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Sonbhadra: छात्रा का अपहरण कर किया था दुष्कर्म, कई दिन तक बनाए रखा था बंधक, मिली 15 वर्ष की कैद

Sonbhadra: छात्रा का अपहरण कर कई दिन तक बंधक बनाए रखने और दुष्कर्म करने के मामले में दोषी को 15 वर्ष के कैद की सजा सुनाई गई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 23 Aug 2022 8:38 PM IST
Sonbhadra  News
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 सजा (photo : social media )

Sonbhadra: छात्रा का अपहरण कर कई दिन तक बंधक बनाए रखने और इस दौरान उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में दोषी को 15 वर्ष के कैद की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश (सीएडब्लू) सोनभद्र आशुतोष सिंह (Additional Sessions Judge Sonbhadra Ashutosh Singh) की अदालत ने यह फैसला सुनाया। 13 वर्ष पूर्व कालेज गई छात्रा का अपहरण कर उसे बंधक बनाकर दुष्कर्म करने के मामले में अधिवक्ताओं की दलील और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर दोषसिद्ध पाते हुए दोषी संतोष कुमार नाई को 15 वर्ष की कैद और 80 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाइ गई। अर्थदंड अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त कैद निर्धारित की गई।

यह है पूरा प्रकरण

अभियोजन कथानक के मुताबिक पन्नूगंज थाना क्षेत्र (Pannuganj Police Station Area) के एक गांव के व्यक्ति ने राबर्ट्सगंज कोतवाली (robertsganj kotwali) में आकर नवंबर 2009 में एक तहरीर दी। उसमें आरोप लगाया कि 12 अक्तूबर 2009 को सुबह उसकी बेटी जो बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा है, कॉलेज पढ़ने गई थी। राबर्ट्सगंज रेलवे फाटक के पास से पन्नूगंज थाना क्षेत्र (Pannuganj Police Station Area) के रघुनाथपुर गांव निवासी संतोष कुमार नाई पुत्र रामेश्वर नाई ने उसका अपहरण कर लिया और उसे वाराणसी ले जाकर बंधक बना लिया।

आरोप लगाया कि वह इस दौरान कर उसके साथ दुष्कर्म भी करता रहा। शादी के लिए भी दबाव बना रहा है। शादी न करने पर जान से मारने की धमकी द रहा है। उसने पुलिस को बताया कि उसकी पुत्री में उसे 21 नवंबर 2009 की शाम 7 बजे किसी तरह फोन कर पूरी घटना की जानकारी दी। इस पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर पीड़िता को बरामद किया और पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी।

दोषी को 15 वर्ष की कैद

सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी संतोष कुमार नाई को 15 वर्ष की कैद और 80 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। पीड़िता को अर्थदंड की आधी धनराशि प्रदान की जाएगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी अधिवक्ता विनोद कुमार पाठक एडवोकेट ने मामले की पैरवी की।

Deepak Kumar

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