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Sonbhadra News: लपटों की भेंट चढ़ी 70 बीघे की फसल, 20 लाख से अधिक नुकसान, फायर बिग्रेड को करनी पड़ी खासी मशक्कत

Sonbhadra News: चोपन थाना क्षेत्र के बघनार गांव (Baghnar Village) में शनिवार को संदिग्ध हाल में खलिहान में लगी आग ने 70 बीघे फसल जलाकर राख कर दी।

Kaushlendra Pandey
Published on: 17 Dec 2022 6:11 PM IST
70 bigha crop succumbed to flames, more than 20 lakh damage, fire brigade had to struggle a lot
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सोनभद्र: 70 बीघे की फसल जलकर राख 20 लाख से अधिक नुकसान, फायर बिग्रेड को करनी पड़ी खासी मशक्कत

Sonbhadra News: चोपन थाना क्षेत्र के बघनार गांव (Baghnar Village) में शनिवार को संदिग्ध हाल में खलिहान में लगी आग ने 70 बीघे फसल जलाकर राख कर दी। हालत यह थी कि फायर बिग्रेड की मशक्कत के बावजूद छह घंटे तक आग धधकती रही। इसके चलते आस-पास में भी देर तक अफरातफरी की स्थिति बनी रही। घटना की जानकारी पाकर मौके पर पहुंची राजस्व टीम ने क्षति का जायजा लिया। फिलहाल, इस अगलगी में 20 लाख से अधिक का नुकसान बताया जा रहा है।

चोपन थाना क्षेत्र के सोन नदी अंचल वाले इलाके में स्थित बघनारी गांव निवासी महेंद्र प्रताप सिंह और मनीष प्रताप सिंह ने अपने 70 बीघे खेत की धान की फसल मड़ाई के लिए एक ही खलिहान में रखी हुई थी। बताते हैं कि सुबह 10 बजे के करीब गांव के कुछ लोगों की नजर खलिहान की तरफ गई तो वहां से धुएं का गुबार उठता देख अवाक रह गए। कुछ ही देर में लपटें उठनी शुरू हो गई।

करीब घंटे भर बाद दमकल दस्ता मौके पर पहुंचा

तत्काल मामले की जानकारी फसल स्वामियों को दी गई। करीब घंटे भर बाद दमकल दस्ता भी मौके पर पहुंच गया और आगे को काबू करने की कोशिशें शुरू हो गई। हालत यह थी कि एक तरफ की आग बुझाई जाती तो दूसरी तरफ लपटें उठनी शुरू हो जाती। घंटों की मशक्कत के बाद, शाम चार बजे के करीब आग पर पूरी तरह से काबू पाया गया।

20 लाख से अधिक का नुकसान

करीब छह घंटे तक धधकती आग के चलते फसल को पूरी तरह से नष्ट होने का दावा किया जा रहा है। उधर, वाकए की जानकारी मिलने पर पहुंचे क्षेत्रीय लेखपाल सहित अन्य ने घटना की जानकारी ली और क्षति का आंकलन किया। पीड़ित किसानों का कहना है कि आग किसी तरह लगी या लगाई गई, इस बात की जानकारी अभी तक उन्हें नहीं फिल पाई है। उनके मुताबिक इस अगलगी की घटना से उन्हें 20 लाख से अधिक की क्षति पहुंची है। बता दें कि अवर्षण की स्थिति के चलते जिले के 30 फीसदी हिस्से में ही धान की खेती हो पाई थी। इसको देखते हुए, इसे बड़ा नुकसान माना जा रहा है।

Shashi kant gautam

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