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एक ही परिवार के आठ सदस्य हैं दृष्टिहीन, परिवार को अब PM और CM की मदद का सहारा
उत्तर प्रदेश के ठाकुरद्वारा मे सरकारी मदद के इंतज़ार मे एक ही परिवार के आठ लोगों ने अपनी आंखों की रौशनी गवा दी। आठ दृष्टिहीन लोगों मे से 4 को पेंशन के
बागपत :उत्तर प्रदेश के ठाकुरद्वारा मे सरकारी मदद के इंतज़ार मे एक ही परिवार के आठ लोगों ने अपनी आंखों की रौशनी गवा दी। आठ दृष्टिहीन लोगों मे से 4 को पेंशन के नाम पर कभी-कभी 300 रूपए की रकम का मरहम लगा जाता है।
क्या है मामला ?
-ठाकुरद्वारा तहसील क्षेत्र स्थित ग्राम तुमड़िया कला मे 65 वर्षीय अब्दुल रशीद का परिवार रहता है।
-इनकी दर्द भरी कहानी सुनकर हर कोई दंग रह जाता है लेकिन सालों से भ्रष्ट सिस्टम को कुछ नजर नही आता।
-पूरा परिवार गरीबी की हालत मे बेबसी की जिंदगी जीने को मजबूर है।
-बता दें कि अब्दुल रशीद के परिवार मे आठ लोग दृष्टिहीन हैं।
बच्चों के दृष्टिहीन होने के सवाल पर अब्दुल रशीद की 60 वर्षीय पत्नी फूट-फूट कर रोने लगी। अपनी बेबसी की कहानी बयान करते हुऐ बताया कि 10 साल से लेकर 15 साल तक की उम्र मे पहुंचते पहुंचते बच्चों की आंखो से रौशनी चली गई। अब्दुल रशीद के परिवार मे 4 लड़की और 4 लड़के दृष्टिहीन है। जिनके भविष्य की फ़िक्र हर समय बूढ़े माँ-बाप को घुट-घुट कर जीने के लिए मजबूर करती है।
3-4 महीने में एक बार मिलती है पेंशन
- हुऐ अब्दुल रशीद की पत्नी ने बताया कि सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने के बाद कभी-कभी चार बच्चों को तीन-तीन सौ रूपये की पेंशन मिलती है।
-उससे न ही बच्चों का इलाज हो पाता है और न ही खाने का इंतज़ाम।
-इतना ही नही एक तरफ जहां इनपर कुदरत का सितम टूट रहा है तो दूसरी तरफ ग्राम प्रधान और खण्ड विकास कार्यालय पर कार्यरत अधिकारियो की धाँधली के चलते इन्हें आज तक कोई लाभ नही मिल पाया।
पीएम और सीएम हैं उम्मीद की आखिरी किरण
- पीड़ित परिवार जिस मकान मे रहता है वह बेहद जर्जर है।
- सरकारी योजनाओ द्वारा गरीबों के लिए आने वाली आवासीय कालोनी मे चयन होने के बाद भी ग्राम प्रधान को रिश्वत न देने के कारण उस योजना से भी नाम कटवा दिया गया।
- अब इस पीड़ित परिवार को सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ और देश के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी से बड़ी उम्मीदें है की उन्हें सरकार कुछ मदद देगी और बेहतर इलाज से उनके घर मे उपजी ये बीमारी खत्म होगी।