×

यूपी: घाघरा लाल निशान के करीब, सरयू में छोड़ा गया 33 लाख क्यूसेक पानी

पूर्वांचल के कई जिलों में लगातार हो रही बारिश से घाघरा व सरयू का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। घाघरा के तटवर्ती गांवों में कटान तेज हो रही है। 20 बीघे कृषि योग्य जमीन धारा में समाहित हो गई।

Aditya Mishra
Published on: 24 July 2019 2:40 PM GMT
यूपी: घाघरा लाल निशान के करीब, सरयू में छोड़ा गया 33 लाख क्यूसेक पानी
X

लखनऊ: पूर्वांचल के कई जिलों में लगातार हो रही बारिश से घाघरा व सरयू का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। घाघरा के तटवर्ती गांवों में कटान तेज हो रही है। 20 बीघे कृषि योग्य जमीन धारा में समाहित हो गई।

सरयू भी लाल निशान छूने को बेताब दिख रही है। 33 लाख क्यूसेक पानी सरयू नदी में छोड़ा गया है। पानी छोड़े जाने से 100 गांवों में बाढ़ का संकट मंडराने लगा है। बाढ़ व कटान को लेकर ग्रामीणों में दहशत है।

ये भी पढ़ें...सरयू-घाघरा के संगम त्रिमुहानी घाट पर उमड़ा आस्था का सैलाब

बुधवार को बहराइच के घूरदेवी स्थित घाघरा नदी का जलस्तर 109.720 मीटर रिकार्ड किया गया। मंगलवार को यहां पर जलस्तर घटकर 109.760 पर पहुंच गया था। पिछले 12 घंटे में जलस्तर छह सेंटीमीटर बढ़ा है।

किसानगंज के कोढ़वा गांव के गोविंद प्रसाद, जगदंबिका प्रसाद व विजय कुमार के आशियाने, रामचंद्र, गयाप्रसाद व ननकऊ की गन्ने की फसल कटान के मुहाने पर है। जलस्तर बढ़ने के बाद कटान फिर तेज हो गई है।

जिला प्रशासन बाढ़ व कटान की स्थिति पर पल-पल नजर रख रही है। बारिश के चलते जलस्तर में कुछ वृद्धि हुई है। अभी बाढ़ की कोई संभावना नहीं है।

वहीं बलरामपुर जिले के कैसरगंज तहसील क्षेत्र के मझारा तौकली के भिरगू पुरवा में कटान हो रही है। नन्हें गौतम, राजेंद्र प्रसाद, अवधेश कुमार, राम औतार, रमेश कुमार का लगभग 20 बीघे जमीन धारा में समाहित हो गई है।

ये भी पढ़ें...लखनऊ: घाघरा और सरयू नदी के किनारे बसे 127 गांवों को अलर्ट जारी

सरयू में छोड़ा गया 33 लाख क्यूसेक पानी

सरयू नहर खंड नानपारा के अधिशाषी अभियंता विनय कुमार ने बताया कि नेपाल के बाबई बैराज पर घाघरा नदी को जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया था। इससे 33 लाख क्यूसेक पानी सरयू नदी में छोड़ा गया है। इसको देखते हुए बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं। सरयू नदी खतरे के निशान से सिर्फ आधा मीटर नीचे बह रही है।

इन गांवों पर मंडराया बाढ़ का खतरा

सरयू का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती पड़रिया, पुरैना, रघुनाथपुर, चंदनपुर, बढ़ैया, बैबाही, गिरगिट्टी, सोमई गौढ़ी गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गांव के लोग सुरक्षित ठिकानों की तलाश में जुटे हुए हैं।

ये भी पढ़ें...नेपाल से नौ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद घाघरा नदी के बिगड़े हालात

Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story