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UP News: सितंबर महीने में 52 हजार राज्यकर्मियों का लटकेगा वेतन, संपत्ति का ब्यौरा न देने की वजह से हुई कार्रवाही

UP News: यूपी में सितंबर के महीने में लगभग 52 हजार कर्मचारियों का वेतन रुक सकता है।

Sonali kesarwani
Published on: 30 Sep 2024 3:15 AM GMT (Updated on: 30 Sep 2024 3:30 AM GMT)
UP News: सितंबर महीने में 52 हजार राज्यकर्मियों का लटकेगा वेतन, संपत्ति का ब्यौरा न देने की वजह से हुई कार्रवाही
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UP News: यूपी में जिन भी कर्मचारियों ने अपनी चल- अचल संपत्ति का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर नहीं दिया है। उनपर सख्ती दिखाते हुए सरकार सितंबर महीने में उनकी सैलरी काट सकती है। सरकार ने कड़े निर्देश देते हुए कहा कि जो कर्मचारी 30 सितंबर तक अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देंगे उन्हें वेतन नहीं मिलेगा। अब सरकार के इतने कड़े निर्देशों के बावजूद लगभग 52 हजार राज्यकर्मियों ने अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा अब तक नहीं दिया है। आज सोमवार तक इन कर्मचारियों ने मानव संपदा पोर्टल पर अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है।

किन अधिकारीयों ने नहीं दिया विवरण

आपको बता दें कि UPPCL के 7572 कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का विवरण नहीं दिया है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में 1674 कर्मियों का कोई विवरण नहीं मिला है। वहीं मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के 3033 कर्मियों का भी कोई विवरण नहीं मिला है। कानपुर केस्को के 45 कर्मचारी और यूपीपीसीएल मुख्यालय के 170 कर्मियों ने अपनी संपत्ति का कोई विवरण नहीं दिया है।

सरकार की तरफ से अंतिम मौका

पिछली बार अगस्त महीने में सरकार ने जब वेतन रोकने की घोषणा की तब 74 प्रतिशत कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया था। लेकिन इस बार सरकार ने कड़े निर्देश देते हुए कहा कि यह कर्मचारियों के लिए आखिरी मौका है। गौर करने की बात तो यह है कि इस संबंध में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से स्पष्ट आदेश होने के बावजूद राज्य के सभी वरिष्ठ अधिकारी ही अपनी चल-अचल संपत्ति बताने में हीला-हवाली कर रहे हैं। स्थिति यह है कि प्रथम व द्वितीय श्रेणी के 7,397 अधिकारियों ने अभी अपनी संपत्ति की जानकारी नहीं दी है। इसी तरह तृतीय श्रेणी में आने वाले 33 हजार से ज्यादा लिपिक(बाबू) आदि ने भी संपत्ति नहीं बताई है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक इसी श्रेणी में आने वाले 3.17 लाख पुलिसकर्मियों में से लगभग 3.15 लाख ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दे दिया है। सबसे कम चतुर्थ श्रेणी के लगभग 10 हजार अनुसेवक, चालक, माली, सफाईकर्मियों आदि हैं जिन्हें संपत्ति का ब्योरा देना है।

Sonali kesarwani

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Content Writer

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