Kanpur News: बड़ी लापरवाही! मेडिकल स्टाफ ने बिना जांच चढ़ा दिया खून, 14 बच्चे HIV संक्रमित; सपा प्रमुख ने उठाए ये बड़े सवाल

Kanpur News: जिले में सरकारी अस्पताल की लापरवाही ने 14 मासूम बच्चों की जान को खतरे में डाल दिया है। वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मामले को लेकर यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े किये हैं।

Anup Pandey
Published on: 25 Oct 2023 7:53 AM GMT (Updated on: 25 Oct 2023 9:35 AM GMT)
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कानपुर में 14 बच्चे मिले एचआईवी संक्रमित (सोशल मीडिया)

Kanpur News: जिले में सरकारी अस्पताल की लापरवाही ने 14 मासूम बच्चों की जान को खतरे में डाल दिया है। बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाया गया जिसके बाद वह एड्स और हेपेटाइटिस जैसी घातक संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ गये। खून चढ़ाने से पहले जांच नहीं की गई। जिसका खामियाजा अब मासूम बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। पूरा मामला कानपुर के मेडिकल कॉलेज का बताया जा रहा है।

संक्रमित खून चढ़ाने के मामले में यूपी में सियासत गर्माने लगी है। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं पर निशाना साधा है। उन्होंने X पर पोस्ट लिखते हुए कहा कि भाजपा सरकार की डबल इंजन की सरकार ने हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था को डबल बीमार कर दिया है। वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मामले को लेकर यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े किये हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा कि संक्रमित ख़ून चढ़ाने से 14 बच्चों को एचआईवी और हेपेटाइटिस का संक्रमण होना बेहद गंभीर बात है। इस लापरवाही की तत्काल जाँच हो और इस तरह की घातक गलती की सख्त सज़ा दी जाए।

स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप

कानपुर में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की लापरवाही से 14 बच्चों की जान खतरे में पड़ गयी। खून चढ़ाने के बाद इन बच्चों का लाला लाजपत राय अस्पताल में परीक्षण किया गया। जहां रिपोर्ट आने के बाद सभी के आंखे फटी की फटी रह गयी। दरअसल रिपोर्ट में सभी बच्चे हेपेटाइटिस-बी, हेपेटाइटिस-सी और एचआईवी संक्रमण से पीड़ित पाए गए। इससे बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। सभी बच्चे नाबालिग हैं। बच्चों के संक्रमित होने की जानकारी मिलने के बाद इस बात की जांच शुरू हो गई है।

प्रथम दृष्टया इस घटना के पीछे यह वजह सामने आ रही है कि रक्तदान में मिले खून की बिना जांच किये बच्चों को चढ़ा दिया गया। जिसके बाद मासूम बच्चे इस गंभीर वायरस की चपेट में आ गये हैं। सभी बच्चों की उम्र 6 से 16 साल के बीच है। इनमें 7 बच्चे हेपेटाइटिस-बी, 5 हेपेटाइटिस-सी और 2 एचआईवी से पीड़ित पाए गए हैं। सभी बच्चे कानपुर नगर, कानपुर देहात, औरैया, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज समेत अन्य जिलों के रहने वाले हैं।

थैलेसीमिया के मरीजों को 3 से 4 हफ्ते में चढ़ाना पड़ता है ब्लड

कानपुर मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में स्क्रीनिंग के दौरान ये मामला पकड़ा गया कि थैलेसीमिया से पीड़ित 180 बच्चों में 14 मरीजों में हेपेटाइटिस B, C व HIV की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। हालांकि, डॉक्टर्स के मुताबिक यह आंकड़ा पिछले 10 सालों का है। कानपुर मंडल के अंतर्गत आने वाले जिलों में निजी अस्पतालों और सरकारी अस्पतालों में खून चढ़वाया था। हालांकि यह चीज अभी तक नहीं सुनिश्चित हो पाई है कि किस अस्पताल से संक्रमित खून मरीज के अंदर पहुंचा है। थैलेसीमिया से पीड़ित मरीजों को हर 3 से 4 हफ्ते के बीच ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में कभी-कभी मरीज अपनी सुविधा के अनुसार जो अस्पताल घर के पास हुआ वहां से खून चढ़वा लेते हैं। उस समय तो मरीज को नहीं पता चलता है।लेकिन बाद में जब संक्रमण फैल चुका होता है। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।


बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार आर्या ने बताया कि थैलेसीमिया सेंटर को आठ से दस साल हो गए है।पीड़ित मरीजों की स्क्रीनिंग हर 3 से 4 महीने के बीच में की जाती है। साल में करीब 16 से लेकर 24 बार खून चढ़ाना होता है। जब खून चढ़ाया जाता है तो देखना होता है।स्क्रीनिंग में देखा जाता है कि उन मरीजों में कितना सुधार हो रहा है या फिर कोई अन्य बीमारी तो नहीं अटैक कर रही है। ये पूरा आंकड़ा करीब 10 साल का है। कोई एक दो महीने का नहीं है। तीन से 6 महीने में स्क्रीनिग कराते है। प्राइवेट ब्लड बैंक से ब्लड रहने दे।

अलग-अलग सेंटरों में चढ़ाया गया खून

डॉ. आर्या के मुताबिक 7 मरीजों में हेपेटाइटिस B और पांच मरीजों में हेपेटाइटिस C और दो मरीजों में HIV संक्रमण की पुष्टि अभी तक हुई है। इन सभी मरीजों को अलग-अलग सेंटरों पर खून चढ़ाया गया है। अस्पताल में थैलेसीमिया मरीजों की संख्या बढ़ी है। पहले 40 से 45 थैलेसीमिया के मरीज आते थे, लेकिन अब मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई हैं। लखनऊ या अन्य सेंटर पर ना जाकर कानपुर मेडिकल कॉलेज आ रहे हैं। इन दिनों करीब 180 मरीज आ रहे हैं। यहां पर वर्ल्ड क्लास नैक मशीन के माध्यम से ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया जाता है।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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