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भारतीय वेश-भूषा और संस्कृृति में रंगे रहे विदेशी, प्रतिनिधियों ने कहा एक्सीलेंट एण्ड अमेजिंग कुम्भ
प्रयागराज की पावन धरती पर हो रहे दिव्य एवं भव्य कुम्भ मेला-2019 के 187 देशों से आये 189 डेलिगेट्स आज साक्षी बने। यहाॅ के पौराणिक एवं धार्मिक स्थलों को देखने के लिए विभिन्न देशों के आये प्रतिनिधियों को विदेश राज्यमंत्री भारत सरकार जनरल (से.नि.) वी.के.सिंह साथ लेकर बमरौली एयरपोर्ट पर पहुॅचे
आशीष पांडे
कुंभ नगर: प्रयागराज की पावन धरती पर हो रहे दिव्य एवं भव्य कुम्भ मेला-2019 के 187 देशों से आये 189 डेलिगेट्स आज साक्षी बने। यहाॅ के पौराणिक एवं धार्मिक स्थलों को देखने के लिए विभिन्न देशों के आये प्रतिनिधियों को विदेश राज्यमंत्री भारत सरकार जनरल (से.नि.) वी.के.सिंह साथ लेकर बमरौली एयरपोर्ट पर पहुॅचे और जहाॅ उ.प्र. सरकार की ओर से उनका भव्य स्वागत प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, कमिश्नर प्रयागराज मण्डल डाॅ आशीष कुमार गोयल, अपर पुलिस महानिदेशक एस.एन. साबत, पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल सहित अन्य अधिकारियों ने माला पहनाकर हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया।
अपने स्वागत से अभिभूत होकर विदेशी मेहमानों ने ’भारत माता की जय’ के नारों से खुशी का इजहार किया। विदेशी प्रतिनिधियों के स्वागत में असम, त्रिपुरा एवं अन्य प्रदेशों के कलाकारों ने पारम्परिक वाद्ययंत्रों के साथ अपनी लोक कला का प्रदर्शन करते हुये स्वागत किया। सभी विदेशी प्रतिनिधि प्रयागराज की धरती पर आकर बहुत खुश दिखाई दिये। हवाई अड्डे से सभी विदेशी प्रतिनिधिगण विशेष बसों में सवार होकर कुम्भ मेला में अरैल स्थित संस्कृति ग्राम पहुॅचे। हवाई अड्डा से जब बसों का काफिला चला तो सड़कों के किनारे स्कूली बच्चों, नगरवासियों आदि ने विदेशी मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत किया और विदेशी मेहमानों ने हाथ हिलाकर उनके अभिवादन को स्वीकार किया।
संस्कृति ग्राम में विदेशी मेहमानों ने भारत माता की जय, ब्रह्मपुत्र की जय, यमुना जी की जय, गंगा मईया की जय, कुम्भ मेला की जय के जोरदार नारे लगाये। साथ ही संस्कृति ग्राम में भारत की समृद्ध संस्कृति के उत्तरोत्तर विकास के सम्बन्ध में प्रदर्शित कलाकृतियों को निहारते रहे और इस समृद्ध संस्कृति को आश्चर्य से देखते रहे। संस्कृति ग्राम में ही एक स्थान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उ.प्र. के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ की मूर्ति को विदेशी मेहमानों ने अपने कैमरे में कैद किया। संस्कृति ग्राम में सैन्धव घाटी की सभ्यता, वैदिक काल, रामायण युग, कृष्ण कथायें, बौद्ध/जैन काल, महाभारत काल, मौर्य काल, शुंग एवं कुषाण काल, गुप्तकाल, वर्धनकाल, भक्तिकाल, मराठा साम्राज्य, सामाजिक एवं सास्कृतिक जागरुकता आन्दोलन, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन, स्थापत्य कला, आदि विभिन्न कालों की मानव प्रगति तथा भारतीय संस्कृति के उत्तरोत्तर विकास की आकर्षक कलाकृतियों का गम्भीरता से अवलोकन करते हुए जानकारी की तथा उसे अपने कैमरों में कैद भी किया।
सभी 187 देशों के विदेशी प्रतिनिधिगणों ने सामूहिक रुप से विदेश राज्यमंत्री जनरल वी.के. सिंह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, आयुक्त प्रयागराज मण्डल डाॅ आशीष कुमार गोयल, अपर पुलिस महानिदेशक एस.एन.साबत, राकेश शुक्ला के साथ फोटो खिंचवाई।
इस अवसर पर जनरल वी.के. सिंह ने विदेशी प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए दिव्य एवं भव्य कुम्भ की तैयारियों, व्यवस्थाओं, इसके पौराणिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुम्भ मेला को अद्भुत, अलौकिक, अभूतपूर्व, दिव्य एवं भव्य स्वरुप को साकार रुप देने की रुप रेखा पहले से ही तैयार करायी थी जिसे उ.प्र. के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुम्भ मेला को दिव्य एवं भव्य स्वरुप दिया। कुम्भ मेला का संदेश पूरी दुनिया में पहुॅचा जिससे देश और विदेश से करोड़ो लोग कुम्भ मेला में आस्था की डुबकी लगाने पहुॅचे।
