Jhansi News: मत्स्य पालकों का सीएम योगी पर बढ़ा विश्वास, आवेदन में पांच गुना का आया उछाल

Jahnsi News: प्रदेश की योगी सरकार बुंदेलखंड (Bundelkhand) में मत्स्य पालकों (fishermen) को योजनाओं का लाभ देने के लिए जो प्रयास कर रही है, उसका असर दिखाई देने लगा है।

Jhansi News: मत्स्य पालकों का सीएम योगी पर बढ़ा विश्वास, आवेदन में पांच गुना का आया उछाल
झाँसी: मत्स्य पालन के लिए बड़ी संख्या में आवेदकों ने दिखाई अपनी दिलचस्पी सीएम योगी पर बढ़ा विश्वास
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Jahnsi News: प्रदेश की योगी सरकार बुंदेलखंड (Bundelkhand) में मत्स्य पालकों (fishermen) को योजनाओं का लाभ देने के लिए जो प्रयास कर रही है, उसका असर दिखाई देने लगा है। मत्स्य पालन (Fisheries) से जुड़ी योजनाओं में अनुदान के लिए आवेदकों की संख्या में पिछले साल की तुलना में लगभग पांच गुना की बढ़ोत्तरी हुई है। झाँसी और चित्रकूट धाम समेत मंडल के सातों जिलों में इस बार बड़ी संख्या में आवेदकों ने अपनी दिलचस्पी दिखाई है।

मत्स्य पालकों को मिल रहा अनुदान

मत्स्य विभाग हैचरी स्थापना, निजी भूमि पर तालाब निर्माण, खारे पानी के क्षेत्रों में नया तालाब निर्माण, बायोफ्लोक तालाबों का निर्माण, फिश कियोस्क, केज कल्चर सहित अन्य विभिन्न तरह के कामों के लिए मत्स्य संपदा योजना के तहत अनुदान देता है। विभिन्न योजनाओं के लिए इस बार बड़ी संख्या में लोगों ने आवेदन किया है। झांसी मंडल के झांसी में इस बार 513, जालौन में 967 और ललितपुर में 1404 आवेदन आये हैं।

इसी तरह चित्रकूट धाम (Chitrakoot Dham) मंडल में बांदा में 1103, चित्रकूट में 441, हमीरपुर में 450 और महोबा में 151 आवेदन विभिन्न योजनाओं के लिए आये हैं। दोनों मंडलों के सातों जिलों में लगभग पांच हजार से अधिक आवेदन आये हैं। जिला स्तरीय समिति इन आवेदनों का परीक्षण कर लाभार्थियों का चयन करेगी।

योजनाओं का हुआ विस्तारीकरण

मत्स्य विभाग के झांसी और चित्रकूट धाम मंडल के उपनिदेशक ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले बार की तुलना में इस बार मत्स्य विभाग की विभिन्न योजनाओं में आवेदकों की संख्या लगभग पांच गुना बढ़ी है। लाभार्थियों के चयन की प्रक्रिया जिला स्तरीय समिति के माध्यम से संपन्न होगी। मत्स्य पालकों को कीमत अधिक मिल रही है, इससे उनमें रुझान बढ़ रहा है। मत्स्य पालकों के रुझान को देखते हुए योजनाओं का विस्तारीकरण करते हुए इस समय 25 योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, जिससे मत्स्य पालकों को प्रोत्साहन मिल रहा है।