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15 साल बनाम दो साल, योगी के नेतृत्व में पारदर्शी सुशासन का भाजपा का दावा

पार्टी के प्रदेश महामंत्री विद्यासागर सोनकर ने कहा कि सपा-बसपा सरकार जाति और मजहबी तुष्टिकरण तक ही सीमित रही और उनकी योजनाएं अपने घरों तक ही सीमित रही उनका उद्देश्य जनता को लूट कर और अपने को मालामाल करने तक ही सीमित रहा। विधानसभा चुनाव में नोटबंदी के मुद्दे पर मुंह की खाये बुआ-बबुआ नोटबंदी के प्रभाव से अबतक पीड़ित है, करीबी अधिकारियों और नेताओं पर आयकर विभाग की हालिया कार्यवाही से सपा-बसपा की पीड़ा और बढ़ी है।

SK Gautam
Published on: 18 March 2019 10:31 PM IST
15 साल बनाम दो साल, योगी के नेतृत्व में पारदर्शी सुशासन का भाजपा का दावा
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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने दो वर्ष पूरे किए हैं, इस अवधि में सरकार ने पारदर्शिता सुशासन विकास और जनहित के नए प्रतिमान स्थापित किए हैं। सपा-बसपा सरकारों ने पिछले 15 वर्षों में जितना प्रदेश के लिए नहीं किया उससे अधिक उपलब्धियां का महज 2 साल में योगी सरकार में प्रदेश ने हासिल की है। यह दावा भाजपा ने किया है।

पार्टी के प्रदेश महामंत्री विद्यासागर सोनकर ने कहा कि सपा-बसपा सरकार जाति और मजहबी तुष्टिकरण तक ही सीमित रही और उनकी योजनाएं अपने घरों तक ही सीमित रही उनका उद्देश्य जनता को लूट कर और अपने को मालामाल करने तक ही सीमित रहा। विधानसभा चुनाव में नोटबंदी के मुद्दे पर मुंह की खाये बुआ-बबुआ नोटबंदी के प्रभाव से अबतक पीड़ित है, करीबी अधिकारियों और नेताओं पर आयकर विभाग की हालिया कार्यवाही से सपा-बसपा की पीड़ा और बढ़ी है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में भाजपा सरकार ने गांव, किसान, व्यापारी, कर्मचारी, महिला, युवा, वंचित, पिछड़े, दलित सहित समाज के सभी वर्गों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया। आज उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री आवास योजना स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय निर्माण सौभाग्य योजना, उज्जवला सहित जन केंद्रित कार्यक्रमों में देश में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है।

श्री सोनकर ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि अखिलेश हार और हताशा के अवसाद से अभी बाहर भी नहीं निकल पाए कि एक और प्रचंड हार उनके सामने खड़ी है। इसलिए वह अपनी सरकार की अराजकता, गुंडाराज, तुष्टीकरण और भ्रष्टाचार को भूल कर प्रदेश में सुशासन स्थापित करने वाली योगी सरकार पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। किसानों का हक मारने वाले अखिलेश यादव अपने एसी कमरों से बाहर निकलें तो शायद उन्हें सच का आभास हो जायेगा कि योगी सरकार ने लघु एवं सीमांत किसानों का कर्जा माफ कर उन्हें राहत पहुंचाई और गेहूं धान की रिकार्ड खरीद करके तथा रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान करके किसानों के खातों में बिना बिचैलियों के राशि पहुंचाई और उनके जीवन में खुशहाली लाने का काम किया है। पिछली सरकारों में उद्योगपति और निवेशक प्रदेश छोड़कर भाग गए थे और अब स्थिति यह है पहले इन्वेस्टर समिट में ही 468000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव यूपी में आ चुके हैं, इसमें करीब एक लाख करोड़ की परियोजनाओं पर काम भी शुरू हो चुका है।

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जब सपाई अंधेरी रात में विधान भवन के सामने आलू फेंककर योगी सरकार को बदनाम करने में जुटे थे तब योगी सरकार प्रदेश आलू किसानों की आर्थिक समृद्धि के काम में जुटी थी। आलू का समर्थन मूल्य तय करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बना। शीतगृहों की भण्डारण क्षमता बढ़ाई गई। बाजार हस्तक्षेप योजना के कारण आज किसानों को आलू का लाभकारी मूल्य मिल रहा है। महज 4 जिलों तक बिजली देने वाले अखिलेश यादव की आँखें प्रदेश में हर गरीब के घर उजाला देखकर चैंधिया गई हैं। तब बिजली आना खबर होती थी अब बिजली जाना खबर होती है।



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