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UP Electricity: कहीं आपका मीटर तो तेज नहीं चल रहा, मध्यांचल में 84 मीटर तेज चलते पाए गए
UP Electricity: बिजली के स्मार्ट मीटर सवालों के घेरे में हैं। जांच में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के तीन जिलों लखनऊ, बरेली और बाराबंकी में लगे 90 मीटरों में खराबी पाई गई है।
UP Electricity: उत्तर प्रदेश में लगाए गए बिजली के स्मार्ट मीटर सवालों के घेरे में हैं। जांच में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के तीन जिलों राजधानी लखनऊ, बरेली और बाराबंकी में लगे 90 मीटरों में खराबी पाई गई है। इनमें से 84 मीटर तेज चलते पाए गए और 6 मीटरों की गति धीमी पाई गई। विद्युत नियामक आयोग इसे लेकर गंभीर है। आयोग ने मामले को लेकर उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन के एमडी से विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
उप्र राज्य बिजली उपभोक्ता परिषद ने कार्रवाई की मांग की
उप्र राज्य बिजली उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार ने स्मार्ट मीटरों में गड़बड़ी की बात सामने आने के बाद उप्र विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर की। याचिका में उन्होंने बताया कि मध्यांचल में कुल 1911 स्मार्ट मीटर की जांच की गई, जिसमें से 90 मीटरों में खराबी पाई गई। इनमें से 84 मीटर तेज और 6 मीटर धीमी गति से चलते पाए गए हैं। ऐसे में ईईएसएल और घटिया स्मार्ट मीटर बनाने वाली कंपनियों को ब्लैक लिस्टेट किया जाए। याचिका में उन्होंने पॉवर कॉरपोरेशन के नियम का जिक्र करते हुए कहा कि दो प्रतिशत मीटरों में खराबी आने पर मीटरों की आपूर्ति करने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्ट में डालने का प्रावधान है।
राज्य बिजली उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में यह भी कहा कि राज्य की बिजली कंपनियों ने स्वतः मान लिया है कि स्मार्ट मीटर तेज चल रहा है और अभी तक उसके बीआईएस में जो फंक्शनल समस्या आई है, उसका जवाब नहीं आया है। इसके बावजूद एनर्जी एफिशिएंसी लिमिटेड व घटिया स्मार्ट मीटर निर्माता कंपनियों के विरूद्ध कार्रवाई नहीं की जा रही है।
सात दिन में मांगी रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह के निर्देश पर विद्युत नियामक आयोग के सचिव संजय कुमार सिंह ने उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक से पूरे मामले पर सात दिन में रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद आयोग आगे की कार्रवाई करेगा।