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Lucknow News : 20 यूपी गर्ल्स बटालियन एनसीसी द्वारा लखनऊ के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि
Lucknow News : शहर के सात वीरों के परिवार को 20 यूपी गर्ल्स बटालियन एनसीसी, लखनऊ द्वारा शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने साथ स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।
Lucknow News : शहर के सात वीरों के परिवार को 20 यूपी गर्ल्स बटालियन एनसीसी, लखनऊ द्वारा शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने साथ स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। राष्ट्र के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों में शहीदों के परिवारों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हस्ताक्षरित स्मृति चिन्ह शहीदों को एनसीसी द्वारा भेंट किए जा रहे हैं। इसी क्रम में राष्ट्र की सुरक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले इसी शहर के वीर सपूतों के परिवार को 20 यूपी गर्ल्स बटालियन एनसीसी, लखनऊ द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट कर एक बार फिर गौरवान्वित होने का अवसर दिया ।
कार्यक्रम की शुरुआत कर्नल विनोद जोशी, कमान अधिकारी द्वारा शहीदों को पुष्पांजलि से हुई। मेजर सुरेखा राव, एडम अफसर, सूबेदार मेजर, देव पाल सिंह और सूबेदार मेजर बल बहादुर राणा ने शहीदों को पुष्प अर्पित किए। जम्मू कश्मीर घाटी में उग्रवादियों से लोहा लेते हुए और राज्य में अमन कायम करने के लिए वीरों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। सात सुरक्षाकर्मियों में बहादुरी, अदम्य साहस, अपनी स्वयं की परवाह न करते हुए पहल की अद्भुत गाथा के साथ तीन वीरों को मरणोपरांत शौर्य चक्र और दो सेनानियों को बहादुरी के लिए सेना मेडल से सुशोभित किया गया। सभी शहीदों के परिवारों ने, शहीदों को पुष्पांजलि दी। उसके पश्चात कमान अधिकारी द्वारा प्रधानमंत्री द्वारा हस्ताक्षरित स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।
लखनऊवासी शहीदों के नाम इस प्रकार हैं
गनर अरुण कुमार त्रिपाठी, आर्टिलरी, लेफ्टिनेंट हरि सिंह, बिष्ट शौर्य चक्र 3/11 जी आर, लेफ्टिनेंट नवनीत राय शौर्य चक्र, 14 राजपूत कैप्टन मुकेश श्रीवास्तव, सेना मेडल 2/3 जी आर मेजर समीर उल इस्लाम, शौर्य चक्र 17 फील्ड रेजीमेंट, सिपाही राजकुमार 405 फील्ड एंबुलेंस और सिपाही देवेंद्र प्रताप सिंह, सेना मेडल 2 राजपूत लखनऊ के इन रणबांकुरे ने सन 1999 से 2003 के बीच जम्मू कश्मीर घाटी में उग्रवादियों के खिलाफ विभिन्न ऑपरेशनों में आतंकवादियों को मार गिराते हुए राष्ट्र की शांति के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इन शहीदों की कुर्बानियों को सभी उत्तर प्रदेश वासी स्मरण और नमन करते हैं।
लखनऊ है वीरों की धरती
1.शहीद गनर अरुण कुमार 108 मीडियम रेजिमेंट 134 राष्ट्रीय राइफल - शहीद गनर अरुण कुमार सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट के 108 मीडियम रेजिमेंट में सन् 1993 को शामिल हुए। उसके बाद 4 साल अपनी पलटन में नौकरी करने के बाद 1997 में इनकी पोस्टिंग 34 राष्ट्रीय राइफल में श्रीनगर के पुलवामा में हुई । 4 अक्टूबर 1997 को आतंकवादियों के साथ एक मुठभेड़ के दौरान यह बहादुरी के साथ लड़ते हुए शहीद हो गए । वर्तमान समय में इनका परिवार लखनऊ में एलडीए कॉलोनी में रहता है।
