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Siddharthnagar: जनपद में अबतक करीब 5 हजार कार्डधारकों ने स्वेच्छा से राशन कार्ड कराया सरेंडर

Siddharthnagar: सिद्धार्थनगर ज़िले में अबतक करीब 5 हज़ार कार्डधारकों ने स्वेच्छा से जिलापूर्ति कार्यालय में अपना राशन कार्ड सरेंडर कर दिया है।

Intejar Haider
Published on: 25 May 2022 4:09 PM IST
Siddharthnagar News In Hindi
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जिलापूर्ति कार्यालय के बाहर लगी लोगों की भीड़। 

Siddharthnagar: अपात्र कार्डधारकों से रिकवरी होने की अफवाह के बीच सिद्धार्थनगर ज़िले में अबतक करीब 5 हज़ार कार्डधारकों ने स्वेच्छा से जिलापूर्ति कार्यालय में अपना राशन कार्ड सरेंडर कर दिया है। अभी इनकी संख्या दहाई में पहुंचने की उम्मीद है। जिलापूर्ति अधिकारी ने बताया कि अब तक शाशन के मंशा के अनुरूप किसी पर दबाव नहीं डाला गया है। मौजूदा समय मे अपात्र कार्डधारक स्वेच्छा से 2014 की गाइडलाइन के अनुरूप खुद ही अपना राशनकार्ड सरेंडर कर रहे है। अपात्रों के राशनकार्ड सरेंडर करने से गरीब पात्रों के राशनकार्ड बनने की संभावना बढ़ गई है।

सिद्धार्थनगर जिलापूर्ति कार्यालय (Siddharthnagar District Supply Office) के बाहर और अंदर लगी ये भीड़ कभी राशनकार्ड बनवाने के लिए परेशान थी। लेकिन आज यही लोग स्वेछा से अपने को अपात्र घोषित कर अपना राशनकार्ड जल्द से जल्द सरेंडर करना चाह रहे है। बदलाव और ईमानदारी की चल रही इस बयार के पीछे पिछले दिनों से गर्दिश कर रही ये अफवाह है कि जो भी अपात्र कार्डधारक मिला उससे पूरी खाद्यन्न की वसूली की जाएगी। सिद्धार्थनगर जिला ही नहीं पूरे प्रदेश में राशनकार्ड धारकों की संख्या इतनी बढ़ गई थी कि पात्र गरीबों का नया कार्ड नहीं बन पा रहा था।

सरकार के कार्डो के सत्यापन करने की बात से गरीब और पात्र लोग काफी खुश

जिम्मेदार अपात्र अमीरों का कार्ड निरस्त करना चाहते थे लेकिन उनके असर रसूख के आगे बेबस थे। लेकिन अब वही लोग जो 2014 के गाइडलाइन के अनुसार अपात्र है। किसी तरह अपना कार्ड निरस्त करा रहे है। उत्तरप्रदेश सरकार (UP Governmant) के कार्डो के सत्यापन करने की बात से गरीब और पात्र लोग काफी खुश है। उनका साफ कहना है कि सरकार की गरीबों के लिए चलाई जा रही अन्य योजनाओं की तरह अपात्र अमीरों ने राशनकार्ड बनवा लिया था। अब सरकार के सत्यापन करने के डर से वे सभी अपना कार्ड जमा कररहे है। लोगों ने कहा कि ऐसा सिर्फ योगी सरकार में ही मुमकिन था। गरीब पात्र काफी खुश है और सरकार की प्रशंशा कर रहे है।

ज़िले में करीब 5 हज़ार कॉर्ड धारको ने अपना कार्ड किया सरेंडर

वही इस मामले में जिलापूर्ति अधिकारी बृजेश कुमार मिश्रा (District Supply Officer Brijesh Kumar Mishra) ने कहा कि अब तक ज़िले में करीब 5 हज़ार कॉर्ड धारको ने अपना कार्ड सरेंडर किया है। किसी भी कॉर्ड धारक पर दबाव बनाकर राशनकार्ड सरेंडर नही कराया जा रहा है। 2014 की शहरी और ग्रामीणों के राशन कार्ड जारी करने की गाइडलाइन बाहर चस्पा कर दी गई है। उसके अनुसार जो अपने को अपात्र पाता है वो स्वेछा से सरेंडर कर रहा है।

ये लोग माने जाएंगे अपात्र

पूर्तिअधिकारी ने बताया कि राशनकार्ड के सत्यापन के लिए टीमें बनाई गई है। लेकिन रिकवरी को लेकर चल रही बातें निराधार और अफवाह है। पात्र और अपात्र को लेकर उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे लोग जो आयकर दाता हैं या उनके यहां ट्रेक्टर, हार्वेस्टर, एयर कंडीशन या 5 केवीए का जनरेटर है ऐसे परिवार जो 5 एकड़ से अधिक भूमि के मालिक हैं, साथ ही वे परिवार जिनके समस्त सदस्यों की आय 2 लाख प्रति वर्ष से अधिक है या उस परिवार में एक से अधिक शस्त्र लाइसेंस है। ऐसे लोग अपात्र माने जाएंगे। जबकि शहरी क्षेत्रों में अपात्रता की सूची में चार पहिया वाहन, 100 वर्ग मीटर से अधिक आवासीय प्लाट या मकान के अलावा 3 लाख प्रति वर्ष से अधिक की आय को मानक माना गया है।



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Deepak Kumar

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