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नेेपाल में लैण्डस्लाइड में 43 की मौत, राहत बचाव कार्य जारी

उत्तर प्रदेश में बीते कई दिनों से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे दर्जनों गांव बाढ़ग्रस्त हो गए हैं। राम नगरी अयोध्या में सरयू नदी का जलस्तर चेतावनी का निशान पार कर गया है।

Vidushi Mishra
Published on: 14 July 2019 4:55 PM IST
नेेपाल में लैण्डस्लाइड में 43 की मौत, राहत बचाव कार्य जारी
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Nepal Flood

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बीते कई दिनों से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे दर्जनों गांव बाढ़ग्रस्त हो गए हैं। राम नगरी अयोध्या में सरयू नदी का जलस्तर चेतावनी का निशान पार कर गया है। नदी का जलस्तर सुबह 91़ 86 मीटर दर्ज किया गया, जिससे तटवर्ती इलाकों में हड़कंप मच गया है। स्थानीय लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है। अगर बात करें गम्भीर स्थिति की तो सबसे ज्यादा खराब स्थिति बहराइच की है।

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सरयू और घाघरा

वहां नेपाल में हो रही बारिश का सीधा असर देखा जा रहा है। सरयू नदी उफान पर है। घाघरा भी एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है। बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन हाई-अलर्ट है, एसडीएम महसी ने तटवर्ती गांवों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया है।

इसके साथ ही बलरामपुर में बारिश से पहाड़ी नाले में बाढ़ आ गई है। जिले के 30 से अधिक गांव पानी से घिर गए हैं। राप्ती नदी खतरे के निशान 103़ 620 से 88 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। तुलसीपुर-गौरा मार्ग सहित कई प्रमुख मार्गो पर आवागमन बाधित है।

कुछ स्थानों पर नौका लगाकर ग्रामीणों के आवागमन की व्यवस्था की गई है। बाराबंकी में घाघरा नदी का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ रहा है। नदी की कटान रामनगर क्षेत्र के कचनापुर, कोरिनपुरवा, जियनपुरवा, सिरौलीगौसपुर के ग्राम टेपरा व तेलियानी में हो रही है। श्रावस्ती में राप्ती नदी खतरे के निशान से पांच सेमी ऊपर बह रही है। कई अन्य प्रमुख रास्तों पर आवागमन ठप हो गया है।

सरयू नदी की एक शाखा शहर से सटकर बहती है। जिले में तीन दिनों से हो रही तेज वर्षा से नदी का जलस्तर बढ़ गया है। इस कारण सदर तहसील क्षेत्र के शेखदहीर, पिपरिया महिपालसिंह, आगापुरवा, सिसई हैदर, मुल्लापुरवा, सराय मेहराबाद, यादवपुर, त्रिवेदीपुरवा सहित 16 गांव बाढ़ की चपेट में हैं।

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लगभग 28 हजार की आबादी प्रभावित है। सरयू नदी के उफान की सूचना पाकर उपजिलाधिकारी कीर्ति प्रकाश भारती ने राजस्वकर्मियों की टीम के साथ नौका से प्रभावित गांवों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया। हैदर सिसई, सराय मेहराबाद और आगापुरवा गांव में नौका से पहुंचकर एसडीएम ने ग्रामीणों के साथ बातचीत कर समस्याएं सुनीं और मदद का भरोसा दिलाया।

वहीं, आपको बता दें, गोरखपुर के देवरिया में भारी बारिश के कारण जिलाधिकारी और जिला आबकारी अधिकारी के कार्यालय क्षेत्र में पानी भर गया है।लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। गंगा सहित कई सहायक नदियों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ने लगा है। मात्र एक ही दिन में वाराणसी में गंगा का जलस्तर 0़ 7 मीटर बढ़ गया। इसके बाद चेतावनी के स्तर से मात्र 10़ 60 मीटर ही गंगा रह गई है। आने वाली स्थिति को भांपते हुए घाटों पर सतर्कता बढ़ा दी गई है।

गोमती नदी में बाढ़ के कारण लखनऊ से सटे बीकेटी और इटौंजा के लगभग 12 गांव प्रभावित होने के कगार पर हैं। इसमे जमखनवां, जमखनवां का पुरवा, दुघरा, अचलपुर, अकरडिया खुर्द, अकरडिया कला, लाशा, सुल्तानपुर, बहादुरपुर, मल्लाहन खेड़ा, चंद्रिका देवी तीर्थस्थल आदि है। प्रशासन ने हालांकि जमखनवां और अकरडिया कला में 35 नौका की व्यवस्था करने का दावा किया है। इसके अलावा आठ लेखपाल और तीन कानूनगो भी जलस्तर की निगरानी के लिए लगाए गए हैं।

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Vidushi Mishra

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