इस अवसर पर चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सिद्वार्थ नाथ सिंह ने कहा कि भारत के प्राचीन संस्कृति परम्परा के साथ-साथ पयर्टन को भी इस कुम्भ से बल मिला है। सभी देशों के प्रतिनिधियों ने आकर यहां की ऐतिहासिक कालों, भारत की संस्कृति और समय पर हुये विकास को देखा है। भारत की पौराणिक संस्कृति का लोहा पूरा विश्व मानता है। प्रधानमंत्री के निर्देशन में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आयोजित इस विशाल कुम्भ में करोडों लोगों ने देश-विदेश से आकर स्नान किया। प्रयागराज के कुम्भ मेला की व्यवस्था की सराहना पूरी दुनिया ने की है।
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कार्यक्रम के बाद सभी विदेशी डेलीगेट्स क्रूज में बैठ कर किला घाट आये जहाॅ से वे मन में उत्साह लिए अक्षयवट देखने के लिए किले की ओर चल दिये। अक्षयवट गेट के पास ही पुलिस के बैण्ड द्वारा मधुर देश भक्ति की धुन पर स्वागत किया गया। सभी विदेशी प्रतिनिधियों ने भारत की सदियों पुरानी अमूल्य ऐतिहासिक और अध्यात्मिक धरोहर अक्षयवट को देखकर आश्चर्यचकित रह गये। अक्षयवट की दिव्यता और आज तक की मौजूदगी के विषय में पर्यटन विभाग के गाइडस द्वारा उन्हें अवगत कराया गया। इसके बाद विदेशी प्रतिनिधियों का दल संगम नोज पहुॅचा, जहां पर पवित्र संगम में स्नानकर अपने को धन्य समझा। इस अवसर पर वहां पर उपस्थित तीर्थ पुरोहितो ने स्वागत करते हुये भारतीय परम्परा और संस्कृति के अनुसार विधि-विधान से उनके माथे पर तिलक भी लगाया। कई विदेशी प्रतिनिधि भारतीय वेश-भूषा धारण करते हुये भारतीय संस्कृति में रमे थे। उन्होंने स्नान घाट पर बज रहे धार्मिक संगीत का आनन्द भी उठाया। संगम नोज पर उपस्थित पत्रकारों से वार्ता करते हुये विदेशी प्रतिनिधियों ने कुम्भ 2019 की दिव्यता और भव्यता के विषय में बताया कि उन्होंने अपने देश में इस मानव समुदाय की सबसे बडी धरोहर को पढा और सुना था। जिसे आज देख भी लिया। उन्होंने बताया कि कुम्भ एक्सीलेंट, अमेजिंग (उत्कृष्ट, विस्मयकारी) है। कुम्भ आकर उन्हें बहुत शांति और शुकून की अनुभूति हो रही है। ऐसा उन्होंने कभी नहीं देखा था।
संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) दीमापुर के तत्वाधान में अरैल में देश के विभिन्न प्रांतों के कलाकारों द्वारा अपने-अपने प्रांतों की लोक कलाओं का मंचन किया गया। जिसे विदेशी प्रतिनिधि देख भाव विभोर हो गये। भारतीय लोक कलाओं व संस्कृति से विदेशी प्रतिनिधि पहली बार रूबरू हुये। नार्थ ईस्ट जोन कल्चरल सेंटर दीमापुर के द्वारा आज विदेशी प्रतिनिधियों के समक्ष अंतर्राष्ट्रीय डांस काउंसिल की मेंबर व राष्ट्रीय कथक संस्थान की शिखा खरे द्वारा कथक नृत्य व गंगा अवतरण तथा तराना की मनमोहक प्रस्तुति की गई।
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असम के कलाकारों द्वारा बिहु लोकनृत्य, अरुणाचल प्रदेश के कलाकारों द्वारा नेकसुखा लोकनृत्य, मणिपुर के कलाकारों द्वारा थांगल जगोई लोकनृत्य, मेघालय के कलाकारों द्वारा सेड पियांग लोकनृत्य, मिजोरम के कलाकारों द्वारा चिराव बैम्बू डांस, नागालैंड के कलाकारों द्वारा कुपेलिली डांस व त्रिपुरा के कलाकारों द्वारा होजागिरि लोकनृत्य का मनोहारी मंचन किया गया। इस दौरान केंद्र सरकार के विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह, उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह राकेश शुक्ला, मेला अधिकारी विजय किरन आनन्द, डीआईजी केपी सिंह आदि गणमान्य लोग प्रमुख रूप से मौजूद रहे। विदेशी प्रतिनिधियों ने कलाकारों द्वारा प्रस्तुत की गई विधाओं की सराहना की । कार्यक्रम का संचालन ऋतिका अवस्थी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर स्वामी अवधेशानन्द ने आबूधाबी से वीडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से आये हुये विदेशी प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुये अपने प्रेरक उदबोधन में कहा कि युनेस्कों ने कुम्भ को मानव सभ्यता की अमूल्य धरोहर घोषित किया है। ऋषियों, मुनियों की यह धरती अतिथि देवो भवः की संस्कृति को चरितार्थ कर रही है।