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अयोध्या धर्म सभा पर पुजारी और मौलाना बोले, धर्म नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
अयोध्या हुयी धर्म सभा में पूरे उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में राम भक्तों के वहां पहुंचने से प्रदेश की राजनीती गर्म हो गयी है जिसका असर कानपुर में भी देखने को मिला।1992 में बाबरी ढांचा गिराने की रणनीति कानपुर में ही तैयार की गयी थी।कानपुर से मंदिर मुद्दे पर आपसी सौहाद्र और भाई चारे का मैसेज दिया गया है।
कानपुर: अयोध्या हुयी धर्म सभा में पूरे उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में राम भक्तों के वहां पहुंचने से प्रदेश की राजनीती गर्म हो गयी है जिसका असर कानपुर में भी देखने को मिला।1992 में बाबरी ढांचा गिराने की रणनीति कानपुर में ही तैयार की गयी थी।कानपुर से मंदिर मुद्दे पर आपसी सौहाद्र और भाई चारे का मैसेज दिया गया है।
धर्म नहीं सिखाता आपस ने बैर रखना
जहाँ एक साथ अजान होती और मंदिर की आरती होती है वहाँ मंदिर के पुजारी और मस्जिद के मौलाना ने कहा है कि आपसी धर्म नहीं सिखाता आपस ने बैर रखना,हमें मिलजुलकर रहना चाहिए। राजनीति से ऊपर उठकर सकारात्मक सोच के साथ इसका हल निकालना चाहिए।
यहाँ बाबुपुरवा कोतवाली क्षेत्र टाटमिल चौराहे पर सैकड़ो वर्ष पुराना मंदिर और मस्जिद है।इस मंदिर और मस्जिद का मुख्य द्वार एक ही है।इस द्वार से मंदिर पर पूजा करने वाले और मस्जिद पर नमाज पढ़ने वाले एक साथ आते जाते है। एक साथ अजान और पूजा आरती की जाती है।
टाटमिल चौराहे पर बनी एक मीनार मस्जिद और शिव संतोषी हनुमान मंदिर अंग्रेजों के समय का बना है हुआ है। मंदिर और मस्जिद की दीवार और छत एक है। इसके साथ ही मौलाना और मंदिर के पुजारी एक साथ आंगन में बैठकर कुरान और रामायण पढ़ते है। यह नजारा जो भी देखता है वो हैरान रह जाता है, गंगा यमुना की तहजीब की मिशाल देखने को मिलती है यहां।
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मंदिर के पुजारी जगदीश तिवारी ने बताया कि एक मीनार मस्जिद और मंदिर का निर्माण एक साथ हुआ था। इस मंदिर और मस्जिद का इतिहास बहुत पुराना है। इस बात के स्पष्ट प्रमाण किसी के पास नहीं है कि एक साथ मंदिर और मस्जिद का निर्माण किसने कराया था। उन्होंने बताया कि जब मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी ,शिवरात्रि ,नवरात्री बुढवा मंगल में यहाँ पर धार्मिक अनुष्ठान होते है। पूरे मंदिर के साथ ही साथ मस्जिद को भी सजाया जाता है। धार्मिक अनुष्ठानों में मुस्लिम समाज के लोग बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है।उनके द्वारा भंडारे व् पूजा पाठ के कार्यक्रमों में पूरी मदद की जाती है।
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एक मीनार मस्जिद के मौलाना मोहम्मद फैजान के मुताबिक मस्जिद और मंदिर की दीवारे और छत जुड़ी है। इसी प्रकार हमारे दिल भी जुड़े है मस्जिद में आने वाले नमाजी को कभी भी मंदिर में आने वाले भक्तों से कोई परेशानी नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि ईद ,बकरीद बारावफात या मुहर्रम के वक्त जिस तरह से मस्जिद की साज सज्जा की जाती है उसी प्रकार मंदिर की भी साज सज्जा होती है।
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एक मीनार मस्जिद और हनुमान जी मंदिर बना हुआ है जो आपसी भाई चारे को दर्शाता है इसी प्रकार पूरे देश के हिन्दू मुस्लिम भाई भी मिल जुलकर रहे हमारी अपील है।
मंदिर के पुजारी जगदीश तिवारी और मौलाना मोहम्मद फैजान अयोध्या मसले पर बोलते हुए कहा कि मेरी प्रदेश वासियों से अपील की है कि राजनीती से ऊपर उठ कर राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को सुलझा लिया जाये।