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Satish Mahana: कनाडा में सतीश महाना बोले, भारत 2030 तक अपने लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में बढ़ रहा
Satish Mahana: 65वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों को सतीश महाना ने संबोधित किया। उन्होंने भारत के सतत विकास के लक्ष्यों के विषय पर भारतीय दृष्टिकोण को पेश किया।
Satish Mahana Conference Canada: उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंचामृत के सिद्धांतों के साथ देश को विकास के रास्ते पर ले जाने का हम सब भारतीयों का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री मोदी इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं। महाना ने जोर देते हुए कहा, कि भारत अपने लक्ष्यों को 2030 तक पूरा करने को लेकर कार्य कर रहा है।
कनाडा के हैलीफैक्स में 65 वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में गुरुवार (25 अगस्त 2022) को मौजूद विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों को सतीश महाना ने संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने सतत विकास के लक्ष्यों के विषय पर भारतीय दृष्टिकोण को पेश किया।
भारत के सतत विकास के लक्ष्यों के बारे में बताया
महाना बोले, 'इसे हासिल करने में भारत की परफॉर्मेंस रेटिंग 66 तक पहुंची है।' उन्होंने उत्तर प्रदेश और देश के अन्य राज्यों की जनसंख्या उनके आकार और जलवायु आदि पर भी चर्चा की। साथ ही, और कार्बन बजटिंग के पालन पर जोर दिया। महाना ने संसदीय सम्मेलन में सतत विकास के लक्ष्यों के बारे में विस्तार से बताया।
'राष्ट्रमंडल केवल नाम नहीं, बल्कि लक्ष्य है'
संसदीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र पर कनाडा की गवर्नर जनरल मैरी साइमन ने राष्ट्रमंडल सांसदों से लोकतांत्रिक सिद्धांतों और राष्ट्रमंडल के मूल्यों को बनाए रखने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, कि 'राष्ट्रमंडल केवल एक नाम नहीं है, बल्कि एक लक्ष्य है। दुनिया के सभी राष्ट्र एक समाज है, जो समान उद्देश्यों के लिए मिलकर काम करते हैं। गवर्नर जनरल मेरी साइमन ने सम्मेलन के उद्देश्यों और इसकी आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सम्मेलन संसदीय व्यवस्था के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। सम्मेलन में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के अध्यक्ष एंथोनी रोटा, संघ के महासचिव स्टीफन ट्विग, चीफ ऑफ प्रोटोकॉल ऑफ द पार्लियामेंट ऑफ कनाडा नैंसी एंकतील व कैथ बैन ने भी अपने विचार रखे।
राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन का ये है थीम
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन का थीम इंक्लूसिव, एक्सेसिबल अकाउंटेबल एंड स्ट्रांग पार्लियामेंट, द कॉर्नर स्टोन ऑफ डेमोक्रेसी एंड एसेंशियल फार डेवलपमेंट है। सम्मेलन के दौरान विभिन्न विषयों पर आठ कार्यशालाएं आयोजित होनी हैं। इस संसदीय सम्मेलन में भारत 'कार्यशाला जन संसद व नवाचार के माध्यम से सुगम्यता' में पैनलिस्ट के रूप में भाग ले रहा है।
यह सम्मेलन संसदीय प्रणाली में सुधार, अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक मुद्दों व इसकी प्रगति और वैश्विक राजनीतिक चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रमंडल संसदों और विधायिकाओं के प्रतिनिधियों को एक वार्षिक मंच प्रदान करता है।