंस सर्विसेस एवं 108 एंबुलेंस द्वारा ऐसे कई मामलो में लोगों को समय पर मदद मिल रही है। चाहे प्रसव के मामले हो या दुर्घटना के, एम्बुलेंस द्वारा सभी को समय रहते मदद पहुंचाई जा रही है। दूर दराज के ग्रामीण इलाकों से समय से मरीजों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है एवं जरूरत पड़ने पर उन्हें प्राथमिक उपचार भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
जनपद में पिछले दो वर्षों में एम्बुलेंस में प्रसव के मामले काफी बढ़े: डॉ. भाले
यह कहना है एम्बुलेंस सेवा के नोडल अधिकार डॉ. अजय भाले का। डॉ. भाले ने बताया कि जनपद में पिछले दो वर्षो में एम्बुलेंस में प्रसव के मामले काफी बढ़े हैं। अच्छी बात यह है कि आपातकालीन टेकनीशियन एवं एम्बुलेंस स्टाफ द्वारा सभी का सफलतापूर्वक प्रसव कराया गया| एम्बुलेंस में प्रसव के ज्यादातर मामले, अधिकतर ग्रामीण इलाको के होते हैं।
अगस्त से सितम्बर तक 2907 गर्भवती को मिली एम्बुलेंस की सुविधा
जनपद में इस वर्ष अगस्त से सितम्बर तक 2907 गर्भवती को एम्बुलेंस के माध्यम से संस्थागत प्रसव के लिए विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों तक पहुंचाया गया। वर्ष 2019-20 में कुल 11067, वर्ष 2020-21 में 3608 एवं वर्ष 2021-22 में 6430 गर्भवती को इमरजेंसी एम्बुलेंस 108 की सेवा दी गई है। इसके साथ ही पिक और ड्रॉप के लिए वर्ष 2019-20 में 49785, वर्ष 2020-21 में 43791 और वर्ष 2021-22 में 77024 बार गर्भवतियों को प्रसव पूर्व जांच एवं प्रसव के लिए 102 एवं 108 एम्बुलेंस सेवा प्रदान की गई है। इसके साथ ही कई ऐसे मामले भी हुए, जहां बहुत गंभीर अवस्था वाले मरीजों को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल तक पहुंचाया गया।
जनपद में कुल 50 एम्बुलेंस संचालित हैं: जिला समन्वयक
एम्बुलेंस कार्यक्रम के जिला समन्वयक सुनील कुमार ने बताया कि जनपद में कुल 50 एम्बुलेंस संचालित हैं। जिसमें 102 की 24 एवं 108 की 26 एम्बुलेंस उपलब्ध हैं। 108 व 102 की सभी एम्बुलेंस एक चिन्हित हॉटस्पॉट पर खड़ी होती हैं जहाँ से मरीज को मदद पहुँचाने में कम समय लगे। उन्होंने लोगों से अपील की, कि गर्भवती के प्रसव के समय प्रसव पीड़ा होने पर तुरंत ही एम्बुलेंस से संपर्क करे|
यह है 102-108 एम्बुलेंस
नेशनल हेल्थ मिशन के अनुसार मरीज की जरूरतों को देखते हुए दो तरह की एम्बुलेंस सेवा प्रदान की जाती है। 102 के तहत दो वर्ष तक के बच्चे एवं गर्भवती महिलाएं जरूरत के लिए एम्बुलेंस सेवा ले सकते हैं जैसे जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत पात्र लाभार्थियों को अस्पताल पहुंचाने, रेफर करने, या दूसरे अस्पताल पहुंचाने और बच्चे और मां को वापस घर पहुंचाने की सुविधा दी जाती हैं। 108 के तहत गंभीर मरीज, दुर्घटना में घायल लोगों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने की सुविधा मिलती है।
केस-1
जनपद के धमना गांव निवासी भानु (बदला हुआ नाम) को प्रसव पीड़ा होने पर 102 एम्बुलेंस को बुलाया गया। अस्पताल लाते वक़्त महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ गई। ऐसे में एम्बुलेंस में मौजूद आपातकालीन टेक्नीशियन ने परिस्थिति को देखते हुए बीच रास्ते में ही पायलट एवं परिजनों की सहायता से सुरक्षित प्रसव को अंजाम दिया जिसमें जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ एवं सुरक्षित रूप से अस्पताल पहुंचाए गए।
केस-2
जनपद के ईटोरा ग्राम में खेत पर काम कर रही मीरा को सांप ने काटलिया,108 एम्बुलेंस के माध्यम से समय से मीरा को प्राथमिक उपचार देकर तुरंत जनपद स्थित मेडिकल कॉलेज में पहुंचाया गया,जहां मीरा को उचित इलाज मिला एवं उसकी जान बचाई गई।
केस-3
जनपद में सड़क पर हुए मोटरबाइक दुर्घटना के बाद 108 एम्बुलेंस द्वारा पति पत्नी को समय से प्राथमिक उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया जहां उन्हें प्राथमिक उपचार देने के बाद एम्बुलेंस द्वारा मेडिकल कॉलेज भेजा गया।