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PROUD! स्कूल की पढ़ाई छोड़ने वाली हर्षिता ने बनाया विश्वस्तरीय ऐप
एक समय होता है जब किशोरावस्था में बच्चोें को भौतिकी, रसायन विज्ञान और मठ की चिंता सताती है। लेकिन जनपद की बेटी ने कक्षा आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़कर नई तकनीक को कैसे विकसित किया जायें इसके बारे में अध्ययन किया और मात्र 16 वर्ष की
सहारनपुर: एक समय होता है जब किशोरावस्था में बच्चोें को भौतिकी, रसायन विज्ञान और मठ की चिंता सताती है। लेकिन जनपद की बेटी ने कक्षा आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़कर नई तकनीक को कैसे विकसित किया जायें इसके बारे में अध्ययन किया और मात्र 16 वर्ष की उम्र में वह मुकाम हासिल किया, जिसकी आज विश्व पटल पर धूम है।
हर्षिता ने इतनी सी उम्र में आईओएस सिस्टम पर क्रिप्टो करेंसी प्राइज टैकर एप्लीकेशन बनाई है जो पेड एप्लीकेशन है। अमेरिका और कनाड़ा में इस ऐप को शीर्ष स्थान दिया गया है।
जिस उम्र में बच्चें खेलकूद व मैथामैटिक्स की गुणा भाग में लगते है। उस उम्र में चंद्र नगर निवासी रविंद सिंह की बेटी हर्षिता अरोड़ा ने आठवी कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़कर तकनीक की पढ़ाई कर महज 16 साल की उम्र में एक विशेष एप्लीकेशन बनाकर विश्व पटल में अपनी पहचान बनाई।
हर्षिता अरोड़ा के पिता रविंद्र सिंह अरोड़ा ओटो फाइनेंस व माता जसविंद्र कौर गृहिणी हैं। हर्षिता अरोड़ा ने एप्पल आईओएस सिस्टम पर क्रिप्टो करेंसी प्राइज टैकर एप्लीकेशन बनाई है।
- हर्षिता ने बताया कि उन्होंने कक्षा आठवीं के बाद होम स्कूलिंग की।
- हर्षिता ने प्राइमरी एथेनिया, उसके बाद पाइनहॉल व आठवी तक पाइनवुड तक पढ़ाई की।
- 2016 में उन्होंने मैंगलुसेट्स इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से एमआईटी लॉन्च में भाग लेने के लिए बेंगलुरु में सेल्सफोर्स के साथ इंटर्नशिप हासिल करने में कामयाबी हासिल की, जो कि 15 से 19 वर्ष की उम्र के लोगों के लिए एक चार सप्ताह का उद्यमिता कार्यक्रम था।
- यहां से उन्होंने अपने पहला आईओएस आवेदन कोडिंग के बारे में सोचा था।
- फिर क्या, उन्होंने आईओएस एप्स बनाने के बारे में शोध शुरू कर दिया और स्विफ्ट प्रोग्रामिंग सीखना शुरू कर दिया।
- इसके दो महीने बाद ही हर्षिता का बनाया ऐप 28 जनवरी को लाइव हो गया, और दुनिया का ध्यान आकर्षित करने में कामयाब रहा।
क्या है क्रिप्टों करेंसी प्राइज टैकर एप्लीकेशन?
- हर्षिता के द्वारा बनाया गया क्रिप्टों करेंसी प्राइज टैकर एप्लीकेशन पूरे विश्व की करेंसी के बारे में जानकारी देता है।
- यह एप अपडेट होता रहा है। एप्लीकेशन आईओएस सिस्टम पर चलता है। हर्षिता द्वारा बनाये गये एप्प के लगभग 1800 से अधिक पेड डाउनलोड हो चुके हैं।
हर्षिता के पापा रविंद्र सिंह अरोड़ा ने बताया कि हर्षिता पूरे दिन व पूरी रात कमरे में ही रहती हैं और अपने मोबाइल व लैपटॉप पर वर्क करती रहती है। उन्होंने बताया कि हर्षिता सिर्फ पूरे दिन में हम से 15 या 20 मिनट ही बात करती है।
अगला ऐप लोगों के स्वास्थ्य के लिए होगा
हर्षिता ने बताया कि उनका अगला ऐप लोगों के स्वास्थ्य के लिए होगा जो लोगों को बताया कि उनके स्वास्थ्य के लिए क्या लाभदायक है और क्या हानिकारक है।
उन्होंने बताया कि क्रिप्टो ऐप को वह अगले माह बेचने वाली हैं। इसके लिए उन्हें कई आॅफर आ चुके है।