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बहराइच के कतर्नियाघाट में 16 घोंसलों से निकले 700 नन्हें घड़ियाल

उत्तर प्रदेश में बहराइच के कतर्नियाघाट के गेरुआ नदी में निर्धारित समय से 10 दिन पहले नन्हें घड़ियालों ने दस्तक दे दी। इसका कारण सामान्य से अधिक तापमान माना जा रहा है।

tiwarishalini
Published on: 7 Jun 2017 12:57 PM IST
बहराइच के  कतर्नियाघाट में 16 घोंसलों से निकले 700 नन्हें घड़ियाल
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बहराइच: उत्तर प्रदेश में बहराइच के कतर्नियाघाट के गेरुआ नदी में निर्धारित समय से 10 दिन पहले नन्हें घड़ियालों ने दस्तक दे दी। इसका कारण सामान्य से अधिक तापमान माना जा रहा है।

16 घोसलें से निकले 700 बच्चे

- घड़ियालों ने 16 घोसलें सहेजे थे जिसमें से 700 बच्चे निकले।

- सभी को वन विभाग ने गेरुआ नदी में छोड़ दिया है।

-कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र से होकर बहने वाली नेपाल की गेरुआ नदी घड़ियालों के कुनबों को बढ़ाने में मददगार मानी जाती है।

- इस समय अनुमान के मुताबिक, नदी में लगभग 300 घड़ियाल मौजूद हैं। प्रति वर्ष फरवरी-मार्च माह में घड़ियाल नदी के टापू वाले स्थानों पर अंडे देकर उन्हें बालू के घोंसले में सहेज देते हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, एक घोंसले में कम से कम 19 और अधिक से अधिक 60 अंडे होते हैं।

बालुओं में ढकने के बाद मादा घड़ियाल अंडों के प्रति निश्चिंत हो जाती है। अंडों से बच्चों के निकलने का समय 15 जून होता है। लेकिन इस बार तराई का मौसम बार-बार अंगड़ाई ले रहा है। 20 दिन से जिले का तापमान सामान्य से अधिक रिकार्ड हो रहा था। इसकी वजह से वन विभाग के विशेषज्ञ निर्धारित समय से पहले घोसलों से बच्चों के निकलने का अनुमान लगा रहे थे। यह अनुमान सच साबित हुआ।

कतर्नियाघाट रेंज के वन क्षेत्राधिकारी आर.के.पी. सिंह जब भवनियापुर घाट पर घड़ियालों के सहेजे गए घोंसलों का मुआयना करने पहुंचे तो उन्हें कुछ में चहचहाहट की आवाज सुनाई पड़ी। वन क्षेत्राधिकारी ने तत्काल इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी । साथ ही कतर्नियाघाट में शोध कार्य कर रहे छात्रों को भी बुलाया गया।

अधिकारीयों के मुताबिक

- वन क्षेत्राधिकारी ने बताया, शोधार्थी छात्रों के साथ ही नाविक रामरूप के सहयोग से जिन घोंसलों से आवाज आ रही थी, उन्हें एक-एक कर खोला गया।

- 16 घोसलों से 700 नन्हें घड़ियाल निकले, जिन्हें गेरुआ नदी में छोड़ दिया गया है।

- इस बार मादा घड़ियालों ने 27 स्थानों पर घोंसले बनाकर अंडे सहेजे हैं। प्रतिदिन सुबह-शाम इन सभी घोंसलों की निगरानी हो रही है।

- अभी 11 घोंसले खुलने शेष हैं। अंडों से बच्चों के निकलने के लिए नदी क्षेत्र का तापमान 40 से 41 डिग्री होना चाहिए।

- लेकिन इस बार तापमान तीन से चार डिग्री सेल्सियस अधिक था, जिससे समय से 10 दिन पूर्व ही ब्रीडिंग की शुरुआत हुई।

-एक घोसले में औसतन अधिकतम 65 अंडे होते हैं। इस बार 27 घोसलों में मादा घड़ियाल ने अंडे सहेजे हैं। ऐसे में इस बार कम से लगभग 1900 नन्हें घड़ियाल निकलने का अनुमान है। संख्या कम और ज्यादा हो सकती है। शेष 11 घोंसलों के भी चार-पांच दिनों में खुलने की उम्मीद है।

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