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UP सरकार व कर्मचारियों में टकराव तय, 9 दिसंबर से काम बंदी को तैयार 22 लाख कर्मचारी व शिक्षक, ये मांगें नहीं मान रही सरकार

22 Lakh Staff Teachers Protest : कर्मचारी शिक्षक 27 नवम्बर को पूरे राज्य के जिला मुख्यालयों पर मशाल जुलूस निकालकर उन्होंने इसका ऐलान भी कर दिया है।

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Newstrack NetworkPublished By Shraddha
Published on: 30 Nov 2021 3:43 PM GMT
UP सरकार व कर्मचारियों में टकराव तय
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UP सरकार व कर्मचारियों में टकराव तय (कॉन्सेप्ट फोटो - सोशल मीडिया)

22 Lakh Staff Teachers Protest 9 December: प्रदेश के 22 लाख कर्मचारी शिक्षक (teacher) अपनी मांगों को लेकर सरकार से भिड़ने को तैयार हैं। 27 नवम्बर को पूरे राज्य के जिला मुख्यालयों (District Headquarters) पर मशाल जुलूस (Teacher Protest) निकालकर उन्होंने इसका ऐलान भी कर दिया है। अब सभी कर्मचारी शिक्षक कार्य बहिष्कार करने को तैयार हैं। 9 दिसंबर से वह काम बंदी पर जाएंगे। जिसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जिले स्तर पर रोज़ाना संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों की अध्यक्षता में बैठकों का दौर जारी है। काम बंदी की रूप रेखा भी तय की जा रही है। विधानसभा चुनावों के पहले सरकारी व संविदा कर्मचारियों (contract employees) का नाराज़ होना गहरा प्रभाव छोड़ सकता है।

मशाल जुलूस निकालकर मुख्यमंत्री को सौंपा था ज्ञापन

शनिवार को कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद (उत्तर प्रदेश) और संयुक्त एनएचएम ने मिलकर मशाल जुलूस निकाला था। जिसमें हज़ारों की संख्या में कर्मचारियों व शिक्षक इकट्ठा हुए थे और अपनी मांगों को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा था। लखनऊ में भी सभी कर्मचारी व शिक्षकों ने नगर निगम मुख्यालय से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय तक मशाल जुलूस निकाला था। जिसमें संयुक्त एनएचएम के संविदा कर्मचारी भी शामिल थे।

काम बंदी की हो रही पूरी तैयारी- सुनील यादव

9 दिसंबर से होने वाली काम बंदी के बारे में जब 'न्यूज़ट्रैक' ने फार्मेसिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष व परिषद के प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील यादव (Sunil Yadav) से बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि "सरकार व कर्मचारियों में टकराव तय है। सुनील यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार की उपेक्षा के कारण प्रदेश के 22 लाख कर्मचारी शिक्षक आक्रोशित हैं। हमने सारे तरीके अपना लिए, जिससे सरकार तक अपनी बात पहुंचाई जा सके। मग़र, सरकार बातचीत करने को तैयार ही नहीं। ऐसे में हमारे पास काम बंदी के सिवा कुछ नहीं बचा है। हम पूरी तैयारी में लगे हैं और 9 दिसंबर से काम बंदी होकर रहेगी।''

कर्मचारियों व शिक्षकों की ये है मांगें:-

• पुरानी पेंशन की बहाली।

• वेतन समिति की संस्तुतियों को लागू करना।

• कैडर पुनर्गठन करके नियुक्तियां व पदोन्नतियां।

• आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मचारियों की सुरक्षा एवं न्यूनतम वेतन के लिए नीति।

• स्थानीय निकायों के पदों का पुनर्गठन।

• दैनिक कर्मचारियों का विनियमितीकरण।

• राजकीय निगमों के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ।

• संवर्गों का पुनर्गठन।

• महंगाई भत्ते की सभी किस्तों का भुगतान।

इन विभागों के कर्मचारी रहेंगे शामिल

मोर्चे के जनपद अध्यक्ष सुभाष श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि "हमारे साथ स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, इंदिरा भवन, जवाहर भवन, रोडवेज, सिंचाई, वन, शिक्षा, निगम सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारी भागीदारी करेंगे।

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