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योगी के सपने को लगा पलीता : अनफिट एंबुलेंस का सीएम ने किया इनोगरेशन....?
लखनऊ : सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीते गुरूवार को एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम (एएलएस) वाली एंबुलेंस का इनोगरेशन किया। सीएम ने इस दौरान आश्वस्त किया, कि आधुनिक उपकरणों से लैस ये विशेष एंबुलेंस प्रदेश के 75 जिलों में क्रिटकली इंजर्ड मरीजों को तत्काल चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराने में बड़ी भूमिका निभाएंगी। लेकिन न्यूजट्रैक डॉट कॉम के पास जो तस्वीर है, उसमें एंबुलेंस को कंपनी के गैराज में उपकरण लगवाते कैद किया गया है।
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ऐसे में बड़ा सवाल है, कि क्या सीएम योगी आदित्यनाथ से अधूरी या अनफिट एंबुलेंस का इनोगरेशन करवा लिया गया। वह भी उस समय जब योगी सरकार तेजी से जनहित के लिए काम करने का दावा कर रही है, और अपने कामों से यही संदेश देने का प्रयास भी कर रही है।
कंपनी के अधिकारी बोले- टेक्निकल प्राब्लम को दुरूस्त करना था मकसद
सीएम आदित्यनाथ ने जब एएलएस एंबुलेंस का उदघाटन किया तो दावा किया गया कि इस एंबुलेंस में एक वेंटिलेटर, आटोमैटिक एक्सटर्नल डिफैबरीलेटर डिवाइस, एक मल्टी पैरा मॉनीटर डिवाइस इंस्टॉल है। ताकि पेशेंट को हार्ट अटैक, बर्न, हेड इंजरी, ब्रीथिंग प्राब्लम, क्रिटकल डिलीवरी कंडीशन में तत्काल चिकित्सीय सहायता उपलब्ध करवाई जा सके। इस एंबुलेंस में इमरजेंसी दवाओं और इमरजेंसी मेडिकल टेक्निशियन का भी दावा किया गया।लेकिन जब सीएम के उदघाटन के एक दिन बाद ही इनमें से कई एंबुलेंस राजधानी के चिनहट स्थित गैराज पहुंची तो इनकी फिटनेस को लेकर संशय पैदा हो गया।
इन एंबुलेंसों की नोडल एजेंसी जीवीके ईएमआरआई के अधिकारी जितेंद्र कुमार वालिया ने बताया कि 150 एंबुलेंसों का सीएम ने इनोगरेशन किया था। इनमें से कुछ एंबुलेंसों में जिला मुख्यालयों पर जाते समय तकनीकी दिक्कत महसूस हुई तो उनको तत्काल गैराज बुला लिया गया और दिक्कत को दूर करके पूरा चेकअप करके एंबुलेंस को उसी दिन जिला मुख्यालयों पर भेज दिया गया। अब इन एंबुलेंस में कोई दिक्कत नहीं है।
कंपनी का दावा – गांवों में भी मरीज के पास पहुंचने में लगेगा मात्र 30 मिनट
कंपनी के अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि हमने पहले चरण में 150 एंबुलेंस को सरकार के अनुमोदन के बाद तैनात किया है। हमारी कोशिश है कि अर्द्ध शहरी इलाकों में 15 मिनट और गांवों में 30 मिनट में ये एंबुलेंस जरूर मरीज तक पहुंचे। हर एंबुलेंस में जीपीएस प्रणाली इंस्टाल है, जिससे इनकी मानीटरिंग जिला मुख्यालयों पर करने में आसानी रहेगी।