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प्रधानमंत्री आवास योजना में लापरवाही, सात जिलों के अफसरों पर कार्यवाही
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में लापरवाही बरतने पर 7 जिलों के अफसरों पर कार्यवाही हुई है। कामों के प्रगति की समीक्षा के बाद ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ महेन्द्र सिंह ने यह कार्यवाही की है।
लखनऊ: प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में लापरवाही बरतने पर 7 जिलों के अफसरों पर कार्यवाही हुई है। कामों के प्रगति की समीक्षा के बाद ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ महेन्द्र सिंह ने यह कार्यवाही की है।
दरअसल, बीते 20 सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिलों के कामों की समीक्षा की गई थी। इसमें बस्ती, गाजीपुर, कन्नौज, सीतापुर, बलिया, महोबा और सुल्तानपुर में लक्ष्य के सापेक्ष काम की गति काफी धीमी पाई गई थी। इस पर विभागीय मंत्री ने कड़ी नाराजगी जताई थी।
इसके बाद कन्नौज के परियोजना निदेशक को तात्कालिक प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए गए हैं। उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही भी संस्थित कर दी गई है। समीक्षा में पाया गया कि गाजीपुर और बलिया के परियोजना निदेशक लक्ष्य की प्राप्ति में रुचि नहीं ले रहे हैं। उनके विरुद्ध भी विभागीय कार्यवाही संस्थित की गई है। इसके अलावा मुख्य विकास अधिकारी महोबा/बलिया और परियोजना निदेशक महोबा, सीतापुर, सुल्तानपुर से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
इस कारण हुई थी कामों की समीक्षा
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत सभी बेघर परिवारों जो कच्चे और जीर्ण-शीर्ण मकानों में रह रहे हैं। सरकार ने उन्हें वर्ष 2022 तक बुनियादी सुविधाओं से युक्त पक्का आवास दिए जाने का लक्ष्य रखा है। वर्ष 2016-17 और 2017-18 के लिए निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष पात्र अभ्यर्थियों को पहली किस्त लाभार्थियों के खाते में भेजने को कहा गया था। बीते 18 जुलाई और 29 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सभी सीडीओ, परियोजना निदेशकों और जिला ग्राम्य विकास अभिकरण को यह निर्देश दिए गए थे। लेकिन 25 सितंबर की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में नतीजे लक्ष्य के अनुरूप नहीं मिले।