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Teacher Recruitment: 69,000 शिक्षक भर्ती का मामला, 1 नंबर से फेल चयन अभ्यर्थियों से मांगे गए आवेदन
69000 Teacher Recruitment: दिसंबर में कोर्ट के आदेश के बाद 69,000 शिक्षकों की भर्ती परीक्षा में 1 नंबर से फेल हुए अभ्यर्थियों की नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो गया था।
69000 Teacher Recruitment: परिषदीय स्कूलों में 69,000 शिक्षकों की भर्ती की कार्रवाई शुरू हो गई है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी ने 1 नंबर से फेल चयन अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे हैं। 10 जनवरी से ऐसे अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई है। दिसंबर में कोर्ट के आदेश के बाद 69,000 शिक्षकों की भर्ती परीक्षा में 1 नंबर से फेल हुए अभ्यर्थियों की नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो गया था।
शासन के अनु सचिव धर्मेंद्र मिश्र ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को 22 दिसंबर 2022 को भेजे पत्र में पीड़िता अभ्यर्थियों से प्रत्यावेदन लेने और 25 अगस्त 2021 के पूर्व याचिका दायर करने वाले अभ्यर्थियों की सूची तैयार करने के आदेश दिए हैं। एक नंबर से पास होने वाले अभ्यर्थियों और पहले से पास अभ्यर्थियों (जिन्हें विवादित प्रश्न पर पूर्व में एक अंक नहीं दिए गए थे) की सूची तैयार कर बेसिक शिक्षा परिषद को भेजी जाएगी।
दो माह में पूरी होगी चयन प्रक्रिया
इस सूची के आधार पर दो महीने में चयन प्रक्रिया पूरी होगी। इस संबंध में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने एनआईसी से संपर्क किया है। अभ्यर्थियों का दावा है कि एक नंबर से फेल हो रहे एक हजार अभ्यर्थियों को इसका लाभ होगा।
क्या है पूरा विवाद
69,000 शिक्षक भर्ती परीक्षा में प्रश्न संख्या 60 में पूछा गया था - शैक्षिक प्रशासन उपयुक्त विद्यार्थियों को उपयुक्त शिक्षकों द्वारा समुचित शिक्षा प्राप्त करने योग्य बनाता है, जिससे वे उपलब्ध अधिक साधनों का उपयोग करके अपने प्रशिक्षण से सर्वोत्तम को प्राप्त करने में समर्थ हो सकें", यह परिभाषा दी गई है.... इस प्रश्न के चारों विकल्प गलत दिए गए थे। इसका सही जवाब ग्राहम बाल्फोर है। लेकिन परीक्षा नियामक प्राधिकारी के विशेषज्ञों ने वेलफेयर ग्राहम को सही मान लिया था। इसको लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 25 अगस्त 2021 को बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को उन अभ्यर्थियों का परिणाम घोषित करने का आदेश दिया था, जिन्होंने इस प्रश्न को हल करने की कोशिश की थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को जारी रखा।