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छात्राओं के लिए अलग इंजीनियरिंग कालेजों की स्थापना का प्रस्ताव तैयार किया जाए
प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमलरानी वरूण ने प्रदेश में छात्राओं के लिए अलग इंजीनियरिंग कालेजों की स्थापना का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है।
लखनऊ: प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमलरानी वरूण ने प्रदेश में छात्राओं के लिए अलग इंजीनियरिंग कालेजों की स्थापना का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है।
साथ ही उन्होंने आर्थिक रूप से पिछड़े डिप्लोमा व इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं को जो गेट, जीपेट, आईईएम जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी करना चाहते हैं, उन्हे कोचिंग की सहायता देने की व्यवस्था देने का भी निर्देश दिया है।
एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में सोमवार को विभागीय समीक्षा बैठक में प्राविधिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि छात्र-छात्राओं को तकनीकी शिक्षा के माध्यम से एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना से जोड़ा जाये, इसके लिए छात्रों की वर्कशाप करायी जाये तथा उन्हें बेहतर तरीके से प्रशिक्षित किया जाये।
उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जुलाई में ही परिणाम का डिजिटल मूल्यांकन करा लिया जाये तथा आधा-अधूरा रिजल्ट अपलोड न किया जाये, इसके लिए एक कमेटी का गठन करें।
डिप्लोमा आदि की काउंसलिंग की अंतिम तिथि 15 जुलाई रखें इसके बाद 16 अगस्त तक प्रवेश की प्रक्रिया पूरी करा ली जाये तथा 16 अगस्त से 31 अगस्त तक प्रवेश से सम्बन्धित समस्याओं के लिए समय दें।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय अपने यहां पढ़ाने वाले अध्यापकों के बारे में सटीक जानकारी रखें, उनकी क्षमता, योग्यता तथा गुणवत्ता को प्वाइंटर में डाले जिससे छात्र वहां पढ़ने के लिए लालायित हो। सभी यूनिवर्सिटी को मिलाकर एक एडवायजरी कमेटी बनाई जायें।
जो इस बात का परीक्षण करें कि उत्तर प्रदेश और दूसरे राज्यों की शिक्षा प्रणाली में क्या अन्तर आ रहा है और इसे किस तरह से सुधारा जा सकता है।
मंत्री ने प्रारम्भिक प्रवेश परीक्षा को समय से कराये जाने तथा सही तरीके से काॅपी का मूल्यांकन किये जाने के निर्देश दिये।
इसके साथ ही उन्होंने कालेज में छात्रों की उपस्थिति अधिक से अधिक दर्ज कराने तथा 90 प्रतिशत या उससे अधिक उपस्थिति दर्ज करानेवाले छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित व पुरस्कृत करने के भी निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को देश में प्रथम स्थान पर पहुंचाना है। साथ ही प्रधानमंत्री ने जो डिजिटल इण्डिया का सपना देखा है, उसे साकार करना हमारा लक्ष्य है।
उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश कैसे बनाया जाये, यह शिक्षा पर ही आधारित
उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश कैसे बनाया जाये, यह शिक्षा पर ही आधारित है। इसके लिए तकनीकी शिक्षा के स्तर को और अधिक बेहतर बनाने की आवश्यकता है।
उन्होेंने कहा कि एकेटीयू कई इंजीनियर बनाता है, इंजीनियरिंग के दौरान छात्र-छात्राओं को किताबी ज्ञान के साथ-साथ प्रेक्टिकल अनुभव कराना अति आवश्यक है।
इसके लिए काॅलेजों में सुदृढ़ लैब की व्यवस्था कराई जाये। बैठक में एकेटीयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने बताया कि एकेटीयू जल्द ही ई-ऑफिस लागू करने जा रहा है, प्राविधिक शिक्षा से जुड़े समस्त राजकीय संस्थान और पॉलिटेक्निको में भी ई-ऑफिस लागू किया जाना चाहिए।