Chitrakoot: धर्मनगरी में आठ प्लाटिंग स्थल मानक विहीन, भूमाफिया हड़बड़ाए, प्रशासन ने की सख्ती

Chitrakoot News: धर्मनगरी के ईद-गिर्द पांच से दस किमी के दायरे में करीब आधा सैकड़ा स्थानों में प्लाटिंग का कारोबार जोरों से चल रहा है।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 3 Sep 2022 3:31 PM GMT
Illegal Plating in Chitrakoot
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Illegal Plating in Chitrakoot 

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Chitrakoot News: भगवान राम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट के आसपास प्लाटिंग करने वाले कारोबारी अब हड़बड़ा गए है। चिन्हित आठ प्लाटिंग कारोबारी कार्रवाई के घेरे में आ चुके है। खास बात यह है कि यहां पर ज्यादातर प्लाटिंग करने वालों के पास रियल स्टेट का पंजीकरण भी नहीं है। वह केवल कमाई के चक्कर में जमीनें खरीदकर प्लाटिंग करने लगते है।

धर्मनगरी के ईद-गिर्द पांच से दस किमी के दायरे में करीब आधा सैकड़ा स्थानों में प्लाटिंग का कारोबार जोरों से चल रहा है। प्लाटिंग कारोबार से जुड़े भूमाफिया मुख्यालय के आसपास व मुख्य मार्गों के किनारे जमीनें खरीदने के लिए किसानों से संपर्क साधते है। इसके लिए इन लोगों ने अपने एजेंट बना रखे है। बताते हैं कि प्लाटिंग का कारोबार करने वालों का रियल स्टेट या फिर अन्य कहीं से कोई पंजीकरण भी नहीं है। यह केवल सरकार को प्लाटिंग के कारोबार में राजस्व की क्षति पहुंचाने का ही काम कर रहे है। हाल ही में जिला प्रशासन ने आठ स्थानों में अवैध प्लाटिंग के ध्वस्तीकरण के आदेश जारी किए है। इससे इन भूमाफियाओं में खलबली बची है। अवैध तरीके से प्लाटिंग करने वाले हड़बड़ा गए है। सूत्रों की मानें इन भूमाफियाओं की टीम में सरकारी तंत्र से जुड़े लोग शामिल है।


जिनमें राजस्व विभाग के सर्वाधिक ऐसे कर्मचारी शामिल है, जिनको आसपास की कीमती जमीनों के संबंध में अच्छी जानकारी है, वह अभिलेखीय तौर पर भी जानकार है। इनके पास से ही जमीनी अभिलेखीय गुजरते है। इसके अलावा शिक्षा विभाग से जुड़े काफी लोग भी प्लाटिंग के अवैध कारोबार में शामिल है। सरकारी महकमों से जुड़े कर्मचारी भूमाफियाओं के साथ मिलकर इन्वेस्टर की अहम भूमिका अदा कर रहे है। मुख्यालय कर्वी व आसपास के राजस्व गांवों में अब तक कई राजस्व निरीक्षण ऐसे भी तैनात रह चुके है, जो बड़े पैमाने पर जमीनों की हेराफेरी करते हुए अब प्लाटिंग के कारोबार में अप्रत्यक्ष रुप से भागीदार बने है। पूर्व में इनके खिलाफ कई बार जांच भी हुई, लेकिन कुछ दिनों के बाद ही यह जांच फाइलें दबा दी गई। जिसकी वजह से यह कार्रवाई के घेरे में आने से खुद को बचाने में कामयाब होते रहे।

प्लाट बुकिंग से पहले सुविधाएं देना जरूरी

संबंधित प्लाटिंग स्थल पर प्लाट बुकिंग से पहले सड़क, नाली, पार्क, पार्किंग आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराना जरुरी है। लेकिन प्लाटिंग कारोबारी ऐसा कुछ नहीं करते। वह केवल संबंधित स्थल का समतलीकरण कराने के बाद कच्चा रास्ता बना देते है। स्थल के एक कोने में झोपड़ी बनाकर बोर्ड लगाने के साथ ही एक कर्मचारी को बैठा दिया जाता है। यही कर्मचारी यहां पर प्लाट देखने वालों को केवल दिखाने व बताने का काम करता है।

सस्ते के चक्कर में माफियाओं के झांसे में आ जाते

जमीन खरीदने वाले लोग सस्ते के चक्कर में इन माफियाओं के झांसे में आकर फंस जाते है। बताते हैं कि प्लाटिंग कारोबारी कई लग्जरी गाडियां केवल इस काम के लिए रखे हैं, जिनमें बैठाकर लोगों को साइडें दिखाने का काम किया जाता है। इन गाडियों में जनप्रतिनिधियों के पद लिखे हुए है। जिले में कुछ ऐसे भूमाफिया भी है, जिनके घर-परिवार का कोई पंचायत प्रतिनिधि भी नहीं है, फिर भी वह उच्च सदनों के पद लिखाकर गाडियां दौड़ा रहे है। ऐसा वह केवल अपनी हनक दिखाने का काम कर रहे है।

बोले जिम्मेदार

जिले में किसी प्लाटिंग कारोबारी का साडा में रजिस्ट्रेशन नहीं है। मनमाने तरीके से खेतों को खरीदकर प्लाटिंग की जा रही है, यह नियम विरुद्ध है। ऐसे लोगों को चिन्हित करने के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है। अभी तक आठ लोग चिन्हित हुए है। अन्य लोग भी चिन्हित किए जा रहे है। प्लाटिंग कारोबार मेें सरकारी तंत्र से जुड़े लोगों की सहभागिता की भी जानकारी मिली है, उनको भी चिन्हित किया जा रहा है। ऐसे कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

Admin 2

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