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गैंगरेप के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को जमानत देने वाले जज सस्पेंड
गैंगरेप मामले के आरोपी सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को जमानत देने वाले अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) ओम प्रकाश मिश्र द्वितीय को शुक्रवार (28 अप्रैल) को इलाहबाद हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति ने सस्पेंड कर दिया।
लखनऊ: गैंगरेप मामले के आरोपी सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को जमानत देने वाले अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) ओम प्रकाश मिश्र द्वितीय को शुक्रवार (28 अप्रैल) को इलाहबाद हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति ने सस्पेंड कर दिया। उनके अधिकार भी सीज कर दिए गए हैं। ओम प्रकाश पाॅक्सो कोर्ट में तैनात हैं और 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के महानिबंधक डीके सिंह ने इस बात की पुष्टि की कि प्रशासनिक समिति ने एडीजे ओम प्रकाश मिश्र को निलंबित कर दिया है।
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शुक्रवार को गायत्री प्रजापति को जमानत देने के फैसले के खिलाफ सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान ही एडीजे ओम प्रकाश मिश्र के खिलाफ कार्रवाई के संकेत मिल गए थे। चीफ जस्टिस डीबी भोंसले की कोर्ट ने उनके आचरण पर गंभीर टिप्पणियां की थीं। कोर्ट से उठते ही चीफ जस्टिस ने इस बाबत निर्देश जारी किया।
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इससे पहले चीफ जस्टिस डीबी भोंसले की कोर्ट ने अपने आदेश में मुख्य न्यायमूर्ति ने गायत्री व दो अन्य को जमानत देने वाले जज की मंशा पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा कि उक्त जज 30 अप्रैल को रिटायर होने जा रहे हैं और जिस प्रकार से उन्होंने काम किया, वह आपत्तिजनक है। हालांकि चीफ जस्टिस ने केस की मेरिट पर टिप्पणी करने से मना कर दिया।
कोर्ट के संज्ञान में लाया गया कि 24 अप्रैल को जमानत अर्जी दाखिल की गई। एडीजे ओम प्रकाश मिश्र ने उस पर अगले ही दिन सुनवाई लगा दी जबकि अमूमन ऐसे प्रकरणों में अभियोजन को पर्याप्त समय दिया जाता है।
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अगले दिन 25 अप्रैल को विवेचक ने अर्जी दी कि उसे पूरी केस डायरी पेश करने के लिए और समय दिया जाए, लेकिन एडीजे ने उक्त अर्जी खारिज करते हुए आॅर्डर शीट पर लिखा कि अपर शासकीय अधिवक्ता मौजूद केस डायरी से बहस के लिए तैयार हैं।
जबकि उनकी ओर से भी उसी दिन मामले में समुचित निर्देश लेने के लिए तीन दिन के समय की मांग की गई थी। एडीजे के सामने दाखिल अपनी अर्जी में गायत्री ने लिखा था कि उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। जबकि सरकार की ओर से उनके खिलाफ दर्ज कई केसों कण हवाला दिया गया
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गायत्री प्रजापति की जमानत पर रोक
गैंगरेप मामले में फंसे सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की जमानत पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार (28 फ़रवरी) को रोक लगा दी। इस मामले में अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी। बता दें 25 अप्रैल को ही लखनऊ की पाॅक्सो कोर्ट ने गायत्री प्रजापति और दो अन्य आरोपियों विकास वर्मा और पिंटू सिंह को जमानत दे दी थी। जिसे राज्य सरकार ने चुनौती दी। हाई कोर्ट ने इस मामले में जमानत पर रिहा हो चुके दो अन्य आरोपियों की अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह तथा विकास वर्मा को भी तत्काल गिरफ्तार करने का आदेश दिया है।
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गायत्री की जमानत होने के बावजूद वह अभी भी जेल में ही है, क्योंकि पुलिस ने दो अन्य मुकदमों में उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लिया हुआ है। राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोंसले ने की।
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सरकार ने शुक्रवार को ही याचिका दायर की और कोर्ट से अनुरोध किया कि मामला काफी गंभीर प्रकृति का है, इसलिए तत्काल सुनवाई की जाए। राज्य सरकार ने कहा कि अपर सत्र न्यायाधीश ने उसका पूरा पक्ष सुने बिना ही गायत्री व अन्य को जमानत दे दी। जबकि अपराध की विवेचना अभी चल रही है। कोर्ट ने इसके बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) ओम प्रकाश मिश्र द्वितीयके आदेश पर रोक लगा दी।
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