2.शहीद लेफ्टिनेंट हरि सिंह बिष्ट (शौर्य चक्र) 3/11 गोरखा राइफल - शहीद लेफ्टिनेंट हरि सिंह बिष्ट (शौर्य चक्र) यह सन 1999 में भारतीय सेना में कमीशन प्राप्त हुए। उनकी पहली पोस्टिंग सन 2000 में श्रीनगर में 3/11 गोरखा राइफल में हुई। यह अपनी कंपनी के साथ सर्च एंड डिशटॉय ऑपरेशन के दौरान दिनांक 21 जुलाई 2000 को आतंकवादियों के साथ फायरिंग के दौरान अपना साहस दिखाकर बहादुरी के साथ लड़ते हुए शहीद हो गए। उनके मरणोपरांत भारत सरकार ने शौर्य चक्र से नवाजा । वर्तमान समय में इनका परिवार भी रायबरेली रोड लखनऊ में रहता है।
3.शहीद लेफ्टिनेंट नवनीत राय 14 राजपूत (शौर्य चक्र) - शहीद लेफ्टिनेंट नवनीत राय ने सन 1999 में भारतीय सेना में कमीशन प्राप्त किया। इनकी पहली पोस्टिंग सन 2001 में श्रीनगर के कुपवाड़ा सेंटर में हुई थी। 29 जनवरी 2001 को अपनी पेट्रोलिंग पार्टी के साथ गश्त के दौरान आतंकवादियों से मुकाबला हुआ और इन्होंने 4 आतंकवादियों को मार गिराया और शहीद हो गए। इनकी इस बहादुरी के लिए इन्हें हमेशा याद किया जाएगा। इनका परिवार वर्तमान समय में नवनीत नगर लखनऊ में रहता है।
4.शहीद कैप्टन मुकेश श्रीवास्तव 2/3 गोरखा राइफल (32 आरआर) - शहीद कैप्टन मुकेश श्रीवास्तव सेना मेडल दिनांक 10 जून 1995 में सेना में कमीशन प्राप्त हुए । इनकी पहली पोस्टिंग 2/ 3 गोरखा राइफल में हुई। 6 साल अपनी पलटन में सेवा करने के बाद सन् 2001 में इनका स्थानांतरण 32 राष्ट्रीय राइफल श्रीनगर कुपवाड़ा में हुआ। वहीं पर सन 13 अप्रैल 2001 को सर्च एंड डिस्ट्रॉय ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान यह शहीद हो गए। इनकी बहादुरी और अदम्य साहस के लिए इनको सेना मेडल से नवाजा गया। वर्तमान समय में इनका परिवार इंदिरा नगर लखनऊ में रहता है।
5.शहीद मेजर समीर उल इस्लाम (शौर्य चक्र) - शहीद मेजर समीर उल इस्लाम (शौर्य चक्र) इन्होंने सन 1991 में भारतीय सेना में कमीशन प्राप्त किया। इनकी पोस्टिंग 17 पैरा फील्ड रेजीमेंट में हुई। सन 2001 में इनकी पलटन सिलचर आसाम में थी। 3 जुलाई 2001 को अपनी कंपनी के साथ सर्च एंड डिस्ट्रॉय ऑपरेशन के दौरान सिलचर में आतंकवादियों के साथ अचानक हुए मुठभेड़ में बहादुरी के साथ लड़ते हुए शहीद हो गए। इन्हें इनके अदम्य साहस के लिए इनको मरणोपरांत शौर्य चक्र से नवाजा गया। वर्तमान समय में इनका परिवार लखनऊ में रहता है।
6.शहीद सिपाही देवेंद्र प्रताप सिंह सेना मेडल दो राजपूत 10 राष्ट्रीय राइफल - शहीद सिपाही देवेंद्र प्रताप सिंह सन 1999 में सेना के राजपूत रेजीमेंट में शामिल हुए। इनकी पहली पोस्टिंग राजपूत रेजीमेंट में हुई। 4 साल अपनी पलटन में सेना की सेवा करने के बाद सन 2003 में उनका स्थानांतरण जम्मू कश्मीर के डोडा इलाके में 10 राष्ट्रीय राइफल में हुआ। दिनांक 29 अप्रैल 2003 के दिन पेट्रोलिंग के दौरान इनका मुकाबला आतंकवादियों से हो गया। काफी समय तक बहादुरी से लड़ते हुए शहीद हो गए । इनके इस स्मरणीय साहस के लिए इनको मरणोपरांत सेना मेडल से नवाजा गया। वर्तमान समय में इनका परिवार शिव विहार लखनऊ में रहता है।
7.शहीद सिपाही राजकुमार 405 फील्ड एंबुलेंस आर्मी मेडिकल कोर - शहीद सिपाही राजकुमार सिंह सन 1992 में सेना के आर्मी मेडिकल कोर में शामिल हुए अपनी अलग-अलग जगहों पर सेवा देने के बाद सन 2002 में इनकी पोस्टिंग अरुणाचल प्रदेश के 405 फीट एंबुलेंस जी डाटा में हुई। वहां पर बचाव राहत कार्य के दौरान शहीद हो गए। वर्तमान समय में इनका परिवार लखनऊ में रहता है।