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Chitrakoot News: अब्बास अंसारी और निखत बानो मामले में जेल अफसरों की बढ़ी मुसीबत, एक्शन में योगी सरकार
Chitrakoot News: विधायक अब्बास अंसारी से पत्नी निखत बानो की जेल में बिना इंट्री मुलाकात कराने में जिन जेल अफसरों व सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर निलंबन की कार्रवाई हुई थी, अब उनकी संपत्ति का ब्योरा एसआईटी जुटा रही है।
Chitrakoot News: जेल अफसरों की मुसीबतें अब बढ़ती नजर आ रही हैं। विधायक अब्बास अंसारी से पत्नी निखत बानो की जेल में बिना इंट्री मुलाकात कराने में जिन जेल अफसरों व सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर निलंबन की कार्रवाई हुई थी, अब उनकी संपत्ति का ब्योरा एसआईटी जुटा रही है। इसको लेकर एसआईटी की टीमें जेल अफसरों के गांवों तक पहुंच चुकी हैं। वहां के स्थानीय प्रशासन की मदद लेकर पूरा ब्योरा खंगाला जा रहा है। एसआईटी की तीन टीमें रविवार को अलग-अलग जगहों के लिए रवाना हुई थीं। इनमें एक ने बांदा से सपा नेता के बेटे को उठाया है। दूसरी टीम डिप्टी जेलर (अब निलंबित) रजनीश सिंह पैतृक गांव बस्ती जिले के छावनी थाना स्थित गांव पहुंचकर उनके परिजनों से पूछताछ के साथ ही काफी ब्योरे की जानकारी ली थी। तीसरी टीम को वार्डर जगमोहन समेत एक अन्य के यहां पहुंचने की बात बताई जा रही है।
संपत्तियों की ब्यौरा खंगाल रही एसआईटी
जिले के कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। सूत्रों की मानें तो जेल अफसरों व वार्डरों को उपहारों के जरिए काफी उपकृत किया गया है। जिसमें डिप्टी जेलर की लग्जरी कार व वार्डर की खरीदी गई जमीन का मामला एसआईटी की जानकारी में आया था। सूत्र बताते हैं कि एसआईटी अब जेल अफसरों पर सख्त शिकंजा कसने की तैयारी कर चुकी है। इसके लिए अब उनके गांव तक पहुंचकर साक्ष्य खंगाले जा रहे हैं। एसआईटी की निगाह में जेल अफसरों ने उपकृत होने के बाद किस तरह संपत्ति बनाई है, इसका पूरा ब्योरा खंगाला जा रहा है। उनके बैंक खातों समेत अन्य संपत्तियों की खरीदारी में किस तरह लेनदेन हुआ और इसके पीछे कौन लोग शामिल रहे, यह जानकारी जुटाई जा रही है।
कड़ियों को जोड़कर एसआईटी बढ़ रही है आगे
जेल कनेक्शन मामले में अब तक छानबीन के दौरान मिली कड़ियों को जोड़कर एसआईटी आगे बढ़ रही है। अब तक निखत बानो अंसारी के मुख्य तौर पर मददगार रहे आरोपितों के कई करीबी भी एसआईटी की नजर में है। कुछ ऐसे लोग भूमिगत हो गए हैं, जिनकी तलाश में गोपनीय तरीके से पुलिस टीमों ने दबिशें भी दी है। सर्बिलांस टीमें कुछ चिन्हित लोगों के फोन का डिटेल खंगालने में जुटी हैं। भूमिगत लोगों का लोकेशन भी ट्रेस किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो स्थानीय तौर पर प्लाटिंग कारोबार में शामिल कुछ और लोग भी संदिग्धता के घेरे में आए हैं, जिनकी जेल कैंटीन के सप्लायर से बहुत ही नजदीकियां रही हैं। ऐसे कारोबारियों के कारोबार में फंडिंग की संदिग्धता को देखते हुए खंगाला जा रहा है।
बांदा में सपा नेता रहा जेल कैंटीन का सप्लायर
निखत बानो के प्रमुख मददगार रहे सपा नेता फराज के पकड़े जाने पर डीआईजी विपिन मिश्र ने स्पष्ट कर दिए थे कि चेन काफी लंबी है और इसके तार दूसरे जनपदों तक जुड़े हो सकते हैं। एसआईटी ने छानबीन के दौरान चित्रकूट के अलावा बांदा के भी कुछ लोग चिन्हित किए थे। बताते हैं कि रविवार की शाम बांदा से एक सपा नेता के बेटे को पुलिस ने उठाया है। पुलिस सपा नेता की तलाश में पहुंची थी, लेकिन वह नहीं मिला। सूत्रों की मानें तो सपा नेता पूर्व में जिला कारागार बांदा की कैंटीन में सामग्री सप्लायर रहा है। जिससे उसके जेल अफसरों से अच्छे संबंध रहे हैं। उसकी माफिया मुख्तार अंसारी से नजदीकियां भी रही।
बोले जिम्मेदार
डीआईजी चित्रकूटधाम रेंज विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि मामले की बारीकी से छानबीन के लिए 18 टीमें लगाई गई हैं। बांदा से एक व्यक्ति को पूछताछ के लिए लाया गया है। अब तक कई लोग पूछताछ के लिए बुलाए जा चुके हैं। कुछ मददगारों को चिन्हित कर सूची बनाई जा रही है। उनकी छानबीन भी चल रही है। जेल अधिकारियों से लेकर जो भी मददगार इसमें शामिल है, सभी के खिलाफ कार्रवाई होगी।