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रोजगार मेले में 2000 बेरोजगारों को मिली नौकरी, रूडी बोले- प्रयासों का दिख रहा असर
वाराणसी: 'प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना' के अंतर्गत लगे रोजगार मेले में पहली बार 2000 से ज्यादा बेरोजगारों को निजी कंपनियों ने रोजगार प्रदान किए। इन अभ्यर्थियों का उत्साह बढ़ाने खुद केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी शुक्रवार को कशी आए। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की पहल का असर दिख रहा है, इसका उदहारण आज वाराणसी ने पेश किया है।
10000 अभ्यर्थियों ने कराया था रजिस्ट्रेशन
वाराणसी के चौका घाट स्थित सांस्कृतिक संकुल में शुक्रवार को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत वाराणसी कौशल महोत्सव के अंतर्गत स्ट्रीट फूड विक्रेताओं, नाविकों और टूर गाइड के व्यवसाय में कार्यरत एक हजार लोगों को प्रशिक्षण के उपरान्त मान्यता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। तो दूसरी ओर, 2000 बेरोजगारों को निजी कंपनियों ने रोजगार प्रदान किए। इस मेले में 10000 से अधिक अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था जिनमें 2000 का चयन हुआ।
बिरला ग्रुप से लेकर पेटीएम तक दी नौकरियां
इस रोजगार मेले में लगभग 19 कंपनियों ने अभ्यर्थियों को रोजगार दिए। इनमें आदित्य बिरला ग्रुप, तिकोना, पेटीएम, हेल्थ केयर जैसी कई बड़ी कंपनियां शामिल थीं। इन कंपनियों ने 6 हजार से 18 हजार तक मासिक वेतन पर रोजगार दिए हैं। नौकरी पाने के बाद युवाओं के चेहरे पर ख़ुशी दिखी। रोजगार पाने वालों का कहना था की उनका सपना पूरा हुआ। अब वो आसानी से अपनी मंजिल प् सकेंगे।
कंपनियां भी खुश दिखी
जो कंपनिया इस रोजगार मेले में शामिल हुई उनका भी कहना है कि हमें एक जगह इतने प्रतिभावान लोग मिले। सरकार की ये अच्छी पहल है आगे भी इस तरह की कोशिश हुई तो हमें भी अच्छे लोग मिलेंगे।
सफाई का दिया प्रशिक्षण
SWACA नामक एनजीओ ने इस अवसर पर काशी को स्वच्छ बनाने के लिए 'स्ट्रीट फ़ूड वेंडर्स' को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया। स्ट्रीट फ़ूड वेंडर्स के प्रशिक्षण का उद्देश्य उन्हें खाद्य सामग्रियों और ठेले, खोमचे आदि के आसपास स्वछता के प्रति जागरूक करना था। इस ट्रेनिंग के बाद वेंडरो में भी काफी उत्साह नजर आया।
रूडी बोले- ये पीएम मोदी के प्रयासों का असर है
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा, 'ये भारत सरकार और देश के प्रधानमंत्री जी की एक अच्छी पहल है। इससे लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इस पहल से जनता में स्वच्छता को लेकर जागरूकता बढ़ेगी। इस योजना की शुरुआत वाराणसी से हुई है। आगे इसका विस्तार किया जाएगा।