तेज रफ्तार बिजली मीटरः अब आएगी अफसरों की शामत, नहीं बचेगा कोई

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए तत्काल अपर मुख्य सचिव ऊर्जा को लिखित निर्देश जारी किया कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद कई गुना बढ़ी यूनिट पकड़े जाने के बाद भी प्रकरण को दबाना और उसे उच्च स्तर पर न भेजना गंभीर मामला है।

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Published on: 27 Oct 2020 3:27 PM GMT
तेज रफ्तार बिजली मीटरः अब आएगी अफसरों की शामत, नहीं बचेगा कोई
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Action will be taken after investigation on high speed electricity meters

लखनऊः उपभोक्ता परिषद की शिकायत पर ऊर्जा मंत्री ने दिया स्मार्ट मीटर मामलें मे जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने का निर्देश।

जांच समिति 15 दिन में जांच कर अपनी रिपोर्ट दे देगी। इस आधार पर दोषी अधिकारियों व स्मार्ट मीटर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

उप्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने यूपी पावर कार्पोरेशन पर स्मार्ट मीटर के तेज चलने की शिकायतों की जांच रिपोर्टों को दबाने का आरोप लगाते हुए इस पूरे मामलें की शिकायत साक्ष्यों के साथ राज्य के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से की है।

उपभोक्ता परिषद की शिकायत पर ऊर्जा मंत्री ने गम्भीर रूख अपनाते हुए अपर मुख्य सचिव ऊर्जा को इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर जांच करवाने तथा दोषी अधिकारियों व स्मार्ट मीटर निर्माता कंपनी के खिलाफ 15 दिन में कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मंगलवार को बताया कि स्मार्ट मीटर के तेज चलने की आम शिकायत का खुलासा केवल इसलिए नहीं हो पाया क्योंकि जो भी उच्चाधिकारी इस प्रोजेक्ट में लगे है वह सब मीटर निर्माता कंपनी की वकालत करने में मशगूल है।

उन्होंने कहा कि उपभोक्ता परिषद् की शिकायत पर वर्ष 2019 में ही राजधानी लखनऊ में स्मार्ट मीटर कई गुना तेज चलता पकड़ा गया। दो बार जांच हुई दोनों बार तेज चलता मिला लेकिन उच्चाधिकारियो में मामले को रफादफा कर उपभोक्ता के मीटर तो बदल दिए लेकिन जांच रिपोर्ट दबा दी।

श्री वर्मा ने बताया कि करीब एक साल बाद अब उस दबी रिपोर्ट को उपभोक्ता परिषद् ने खोज निकला और उसको ऊर्जा मंत्री के सामने रखा। परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने ऊर्जा मंत्री से इस मामलें में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही किए जाने की मांग की।

ये है गंभीर अपराध

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए तत्काल अपर मुख्य सचिव ऊर्जा को लिखित निर्देश जारी किया कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद कई गुना बढ़ी यूनिट पकड़े जाने के बाद भी प्रकरण को दबाना और उसे उच्च स्तर पर न भेजना गंभीर मामला है।

उपभोक्ता हित में तत्काल उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर पूरे मामले की बिंदुवार जांच कराकर दोषी अधिकारियों व स्मार्ट मीटर निर्माता कंपनी के खिलाफ कठोर कार्यवाही करते हुए 15 दिन में रिपोर्ट भेजे। ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ता परिषद् अध्यक्ष को आश्वासन दिया कि कोई भी दोषी बचने वाला नहीं है सरकार उपभोक्ताओ के साथ है।

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